Sunday, June 29, 2025

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स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय का अस्पतालों को निर्देश परिसर में मेडिकल प्रतिनिधियों को प्रवेश न दें

अब मेडिकल प्रतिनिधियों को केंद्र सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों से सीधे मिलने की अनुमति नहीं होगी, दवा कंपनियों और मेडिकल पेशेवरों के बीच आपसी सांठगांठ पर लगाम लगाने मकसद से यह कदम उठाया गया है।

नई दिल्ली, 03 जून 2025 (यूटीएन)। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने केंद्र सरकार के अस्पतालों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अस्पताल परिसर में मेडिकल प्रतिनिधियों को अनुमति न दें। जानकारी के मुताबिक, अब मेडिकल प्रतिनिधियों को केंद्र सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों से सीधे मिलने की अनुमति नहीं होगी। दवा कंपनियों और मेडिकल पेशेवरों के बीच आपसी सांठगांठ पर लगाम लगाने मकसद से यह कदम उठाया गया है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने सभी सरकारी अस्पतालों को मेडिकल प्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया कि अगर दवा कंपनियां नए उपचार या चिकित्सा शोध के बारे में जानकारी साझा करना चाहती हैं तो उन्हें ईमेल या अन्य डिजिटल मीडिया के माध्यम से ऐसा करना होगा। 28 मई को जारी आदेश में सरकारी चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों को नई नीति का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
इसका मकसद फार्मा प्रतिनिधियों और डॉक्टरों के बीच अनियमित बातचीत की वजह से अस्पताल संचालन में होने वाली रुकावटों को भी रोकना है। कई बार देखा जाता है कि फार्मा प्रतिनिधि काफी देर तक चिकित्सकों से बात करते हैं, जिससे काम प्रभावित होता है और कई बार मरीजों को भी लंबा इंतजार करना पड़ता है।
*फार्मास्यूटिकल्स मार्केटिंग प्रैक्टिसेज के लिए यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया था*
पिछले साल फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने फार्मास्यूटिकल्स मार्केटिंग प्रैक्टिसेज (यूसीपीएमपी) के लिए यूनिफॉर्म कोड लागू किया था। नए नियमों से दवा कंपनियों को स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों या उनके रिश्तेदारों को उपहार या यात्रा भत्ते देने से रोक दिया गया था। नियम किसी भी परिस्थिति में डॉक्टरों या उनके परिवार के सदस्यों को नकद या मौद्रिक उपहार देने की अनुमति नहीं देते हैं। यूसीपीएमपी ने उन व्यक्तियों को निशुल्क औषधि नमूने वितरित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जो उन्हें लिखने के लिए अधिकृत ही नहीं हैं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय का अस्पतालों को निर्देश परिसर में मेडिकल प्रतिनिधियों को प्रवेश न दें

अब मेडिकल प्रतिनिधियों को केंद्र सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों से सीधे मिलने की अनुमति नहीं होगी, दवा कंपनियों और मेडिकल पेशेवरों के बीच आपसी सांठगांठ पर लगाम लगाने मकसद से यह कदम उठाया गया है।

नई दिल्ली, 03 जून 2025 (यूटीएन)। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने केंद्र सरकार के अस्पतालों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अस्पताल परिसर में मेडिकल प्रतिनिधियों को अनुमति न दें। जानकारी के मुताबिक, अब मेडिकल प्रतिनिधियों को केंद्र सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों से सीधे मिलने की अनुमति नहीं होगी। दवा कंपनियों और मेडिकल पेशेवरों के बीच आपसी सांठगांठ पर लगाम लगाने मकसद से यह कदम उठाया गया है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने सभी सरकारी अस्पतालों को मेडिकल प्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया कि अगर दवा कंपनियां नए उपचार या चिकित्सा शोध के बारे में जानकारी साझा करना चाहती हैं तो उन्हें ईमेल या अन्य डिजिटल मीडिया के माध्यम से ऐसा करना होगा। 28 मई को जारी आदेश में सरकारी चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों को नई नीति का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
इसका मकसद फार्मा प्रतिनिधियों और डॉक्टरों के बीच अनियमित बातचीत की वजह से अस्पताल संचालन में होने वाली रुकावटों को भी रोकना है। कई बार देखा जाता है कि फार्मा प्रतिनिधि काफी देर तक चिकित्सकों से बात करते हैं, जिससे काम प्रभावित होता है और कई बार मरीजों को भी लंबा इंतजार करना पड़ता है।
*फार्मास्यूटिकल्स मार्केटिंग प्रैक्टिसेज के लिए यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया था*
पिछले साल फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने फार्मास्यूटिकल्स मार्केटिंग प्रैक्टिसेज (यूसीपीएमपी) के लिए यूनिफॉर्म कोड लागू किया था। नए नियमों से दवा कंपनियों को स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों या उनके रिश्तेदारों को उपहार या यात्रा भत्ते देने से रोक दिया गया था। नियम किसी भी परिस्थिति में डॉक्टरों या उनके परिवार के सदस्यों को नकद या मौद्रिक उपहार देने की अनुमति नहीं देते हैं। यूसीपीएमपी ने उन व्यक्तियों को निशुल्क औषधि नमूने वितरित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जो उन्हें लिखने के लिए अधिकृत ही नहीं हैं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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