नई दिल्ली, 31 मई 2025 (यूटीएन)। सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का मुकाबला करना एक बड़ी चुनौती है और भारतीय सेना को भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ऐसे ही चैलेंज से दो-चार होना पड़ा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना का 15% वक्त फर्जी खबरों का मुकाबला करने में बर्बाद हो गया। जनरल चौहान ने शांग्री-ला डायलॉग के दौरान कहा, “फर्जी खबरों से निपटना एक लगातार काम था, हमारी कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी सोची-समझी हुई थी, हमने इस दौरान संतुलित रवैया अपनाया। बताना होगा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके में चल रहे आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था।

*मजबूत तथ्यों पर आधारित हो जानकारी*
चौहान ने कहा कि भारत की रणनीति हमेशा से यह रही है कि मजबूत तथ्यों पर आधारित जानकारी को ही प्राथमिकता दे। उन्होंने कहा कि इसे ऐसे समझें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले तीन दिनों में दो महिला अफसर सामने आईं क्योंकि हमारी मिलिट्री लीडरशिप ऑपरेशंस में व्यस्त थी और 10 तारीख के बाद ही डीजीएमओ मीडिया के सामने आए।
सीडीएस चौहान ने कहा कि इस संघर्ष के दौरान साइबर की भी भूमिका थी लेकिन इसका असर सीमित था। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के तनाव के दौरान स्कूल की वेबसाइट और कई पब्लिक प्लेटफॉर्म पर हमले हुए लेकिन हमारे ऑपरेशनल सिस्टम पर उनका कोई असर नहीं हुआ।
*गलत सूचनाएं फैलाने का लगाया था आरोप*
बताना जरूरी होगा कि एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान पर गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया था। विक्रम मिसरी ने कहा था कि सिरसा के एयर स्टेशन के तबाह होने का दावा पूरी तरह झूठा है और इसी तरह सूरत के एयर स्टेशन को लेकर किया गया दावा भी गलत है। विक्रम मिसरी ने भारत-पाकिस्तान के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रहे झूठ के जाल में न फंसने की अपील लोगों से की थी।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।