Monday, June 30, 2025

National

spot_img

क्रोध एक भयंकर शत्रु, परिवार सहित आने पर विनाश की कर देते हैं सभी हदें पार

सचेत करते हुए आगाह किया कि, क्रोध की स्थिति में बुद्धि ,ठीक काम नहीं करती है क्रोध में व्यक्ति दूसरों पर अन्याय करता है, अपराधी को मात्रा से अधिक दंड देता है।

बडौत, 20 मई 2025 (यूटीएन)। जिला आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा जून माह में होने वाले आवासीय संस्कार शोधक शिविर स्थल नगर के चौ केहर सिंह दिव्य पब्लिक स्कूल में पहुंचकर सभा मंत्री रवि शास्त्री ने बच्चों को शिविर में आने का आह्वान करते हुए कहा, क्रोध एक भयंकर शत्रु है। यह बहुत विनाशक है। इससे और इसके परिवार वालों से भी बचकर रहें। कहा कि, जब कोई व्यक्ति आप पर झूठा आरोप लगाए,आपके आदेश निर्देश का पालन न करें, अपनी मनमानी करें,आपकी इच्छा के विरुद्ध काम करें, आपकी किसी प्रकार की हानि करें अथवा अन्य किसी प्रकार से असभ्यता करें, तब जो आपके मन में उससे बदला लेने की, उसका विनाश करने की इच्छा उत्पन्न होती है, ऐसी इच्छा को क्रोध कहते हैं।

सचेत करते हुए आगाह किया कि, क्रोध की स्थिति में बुद्धि ,ठीक काम नहीं करती है। क्रोध में व्यक्ति दूसरों पर अन्याय करता है ।अपराधी को मात्रा से अधिक दंड देता है। जब क्रोध आता है तो, उसके साथ साथ, उसके परिवार के अन्य सदस्य भी चले आते हैं ,जो हठ, छल, कपट ,धोखा, निंदा, चुगली ,अभिमान इत्यादि हैं।इन सब से बचकर रहें ,अन्यथा यह आप का विनाश कर देंगे। क्रोध करना अनुचित है, इसलिए क्रोध से बचें। स्वयं सुखी रहें तथा दूसरों को भी सुख देवें। उत्तम रीति से जीवन जीने का यही तरीका है।

इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन डॉ मनीष तोमर, डॉ गीतांजलि तोमर, डॉ शस्या तोमर,प्रधानाचार्य जितेंद्र प्रताप सिंह , रामपाल तोमर, कपिल आर्य, धर्मपाल त्यागी आदि का सहयोग रहा।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

spot_img

क्रोध एक भयंकर शत्रु, परिवार सहित आने पर विनाश की कर देते हैं सभी हदें पार

सचेत करते हुए आगाह किया कि, क्रोध की स्थिति में बुद्धि ,ठीक काम नहीं करती है क्रोध में व्यक्ति दूसरों पर अन्याय करता है, अपराधी को मात्रा से अधिक दंड देता है।

बडौत, 20 मई 2025 (यूटीएन)। जिला आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा जून माह में होने वाले आवासीय संस्कार शोधक शिविर स्थल नगर के चौ केहर सिंह दिव्य पब्लिक स्कूल में पहुंचकर सभा मंत्री रवि शास्त्री ने बच्चों को शिविर में आने का आह्वान करते हुए कहा, क्रोध एक भयंकर शत्रु है। यह बहुत विनाशक है। इससे और इसके परिवार वालों से भी बचकर रहें। कहा कि, जब कोई व्यक्ति आप पर झूठा आरोप लगाए,आपके आदेश निर्देश का पालन न करें, अपनी मनमानी करें,आपकी इच्छा के विरुद्ध काम करें, आपकी किसी प्रकार की हानि करें अथवा अन्य किसी प्रकार से असभ्यता करें, तब जो आपके मन में उससे बदला लेने की, उसका विनाश करने की इच्छा उत्पन्न होती है, ऐसी इच्छा को क्रोध कहते हैं।

सचेत करते हुए आगाह किया कि, क्रोध की स्थिति में बुद्धि ,ठीक काम नहीं करती है। क्रोध में व्यक्ति दूसरों पर अन्याय करता है ।अपराधी को मात्रा से अधिक दंड देता है। जब क्रोध आता है तो, उसके साथ साथ, उसके परिवार के अन्य सदस्य भी चले आते हैं ,जो हठ, छल, कपट ,धोखा, निंदा, चुगली ,अभिमान इत्यादि हैं।इन सब से बचकर रहें ,अन्यथा यह आप का विनाश कर देंगे। क्रोध करना अनुचित है, इसलिए क्रोध से बचें। स्वयं सुखी रहें तथा दूसरों को भी सुख देवें। उत्तम रीति से जीवन जीने का यही तरीका है।

इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन डॉ मनीष तोमर, डॉ गीतांजलि तोमर, डॉ शस्या तोमर,प्रधानाचार्य जितेंद्र प्रताप सिंह , रामपाल तोमर, कपिल आर्य, धर्मपाल त्यागी आदि का सहयोग रहा।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

National

spot_img

International

spot_img
RELATED ARTICLES