बागपत, 19 मई 2025 (यूटीएन)। जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना एवं मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की प्रगति की समीक्षा हेतु बैठक का आयोजन किया गया , जिसमें संबंधित विभागों एवं बैंकों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। जिलाधिकारी ने योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों, स्वीकृतियों एवं ऋण वितरण की विस्तृत समीक्षा करते हुए बैंकों के कार्य की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की। स्पष्ट कहा कि पात्र युवाओं को समय पर ऋण उपलब्ध कराना बैंकों की जिम्मेदारी है और इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के अंतर्गत अब तक कुल 391 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 348 आवेदन बैंकों को प्रेषित किए गए हैं। जबकि अब तक मात्र 65 आवेदन ही बैंक द्वारा स्वीकृत हुए हैं 40 आवेदनों पर ऋण वितरण किया गया है,जिसमें ₹15.50 लाख मार्जिन मनी वितरित की गई है। इस धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सभी बैंकों को निर्देशित किया कि ,वे लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करें और योजनाओं के लाभ को पात्र युवाओं तक सुनिश्चित रूप से पहुँचाएं।
बताया कि, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना, राज्य सरकार द्वारा संचालित एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना एवं उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर उनका आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है। इस योजना के अंतर्गत युवा उद्यमियों को नए उद्योग या व्यापार की स्थापना हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। योजना के तहत ₹5 लाख तक की परियोजनाओं पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, जिसकी आयु 21 से 40 वर्ष के बीच हो तथा न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा 8वीं उत्तीर्ण या समकक्ष और मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से कौशल संबंधित प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री होनी चाहिए। साथ ही, आवेदक पीएम स्वनिधि योजना के सिवाय किसी अन्य स्वरोजगार योजना से लाभान्वित न हो रहा हो। इच्छुक अभ्यर्थी योजना की वेबसाइट https://diupmsme.upsdc.gov.in/login/Registration_Login पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि संबंधित विभाग एवं बैंक समन्वय बनाकर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें, ताकि अधिक से अधिक युवाओं तक इन योजनाओं की जानकारी पहुँचे और वे लाभ प्राप्त कर सकें। साथ ही, उन्होंने बैंकों को चेतावनी दी कि, यदि ऋण स्वीकृति एवं वितरण की प्रक्रिया में लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक प्रशासनिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव , जीएमडीआईसी अर्चना तिवारी सहित संबंधित बैंकों के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |