Monday, June 30, 2025

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आदर्श पब्लिक स्कूल में श्रद्धाभाव से मनाई गई बुद्ध पूर्णिमा ,बच्चों को बुद्ध के उपदेशों से जगे शांति व करुणा के भाव

29 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग कर वैराग्य धारण किया और कठोर तप व ध्यान के पश्चात् उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई, इसके पश्चात वे बुद्ध कहलाए।

खेकड़ा,12 मई 2025 (यूटीएन)। कस्बे के आदर्श पब्लिक स्कूल में सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा पर्व श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाया गया। विद्यार्थियों ने भगवान बुद्ध के जीवन, उनके उपदेशों और शिक्षाओं पर आधारित प्रस्तुतियां दीं, जिससे उपस्थित जनों को शांति, अहिंसा व करुणा का संदेश मिला।

शुभारम्भ प्रधानाचार्य कोमल शर्मा ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया। उन्होने बच्चों को भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी घटनाओं को साझा करते हुए बताया कि उनका मूल नाम सिद्धार्थ था और उनका जन्म लुंबिनी नामक स्थान पर हुआ था। 29 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग कर वैराग्य धारण किया और कठोर तप व ध्यान के पश्चात् उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। इसके पश्चात वे बुद्ध कहलाए।

बताया कि महात्मा बुद्ध एक महान संत, दार्शनिक और विचारक थे। उन्होंने संपूर्ण विश्व को सत्य, अहिंसा, शांति, ज्ञान और करुणा का मार्ग दिखाया। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें धार्मिक सहिष्णुता और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकगण भी उत्साहपूर्वक शामिल हुए और सभी ने भगवान बुद्ध के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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आदर्श पब्लिक स्कूल में श्रद्धाभाव से मनाई गई बुद्ध पूर्णिमा ,बच्चों को बुद्ध के उपदेशों से जगे शांति व करुणा के भाव

29 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग कर वैराग्य धारण किया और कठोर तप व ध्यान के पश्चात् उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई, इसके पश्चात वे बुद्ध कहलाए।

खेकड़ा,12 मई 2025 (यूटीएन)। कस्बे के आदर्श पब्लिक स्कूल में सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा पर्व श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाया गया। विद्यार्थियों ने भगवान बुद्ध के जीवन, उनके उपदेशों और शिक्षाओं पर आधारित प्रस्तुतियां दीं, जिससे उपस्थित जनों को शांति, अहिंसा व करुणा का संदेश मिला।

शुभारम्भ प्रधानाचार्य कोमल शर्मा ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया। उन्होने बच्चों को भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी घटनाओं को साझा करते हुए बताया कि उनका मूल नाम सिद्धार्थ था और उनका जन्म लुंबिनी नामक स्थान पर हुआ था। 29 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग कर वैराग्य धारण किया और कठोर तप व ध्यान के पश्चात् उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। इसके पश्चात वे बुद्ध कहलाए।

बताया कि महात्मा बुद्ध एक महान संत, दार्शनिक और विचारक थे। उन्होंने संपूर्ण विश्व को सत्य, अहिंसा, शांति, ज्ञान और करुणा का मार्ग दिखाया। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें धार्मिक सहिष्णुता और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकगण भी उत्साहपूर्वक शामिल हुए और सभी ने भगवान बुद्ध के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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