Wednesday, March 12, 2025

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CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान, ‘मध्य प्रदेश में जबरन धर्मांतरण पर मौत की सजा

ऐसे अपराधियों को मौत की सजा दी जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है.

मध्य प्रदेश, 09 मार्च 2025 (यूटीएन)।  मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार जबरन धर्मांतरण करने वालों को मृत्युदंड देने के लिए कानून में संशोधन करेगी. उन्होंने कहा कि जैसे प्रदेश में बलात्कार के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया था, वैसे ही अब लड़कियों के जबरन धर्मांतरण पर भी फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संशोधन मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट में किया जाएगा. हालांकि, इस घोषणा के बाद जब यह मामला चर्चा में आया, तो मुख्यमंत्री कार्यालय CMO ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि राज्य में पहले से ही धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू है, जो जबरन या धोखे से किए गए धर्मांतरण और विवाह पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करता है. मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू हो रहा है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि सरकार इस सत्र में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 में संशोधन कर मृत्युदंड का प्रावधान जोड़ सकती है.

यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा. सीएम मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार नाबालिगों से बलात्कार के मामलों में भी कठोरतम कार्रवाई कर रही है. उन्होंने दोहराया कि ऐसे अपराधियों को मौत की सजा दी जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है.

उन्होंने कहा कि लड़कियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और जबरन धर्मांतरण या महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय सहन नहीं किया जाएगा. मध्य प्रदेश पहले से ही जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़े कानूनों वाला राज्य रहा है. 2017 में, राज्य सरकार ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के बलात्कारियों को मौत की सजा देने के लिए एक विधेयक पारित किया था. हालांकि, इस कानून के तहत अब तक किसी को फांसी नहीं दी गई है.

मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह ऐलान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस प्रस्ताव को कानूनी रूप दे पाती है या नहीं.

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CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान, ‘मध्य प्रदेश में जबरन धर्मांतरण पर मौत की सजा

ऐसे अपराधियों को मौत की सजा दी जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है.

मध्य प्रदेश, 09 मार्च 2025 (यूटीएन)।  मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार जबरन धर्मांतरण करने वालों को मृत्युदंड देने के लिए कानून में संशोधन करेगी. उन्होंने कहा कि जैसे प्रदेश में बलात्कार के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया था, वैसे ही अब लड़कियों के जबरन धर्मांतरण पर भी फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संशोधन मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट में किया जाएगा. हालांकि, इस घोषणा के बाद जब यह मामला चर्चा में आया, तो मुख्यमंत्री कार्यालय CMO ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि राज्य में पहले से ही धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू है, जो जबरन या धोखे से किए गए धर्मांतरण और विवाह पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करता है. मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू हो रहा है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि सरकार इस सत्र में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 में संशोधन कर मृत्युदंड का प्रावधान जोड़ सकती है.

यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा. सीएम मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार नाबालिगों से बलात्कार के मामलों में भी कठोरतम कार्रवाई कर रही है. उन्होंने दोहराया कि ऐसे अपराधियों को मौत की सजा दी जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है.

उन्होंने कहा कि लड़कियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और जबरन धर्मांतरण या महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय सहन नहीं किया जाएगा. मध्य प्रदेश पहले से ही जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़े कानूनों वाला राज्य रहा है. 2017 में, राज्य सरकार ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के बलात्कारियों को मौत की सजा देने के लिए एक विधेयक पारित किया था. हालांकि, इस कानून के तहत अब तक किसी को फांसी नहीं दी गई है.

मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह ऐलान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस प्रस्ताव को कानूनी रूप दे पाती है या नहीं.

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