Wednesday, March 12, 2025

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पीएम मोदी ने साझा की जहान-ए-खुसरो की झलकियां, कहा- आयोजन में हिंदुस्तान की मिट्टी…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जहान-ए-खुसरो कार्यक्रम की झलकियां साझा कीं। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में वह एक दिन पहले शामिल हुए थे। इस साल अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा यह भव्य सूफी संगीत समारोह संगीत और संस्कृति को समर्पित है, जिसकी शुरुआत 28 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी के सुंदर नर्सरी में हुई।

ट्विटर पर शेयर की कार्यक्रम की झलक
पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकउंट पर साझा किया। वीडियो में विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति की झलक दिखी। साथ ही पीएम का संबोधन भी दिखा। उन्होंने आयोजन की तारीफ की

क्या कहा पीएम मोदी ने?
कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश की संस्कृति और कला के लिए ऐसे उत्सवों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “महफिल में आने से पहले मुझे तेह बाजार जाने का अवसर मिला… ऐसे पल ना केवल देश की संस्कृति और कला के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि राहत की भावना भी लाते हैं।” पीएम मोदी ने आगे कहा, “जहान-ए-खुसरो की यात्रा 25 साल पूरे कर रही है। इन वर्षों में इस उत्सव ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है, जो इसकी सबसे बड़ी सफलता है।” 

रमजान की दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर रमजान की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा, “मैं पूरे देश को रमजान की शुभकामनाएं देता हूं। चूंकि मैं सुंदर नर्सरी में हूं, इसलिए आगा खान को याद करना महत्वपूर्ण है। सुंदर नर्सरी को सुंदर बनाने में उनका योगदान कई कलाकारों के लिए वरदान रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “यहां प्रस्तुत ‘नजर-ए-कृष्ण’ में हमने अपनी साझी विरासत की झलक देखी। इस आयोजन में जहान-ए-खुसरो की अनूठी खुशबू है। हिंदुस्तान की मिट्टी की खुशबू!” पीएम मोदी ने कहा कि अमीर खुसरो ने उस समय भारत को दुनिया के सभी बड़े देशों से महान बताया था। उन्होंने कहा, “हजरत अमीर खुसरो ने उस समय भारत को दुनिया के सभी बड़े देशों से महान बताया था।उन्होंने संस्कृत को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भाषा बताया था। वह भारत के ज्ञानियों को महानतम विद्वानों से भी महान मानते थे।”

कब तक चलेगा महोत्सव?
28 फरवरी से 2 मार्च तक चलने वाले इस तीन दिवसीय महोत्सव में दुनिया भर के कलाकार अमीर खुसरो की विरासत का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। रूमी फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस महोत्सव की शुरुआत 2001 में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और कलाकार मुजफ्फर अली ने की थी और इस साल यह अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है।

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पीएम मोदी ने साझा की जहान-ए-खुसरो की झलकियां, कहा- आयोजन में हिंदुस्तान की मिट्टी…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जहान-ए-खुसरो कार्यक्रम की झलकियां साझा कीं। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में वह एक दिन पहले शामिल हुए थे। इस साल अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा यह भव्य सूफी संगीत समारोह संगीत और संस्कृति को समर्पित है, जिसकी शुरुआत 28 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी के सुंदर नर्सरी में हुई।

ट्विटर पर शेयर की कार्यक्रम की झलक
पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकउंट पर साझा किया। वीडियो में विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति की झलक दिखी। साथ ही पीएम का संबोधन भी दिखा। उन्होंने आयोजन की तारीफ की

क्या कहा पीएम मोदी ने?
कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश की संस्कृति और कला के लिए ऐसे उत्सवों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “महफिल में आने से पहले मुझे तेह बाजार जाने का अवसर मिला… ऐसे पल ना केवल देश की संस्कृति और कला के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि राहत की भावना भी लाते हैं।” पीएम मोदी ने आगे कहा, “जहान-ए-खुसरो की यात्रा 25 साल पूरे कर रही है। इन वर्षों में इस उत्सव ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है, जो इसकी सबसे बड़ी सफलता है।” 

रमजान की दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर रमजान की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा, “मैं पूरे देश को रमजान की शुभकामनाएं देता हूं। चूंकि मैं सुंदर नर्सरी में हूं, इसलिए आगा खान को याद करना महत्वपूर्ण है। सुंदर नर्सरी को सुंदर बनाने में उनका योगदान कई कलाकारों के लिए वरदान रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “यहां प्रस्तुत ‘नजर-ए-कृष्ण’ में हमने अपनी साझी विरासत की झलक देखी। इस आयोजन में जहान-ए-खुसरो की अनूठी खुशबू है। हिंदुस्तान की मिट्टी की खुशबू!” पीएम मोदी ने कहा कि अमीर खुसरो ने उस समय भारत को दुनिया के सभी बड़े देशों से महान बताया था। उन्होंने कहा, “हजरत अमीर खुसरो ने उस समय भारत को दुनिया के सभी बड़े देशों से महान बताया था।उन्होंने संस्कृत को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भाषा बताया था। वह भारत के ज्ञानियों को महानतम विद्वानों से भी महान मानते थे।”

कब तक चलेगा महोत्सव?
28 फरवरी से 2 मार्च तक चलने वाले इस तीन दिवसीय महोत्सव में दुनिया भर के कलाकार अमीर खुसरो की विरासत का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। रूमी फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस महोत्सव की शुरुआत 2001 में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और कलाकार मुजफ्फर अली ने की थी और इस साल यह अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है।

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