नई दिल्ली, 02 अप्रैल 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार 31 मार्च को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया। आडवाणी को यह सम्मान उनके दिल्ली स्थित आवास में दिया गया। इस दौरान उनके सबसे प्रिय शिष्य पीएम मोदी भी मौजूद थे लेकिन इस सम्मान कार्यक्रम पर कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने आपत्ति जताई है। उनका आरोप है की पीएम मोदी ने राष्ट्रपति का अपमान किया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा कर यह आरोप लगाया कि जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एलके आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही थीं तब, पीएम मोदी अपनी सीट पर बैठे हुए थे। बीजेपी ने इसपर जवाब दिया है।
*आडवाणी को सम्मान, विपक्ष को क्या दिक्कत?*
31 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लालकृष्ण आडवाणी को उनके घर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू, पीएम मोदी समेत कई लोग मौजूद थे। अवार्ड देते वक्त एक तस्वीर पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह हमारी राष्ट्रपति महोदया का घोर अपमान है। प्रधानमंत्री को अवश्य खड़ा होना चाहिए था। अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने दो तस्वीरें भी लगाईं। तस्वीरों से बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जब आडवाणी को सम्मानित कर रही थीं तब पीएम मोदी अपनी कुर्सी पर बैठे थे। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल से लिखा कि देश की महामहिम राष्ट्रपति खड़ी हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैठे हैं। एक बार फिर मोदी ने जानबूझकर आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान किया है।
यह पहली बार नहीं है- जब नई संसद का उद्घाटन हुआ तब उन्हें बुलाया नहीं गया और राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी राष्ट्रपति जी नहीं दिखीं। यह घटनाएं बताती हैं कि पीएम मोदी और भाजपा की मानसिकता महिला और दलित विरोधी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देश की प्रथम नागरिक मतलब महामहिम राष्ट्रपति जी का मान-सम्मान सर्व प्रथम और सर्वोपरि होना चाहिए।कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने निशाना साधते हुए कहा कि तस्वीर में खड़ी हुईं महिला इस देश की प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी हैं। बैठे लोगों में वयोवृद्ध अडवाणी जी हैं, जिन्हें घर पर भारत रत्न दिया,दूसरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
यह सिर्फ़ प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति का ही अपमान नहीं, सामान्य शिष्टाचार के भी खिलाफ है। यह इज्जत है आदिवासी, वंचित, शोषित समाज की? लानत है। गला फाड़ कर महिला सम्मान का ढोंग करने वाली BJP, उसके असभ्य नेता, महिला मंत्रीगण, बददिमाग कार्यकर्ता एक महिला राष्ट्रपति के इस अपमान से जरा भी आहत नहीं? राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी दिल्ली में हुई इस इंडिया की रैली में इस मुद्दे को उठाया था।
*आडवाणी को भारत रत्न मिलने पर क्या बोली बीजेपी?*
अपने राजनैतिक गुरू को भारत रत्न से सम्मानित करने की खुशी में पीएम मोदी ने कहा कि भारत रत्न श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को सम्मानित किया जाना बहुत ही खास था। यह सम्मान हमारे राष्ट्र की प्रगति में उनके अमिट योगदान को सम्मानित करने जैसा है। जनसेवा के लिए उनका समर्पण और आधुनिक भारत को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका ने हमारे इतिहास पर अमिट छाप छोड़ी है। पिछले कई दशकों में उनके साथ बहुत निकट से काम करने का अवसर मिलना मेरे लिए गर्व की बात है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि आज इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी होने पर हर्षित भी हूं और भावुक भी।
माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी की ओर से आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाना हम सभी के लिए एक गौरवशाली पल है। आडवाणी जी निःस्वार्थ भाव से जीवनपर्यंत देशहित के कार्यों और सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित रहे। त्याग, तप और समर्पण से परिपूर्ण उनका जीवन करोड़ों लोगों को शक्ति और प्रेरणा देने का अक्षय स्रोत है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि श्रद्धेय लालकृष्ण आडवाणीजी को आज राष्ट्रपति महोदया, श्रीमती द्रौपदी मूर्मू द्वारा ‘भारत रत्न’ से विभूषित किए जाने पर अत्यधिक हर्ष का अनुभव हो रहा है। आडवाणीजी ने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी है।
विकास, सुशासन और शुचिता के प्रति उनका समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति ने लाल कृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न प्रदान किया। राजनीति में आडवाणी जी की अटूट सत्यनिष्ठा नैतिक नेतृत्व के एक मॉडल के रूप में कार्य करती है, जो अनगिनत व्यक्तियों को प्रेरित करती है। राष्ट्र की प्रगति के प्रति उनका अथक समर्पण उनकी स्थायी विरासत की आधारशिला बना हुआ है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |