गुना, 07 जुलाई 2025 (यूटीएन)। पंचम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओपी रघुवंशी की अदालत ने आठ साल पुराने दुष्कर्म के एक मामले को झूठा बताते हुए आरोपित को दोषमुक्त कर दिया। वहीं आरोप लगाने वाली महिला को दो साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया है।
मामला वर्ष 2017 का है, 22 अप्रैल को एक महिला ने म्याना थाने में शिकायत की थी कि उसका पति तीन वर्ष से माधौ सिंह के यहां 2000 रुपये मासिक पर मजदूरी कर रहा था। इसी दौरान माधौ सिंह ने कई बार डरा-धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसे व पति को जान से मारने की धमकी देता था।
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि 21 अप्रैल की शाम छह बजे माधौ सिंह ने उसके जेठ से पति को बुलवाया। न आने पर वह घर आकर धमकाने लगा। डर से वे लोग भागकर दूसरे गांव पहुंचे। पुलिस ने महिला की शिकायत पर तत्काल दुष्कर्म व एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया और न्यायालय में चालान पेश किया।
लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला और उसके पति दोनों अपने बयानों से पलट गए। महिला ने दुष्कर्म की बात से इन्कार कर दिया, जबकि पति ने कहा कि उसने पत्नी के कहने पर बयान दिया था। इस पर न्यायालय ने आरोपित माधौ सिंह को दोषमुक्त करार दिया और झूठे आरोप लगाने के चलते महिला और उसके पति पर आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा चलाने के आदेश दिए।