लखनऊ, 14 जून 2025 (यूटीएन)। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों को शुक्रवार को बड़ी सौगात दी है। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में वापसी का रास्ता साफ कर दिया है, जो शिक्षामित्र अपनी ग्राम सभा में चयनित हुए थे, लेकिन समायोजन के बाद उनको जिले में दूसरे ब्लॉकों में 80 से 100 किलोमीटर की दूरी पर भेज दिया गया था, वह अब अपनी ग्राम पंचायत के विद्यालय में लौट सकेंगे और घर के नजदीक रहकर शिक्षण कार्य कर सकेंगे। इससे लगभग 1.43 लाख शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी।
बता दें कि शिक्षामित्र लंबे समय से इसकी मांग सरकार से कर रहे थे, अब उनकी यह मांग पूरी होने से न सिर्फ शिक्षामित्रों को राहत मिली है बल्कि उनका खर्च भी काफी बचेगा। अभी तक लंबी दूरी होने से जेब ढीली होती थी या स्कूल के पास किराए का मकान लेकर रहना पड़ता था। इससे महिला शिक्षामित्रों को सबसे अधिक राहत मिलेगी। वे अपने घर या ससुराल के पास पहुंच जाएंगी। योगी सरकार ने शिक्षामित्र को मूल विद्यालय वापसी से संबंधित तीन जनवरी 2025 को शासनादेश जारी किया था।
जनवरी में जारी शासनादेश के तहत इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी करने के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने शासन से अनुमति मांगी थी। इसके ऐवज में योगी सरकार ने पहले चरण में यूपी के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों का उनके मूल विद्यालय में स्थानान्तरण-समायोजन के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। सरकारी अनुमति के बाद यूपी भर में परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत लगभग 1.43 लाख शिक्षामित्रों को राहत मिलेगी। शिक्षामित्र अपने मूल स्थान या उसके बेहद आसपास के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर सकेंगे।