Sunday, April 27, 2025

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विषय विकारों को दूर करने व शक्ति अर्जन का प्रतीक हैं नवरात्र पर्व: अरविंद शास्त्री

बरनावा के ऐतिहासिक स्थल लाक्षागृह स्थित महानंद संस्कृत विद्यालय गुरुकुल परिसर में रविवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कल्याण सामवेद पारायण यज्ञ का समापन हुआ

बिनौली, 07 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। बरनावा के ऐतिहासिक स्थल लाक्षागृह स्थित महानंद संस्कृत विद्यालय गुरुकुल परिसर में रविवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कल्याण सामवेद पारायण यज्ञ का समापन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने आहुति देकर राष्ट्र कल्याण की कामना की।
यज्ञ के ब्रह्म प्रधानाचार्य अरविंद कुमार शास्त्री ने श्रद्धालुओं को वेदोपदेश करते हुए कहा कि, परमात्मा ने मानव शरीर में नौ द्वारों की रचना की है, जिनको जानना और विषय विकार रूपी अंधकार को दूर करना ही नवरात्र का प्रतीक पावन पर्व है। हमें अंधविश्वास अज्ञानता को दूर करते हुए ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर इस जीवन को अग्रसर करना है।
उन्होंने कहा कि, वैदिक विचारधारा को अपनाकर हम सामाजिक विषमताओं को दूर कर सकते हैं। बीएसएनल पूर्व महाप्रबंधक व वैदिक विद्वान चंद्रहास दलाल ने श्रृंगी ऋषि ब्रह्मचारी कृष्णदत्त महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, ऐसे महान ऋषि गुरु के हम सभी के साथ ही पूरा समाज ऋणी है।
क्योंकि उन्होंने समाज से अंधविश्वास पाखंड को दूर करने का कार्य किया है, साथ हीअज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करके समाज में ज्ञान रूपी प्रकाश को फैलाया है, जिससे समाज में यज्ञ एवं वेदों के प्रति जागरूकता आई है। इस मौके पर रविंद्र मलिक एवं उनकी पत्नी अर्चना मलिक यजमान रहे। यज्ञ में सतीश चेयरमैन, इकबाल सिंह, कृष्णपाल, महेंद्र आर्य, कृष्णा, वंश त्यागी, ज्योति त्यागी, उमानंद त्यागी आदि मौजूद रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
https://whatsapp.com/channel/0029Vb2UvWqF6sn60vLaPk1t

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विषय विकारों को दूर करने व शक्ति अर्जन का प्रतीक हैं नवरात्र पर्व: अरविंद शास्त्री

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बिनौली, 07 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। बरनावा के ऐतिहासिक स्थल लाक्षागृह स्थित महानंद संस्कृत विद्यालय गुरुकुल परिसर में रविवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कल्याण सामवेद पारायण यज्ञ का समापन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने आहुति देकर राष्ट्र कल्याण की कामना की।
यज्ञ के ब्रह्म प्रधानाचार्य अरविंद कुमार शास्त्री ने श्रद्धालुओं को वेदोपदेश करते हुए कहा कि, परमात्मा ने मानव शरीर में नौ द्वारों की रचना की है, जिनको जानना और विषय विकार रूपी अंधकार को दूर करना ही नवरात्र का प्रतीक पावन पर्व है। हमें अंधविश्वास अज्ञानता को दूर करते हुए ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर इस जीवन को अग्रसर करना है।
उन्होंने कहा कि, वैदिक विचारधारा को अपनाकर हम सामाजिक विषमताओं को दूर कर सकते हैं। बीएसएनल पूर्व महाप्रबंधक व वैदिक विद्वान चंद्रहास दलाल ने श्रृंगी ऋषि ब्रह्मचारी कृष्णदत्त महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, ऐसे महान ऋषि गुरु के हम सभी के साथ ही पूरा समाज ऋणी है।
क्योंकि उन्होंने समाज से अंधविश्वास पाखंड को दूर करने का कार्य किया है, साथ हीअज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करके समाज में ज्ञान रूपी प्रकाश को फैलाया है, जिससे समाज में यज्ञ एवं वेदों के प्रति जागरूकता आई है। इस मौके पर रविंद्र मलिक एवं उनकी पत्नी अर्चना मलिक यजमान रहे। यज्ञ में सतीश चेयरमैन, इकबाल सिंह, कृष्णपाल, महेंद्र आर्य, कृष्णा, वंश त्यागी, ज्योति त्यागी, उमानंद त्यागी आदि मौजूद रहे।
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