Sunday, April 27, 2025

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रासेयो शिविर में छात्र व छात्राओं ने 1947 में भारत -पाक विभाजन के दर्द को पोस्टर के जरिये उकेरा

कस्बे के चौ चरण सिंह राजकीय महाविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन का उद्घाटन लक्ष्य गीत, उठें समाज के लिए उठें हम जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें हम, के साथ किया गया।

छपरौली, 20 मार्च 2025 (यूटीएन)। कस्बे के चौ चरण सिंह राजकीय महाविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन का उद्घाटन लक्ष्य गीत, उठें समाज के लिए उठें हम जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें हम, के साथ किया गया। इस दौरान स्वयंसेवकों और स्वयं सेविकाओं ने श्रमदान करते हुए महाविद्यालय परिसर को स्वच्छ बनाया।
दूसरी ओर राजनीति विज्ञान और इतिहास विभाग परिषद् द्वारा भारत पाक विभाजन : 1947 विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता प्रो अनिला पंवार के नेतृत्व में हुई, जिसमें छात्र व छात्राओं ने भारत पाक विभाजन के विभिन्न बिंदुओं को उजागर करते हुए पोस्टर बनाए। इन सभी पोस्टर्स का निर्णय देश के जाने-माने इतिहासकार और साहित्यकार राज गोपाल सिंह वर्मा ने किया। शिविर की बौद्धिक व्याख्यानमाला के अन्तर्गत प्रसिद्ध इतिहासविद और साहित्यकार राजगोपाल सिंह वर्मा ने, इतिहास क्यों और कैसे पढ़ा जाए, विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रतीत कुमार ने राज गोपाल वर्मा को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। राजगोपाल वर्मा ने अपने उद्बोधन में अपनी पुस्तकों को संदर्भित करते हुए बताया कि, उन्होंने सरधना पर 58 वर्षों तक शासन करने वाली बेगम समरू पर केंद्रित, बेगम समरू का सच, नामक उपन्यास लिखा। उन्होंने सैयद बंधुओं पर केंद्रित उपन्यास किंग मेकर्स लिखा इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रतीत कुमार ने कहा कि एक अच्छा, जागरूक और परिपक्व नागरिक बनने के लिए इतिहास बोध नितांत आवश्यक है। इतिहास के अभाव में आप किसी भी मानविकी विषय को समग्र रूप में नहीं समझ सकते।
इतिहास बोध से आप चीजों के विकास क्रम को उचित रूप में समझते हैं। प्राचार्य महोदय ने राजगोपाल सिंह वर्मा को भारत रत्न किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह द्वारा लिखित मूल पुस्तकों का एक सैट भी भेंट किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉ मोनू सिंह ने भी राज गोपाल वर्मा के प्रति सारगर्भित और सामयिक व्याख्यान के लिए आभार प्रकट किया। डॉ चंचल गर्ग ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। शिविर में प्रोफेसर अनिला पंवार, डॉ भीष्म सिंह और स्वयंसेविका और स्वयंसेवक जिनमें रोहित, शेखर, अक्षित, सोनू, जेबा, तनु, गुंजन, शाहिला, वंदना आदि उपस्थित रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
https://whatsapp.com/channel/0029Vb2UvWqF6sn60vLaPk1t

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रासेयो शिविर में छात्र व छात्राओं ने 1947 में भारत -पाक विभाजन के दर्द को पोस्टर के जरिये उकेरा

कस्बे के चौ चरण सिंह राजकीय महाविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन का उद्घाटन लक्ष्य गीत, उठें समाज के लिए उठें हम जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें हम, के साथ किया गया।

छपरौली, 20 मार्च 2025 (यूटीएन)। कस्बे के चौ चरण सिंह राजकीय महाविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन का उद्घाटन लक्ष्य गीत, उठें समाज के लिए उठें हम जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें हम, के साथ किया गया। इस दौरान स्वयंसेवकों और स्वयं सेविकाओं ने श्रमदान करते हुए महाविद्यालय परिसर को स्वच्छ बनाया।
दूसरी ओर राजनीति विज्ञान और इतिहास विभाग परिषद् द्वारा भारत पाक विभाजन : 1947 विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता प्रो अनिला पंवार के नेतृत्व में हुई, जिसमें छात्र व छात्राओं ने भारत पाक विभाजन के विभिन्न बिंदुओं को उजागर करते हुए पोस्टर बनाए। इन सभी पोस्टर्स का निर्णय देश के जाने-माने इतिहासकार और साहित्यकार राज गोपाल सिंह वर्मा ने किया। शिविर की बौद्धिक व्याख्यानमाला के अन्तर्गत प्रसिद्ध इतिहासविद और साहित्यकार राजगोपाल सिंह वर्मा ने, इतिहास क्यों और कैसे पढ़ा जाए, विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रतीत कुमार ने राज गोपाल वर्मा को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। राजगोपाल वर्मा ने अपने उद्बोधन में अपनी पुस्तकों को संदर्भित करते हुए बताया कि, उन्होंने सरधना पर 58 वर्षों तक शासन करने वाली बेगम समरू पर केंद्रित, बेगम समरू का सच, नामक उपन्यास लिखा। उन्होंने सैयद बंधुओं पर केंद्रित उपन्यास किंग मेकर्स लिखा इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर डॉ प्रतीत कुमार ने कहा कि एक अच्छा, जागरूक और परिपक्व नागरिक बनने के लिए इतिहास बोध नितांत आवश्यक है। इतिहास के अभाव में आप किसी भी मानविकी विषय को समग्र रूप में नहीं समझ सकते।
इतिहास बोध से आप चीजों के विकास क्रम को उचित रूप में समझते हैं। प्राचार्य महोदय ने राजगोपाल सिंह वर्मा को भारत रत्न किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह द्वारा लिखित मूल पुस्तकों का एक सैट भी भेंट किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉ मोनू सिंह ने भी राज गोपाल वर्मा के प्रति सारगर्भित और सामयिक व्याख्यान के लिए आभार प्रकट किया। डॉ चंचल गर्ग ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। शिविर में प्रोफेसर अनिला पंवार, डॉ भीष्म सिंह और स्वयंसेविका और स्वयंसेवक जिनमें रोहित, शेखर, अक्षित, सोनू, जेबा, तनु, गुंजन, शाहिला, वंदना आदि उपस्थित रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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