नई दिल्ली,17 अप्रैल 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने समलैंगिक समुदाय के मुद्दों पर गौर करने के लिए कैबिनेट सचिव के तहत एक समिति का गठन कराया है। इसके तहत समलैंगिक को गैर भेदभावपूर्ण तौर पर सेवा के उपाय दिए जाएंगे। यह समिति जांच करेगी कि समलैंगिक समुदाय को किसी सेवा या वस्तु पहुंचने में कोई भेदभाव न मिले।
न ही उन्हें कोई हिंसा, उत्पीड़न का सामना करना पड़े। 17 अक्टूबर को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से समलैंगिक व्यक्तियों के लिए लाभों पर विचार करने के लिए कैबिनेट सचिव के तहत एक समिति गठित करने को कहा। मंगलवार को एक अधिसूचना जारी की गई। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार की ओर से समलैंगिक समुदाय को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, उनके साथ कोई भेदभाव न हो।
समिति जांच करेगी कि समलैंगिक समुदाय को सेवा या किसी योजना के पहुंचने में कोई समस्या न हो। सरकार के समलैंगिक समुदाय के लिए किए जा रहे उपाय की जांच भी लगेगा। समिति को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि समलैंगिक समुदाय के मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाए। इन समुदाय के सामाजिक कल्याण अधिकारों को गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से सुरक्षित किया जाए।
*ये हैं समिति के सदस्य*
समलैंगिक समुदाय के लिए बनाई गई समिति के सदस्यों में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी सचिव, स्वास्थ्य सचिव, महिला एवं बाल विकास सचिव और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव समिति के अन्य सदस्य शामिल हैं। जारी अधिसूचना में यह भी कहा है कि समिति के सदस्यों को आवश्यकता हो तो वे अन्य सदस्यों को भी शामिल कर सकते हैं।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |