Wednesday, May 14, 2025

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आदर्श, एकता और विजयी संघर्ष के विजेता भगवान् परशुराम के सद्भाव, संकल्प व सहयोग ही प्रगति के आधार

परशुराम ने अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई व संसार को सिखाया कि जब अन्याय सिर उठाए, तो केवल वाणी नहीं, बल्कि शस्त्र भी उठाना धर्म है।

बडौत,30 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। जय हिंद मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अनिल शर्मा ने कहा कि , ब्रह्म तेज, तप और पराक्रम के बल पर राज सत्ताओं को प्रजाहित में अनुशासित करने के लिए विख्यात भगवान् परशुराम हमारे लिए आदर्श, एकता और विजयी संघर्ष के प्रणेता हैं।
जयहिंद मंच के राष्ट्रीय नेता अनिल शर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, उनका यह अवतरण दिवस हम सभी के लिए गर्व और प्रेरणा देने वाला है कि, निंदा और द्वेष से दूर रहकर शास्त्र, सद्गुण और शक्ति का संचयन अपने समाज हित में करें, साथ ही अन्याय, अज्ञान व सामाजिक बुराइयों के खात्मे को संगठित होकर आवाज बुलंद करें। कहा कि, भगवान् परशुराम एकमात्र ऐसे महापुरुष हैं, जिनकी भूमिका हर काल में धर्म की रक्षा के लिए रही।
उदाहरण के साथ उन्होंने बताया कि, परशुराम ने अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई व संसार को सिखाया कि जब अन्याय सिर उठाए, तो केवल वाणी नहीं, बल्कि शस्त्र भी उठाना धर्म है। उनके जीवन से हमें यह संदेश मिलता है कि, सच्चा धर्म वह है ,जो अन्याय के विरुद्ध खड़ा हो, जो कमजोरों का सहारा बने और सत्य की रक्षा करे।
कहा कि ,उनके संदेश आज भी प्रासंगिक हैं, जिनमें ;जब-जब अन्याय, अत्याचार और अधर्म बढ़ेगा, तब-तब धर्म की रक्षा के लिए एक परशुराम खड़ा होगा। इसलिए हमें भी अपने जीवन में सत्य, साहस व सेवा का व्रत लेना चाहिए। हमें परशुराम के आदर्शों को अपनाकर समाज में प्रेम, न्याय और धर्म का प्रचार करना चाहिए।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

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आदर्श, एकता और विजयी संघर्ष के विजेता भगवान् परशुराम के सद्भाव, संकल्प व सहयोग ही प्रगति के आधार

परशुराम ने अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई व संसार को सिखाया कि जब अन्याय सिर उठाए, तो केवल वाणी नहीं, बल्कि शस्त्र भी उठाना धर्म है।

बडौत,30 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। जय हिंद मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अनिल शर्मा ने कहा कि , ब्रह्म तेज, तप और पराक्रम के बल पर राज सत्ताओं को प्रजाहित में अनुशासित करने के लिए विख्यात भगवान् परशुराम हमारे लिए आदर्श, एकता और विजयी संघर्ष के प्रणेता हैं।
जयहिंद मंच के राष्ट्रीय नेता अनिल शर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, उनका यह अवतरण दिवस हम सभी के लिए गर्व और प्रेरणा देने वाला है कि, निंदा और द्वेष से दूर रहकर शास्त्र, सद्गुण और शक्ति का संचयन अपने समाज हित में करें, साथ ही अन्याय, अज्ञान व सामाजिक बुराइयों के खात्मे को संगठित होकर आवाज बुलंद करें। कहा कि, भगवान् परशुराम एकमात्र ऐसे महापुरुष हैं, जिनकी भूमिका हर काल में धर्म की रक्षा के लिए रही।
उदाहरण के साथ उन्होंने बताया कि, परशुराम ने अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई व संसार को सिखाया कि जब अन्याय सिर उठाए, तो केवल वाणी नहीं, बल्कि शस्त्र भी उठाना धर्म है। उनके जीवन से हमें यह संदेश मिलता है कि, सच्चा धर्म वह है ,जो अन्याय के विरुद्ध खड़ा हो, जो कमजोरों का सहारा बने और सत्य की रक्षा करे।
कहा कि ,उनके संदेश आज भी प्रासंगिक हैं, जिनमें ;जब-जब अन्याय, अत्याचार और अधर्म बढ़ेगा, तब-तब धर्म की रक्षा के लिए एक परशुराम खड़ा होगा। इसलिए हमें भी अपने जीवन में सत्य, साहस व सेवा का व्रत लेना चाहिए। हमें परशुराम के आदर्शों को अपनाकर समाज में प्रेम, न्याय और धर्म का प्रचार करना चाहिए।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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