Thursday, April 24, 2025

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नवरात्र के दूसरे दिन हुई मां ब्रह्माचारिणी की पूजा

घरों और मंदिरों में मां ब्रह्माचारिणी की पूजा अर्चना की गई, देवी को पंचामृत से स्नान कराकर अलग-अलग तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित किया गया।

खेकडा,31 मार्च 2025 (यूटीएन)। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन जगतजननी मां जगदंबा के द्वितीय स्वरुप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मां से आशीर्वाद मांगा। श्रद्धालुओं ने घरों सहित मंदिरों में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कर तप करने शक्ति प्रदान करने के कामना की।
कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित तमाम मंदिरों में सुबह से ही मां दुर्गा के भक्तों ने व्रत नियमों का पालन करते हुए पूजा अर्चना की। इस दौरान घरों और मंदिरों में मां ब्रह्माचारिणी की पूजा अर्चना की गई। देवी को पंचामृत से स्नान कराकर अलग-अलग तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित किया गया।
श्रद्धालुओं ने देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाकर मिश्री व मिठाई से मां का भोग लगाकर आरती उतारी। इस दौरान भक्तों ने उपासना कर मनोतियां भी मांगी। बाबा कालेसिंह मंदिर में पुजारी अनिल गौनियाल ने बताया कि, नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। यह ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं।
इनकी आराधना से भक्तों की तप करने की शक्ति बढ़ती है। योग-शास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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नवरात्र के दूसरे दिन हुई मां ब्रह्माचारिणी की पूजा

घरों और मंदिरों में मां ब्रह्माचारिणी की पूजा अर्चना की गई, देवी को पंचामृत से स्नान कराकर अलग-अलग तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित किया गया।

खेकडा,31 मार्च 2025 (यूटीएन)। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन जगतजननी मां जगदंबा के द्वितीय स्वरुप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मां से आशीर्वाद मांगा। श्रद्धालुओं ने घरों सहित मंदिरों में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कर तप करने शक्ति प्रदान करने के कामना की।
कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित तमाम मंदिरों में सुबह से ही मां दुर्गा के भक्तों ने व्रत नियमों का पालन करते हुए पूजा अर्चना की। इस दौरान घरों और मंदिरों में मां ब्रह्माचारिणी की पूजा अर्चना की गई। देवी को पंचामृत से स्नान कराकर अलग-अलग तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित किया गया।
श्रद्धालुओं ने देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाकर मिश्री व मिठाई से मां का भोग लगाकर आरती उतारी। इस दौरान भक्तों ने उपासना कर मनोतियां भी मांगी। बाबा कालेसिंह मंदिर में पुजारी अनिल गौनियाल ने बताया कि, नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। यह ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं।
इनकी आराधना से भक्तों की तप करने की शक्ति बढ़ती है। योग-शास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।
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