नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 (यूटीएन)। अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने अकबरपुर के विधायक रामअचल राजभर पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोग जो सनातन पर टिप्पणी करते हैं उन्हें जूता लेकर ठीक करना चाहिए। अकबरपुर के बनगांव रोड स्थित छितूनी गांव में रामलीला का उद्घाटन करने पहुंचे हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास ने अकबरपुर के सपा विधायक रामअचल राजभर पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के बाद सनातन पर टिप्पणी करना दुर्भाग्य की बात है। सनातन की परंपरा इतनी विशाल होने के बावजूद हमने किसी का अपमान नहीं किया। ऐसे राक्षस प्रवृत्ति के लोगों को जूता लेकर ठीक करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रामचरितमानस पर टिप्पणी करने वाला मनुष्य नहीं हो सकता है। रामचरितमानस का एक-एक पात्र अकल्पनीय है। राम को वनवास हुआ तो लक्ष्मण और सीता भी वन चले गए। अभी आपने सोशल मीडिया पर देखा होगा कि एक पत्नी ने अपने पति की हत्या कर नीले ड्रम में भर दिया। एक तरफ वो हैं जो पति को वनवास हुआ तो खुद भी चली गई और दूसरी तरफ ऐसी घटना है। रामायण और रामचरितमानस के अध्ययन से समाज की अनेकों कुरीतियां खत्म हो सकती हैं। उन्होंने राजभर पर निशाना साधते हुए कहा कि आपके जिले में कुछ राक्षस हैं उन्हें स्वीकार मत करो जूता लेकर उनका स्वागत करो क्योंकि इससे ही धर्म बचेगा।
*पांच दिन में पांच लाख से अधिक ने किए रामलला के दर्शन*
भक्ति, भव्यता और विकास…दीपोत्सव में इन तीनों का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्रीराम की नगरी अयोध्या में जहां करोड़ों दीपों से विश्व कीर्तिमान रचा गया, वहीं इस आयोजन ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। पिछले पांच दिनों में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। दीपोत्सव के दौरान अयोध्या के कारोबारियों को आकस्मिक आय हुई है। 16 अक्तूबर से 22 अक्तूबर के बीच अयोध्या में करीब आठ लाख श्रद्धालु पहुंचे। इस दौरान 90 फीसदी होटल, रेस्टोरेंट फुल रहे। जलपान, प्रसाद सामग्री, राम नामी, फोटो विक्रेताओं को खूब आय हुई। अनुमान है कि दीपोत्सव के दौरान अयोध्या की अर्थव्यवस्था में करीब पांच करोड़ का प्रवाह हुआ। दीपोत्सव में बने रिकॉर्ड का उत्सव मनाने अयोध्या में पिछले पांच दिनों से लाखों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।
दीपोत्सव के अगले दिन से लगातार तीन दिन छुट्टी होने के चलते श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या में उमड़ पड़ी। शाम के समय अयोध्या की भव्यता निहारने की ललक लोगों में ज्यादा दिखी। राम की पैड़ी के पास नींबू की चाय बेंच रहे एक फेरीवाले ने बताया कि वह दीपोत्सव के दौरान रोजाना करीब दो हजार चाय बेंच रहे थे। जबकि आम दिनों में 50 चाय बेंचना मुश्किल हो जाता था। व्यापारी नेता पंकज गुप्ता ने बताया कि दीपोत्सव ने अयोध्या की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया है। छोटे-छोटे कारोबारियों को खूब लाभ हुआ है। कारोबार सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना बढ़ा।
*कई देशों के पर्यटक भी पहुंचे*
गाइड अभिषेक ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, स्पेन, कनाड़ा, हालैंड, फिजी, श्रीलंका, इंडोनेशिया, रूस व थाईलैंड से भी करीब 100 पर्यटक अयोध्या पहुंचे। उन्होंने रामलला, हनुमानगढ़ी सहित अयोध्या के अन्य स्थलों का भ्रमण व दर्शन-पूजन किया। विदेशियों में श्रीराम की फोटो खरीदने की ललक दिखी। कई विदेशी अयोध्या का प्रसाद व सरयू जल भी अपने साथ ले गए हैं।
*जितनी आय तीन माह में होती थी, उतनी पांच दिन में हुई*
अर्थशास्त्री प्रो विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि दीपोत्सव में हुए कारोबार ने अयोध्या की अर्थव्यवस्था को बूम करने का काम किया है। पर्यटकों ने खूब खरीदारी की है। अर्थशास्त्री से बातचीत में बिड़ला धर्मशाला के सामने चंदन लगाने वाले युवक अनिल पांडेय ने बताया कि 18 से 22 अक्तूबर तक रोजाना चार से पांच हजार तक की आय हुई। आम दिनों में 500 रुपये की आय बमुश्किल होती थी। दीया बनाने वाले कुम्हारों को भी खूब आय हुई। एक प्रसाद व्यवसायी ने बताया कि जितनी आय तीन महीने में होती है, उतनी पिछले पांच दिनों में हुई है।
*प्रतिदिन सवा लाख से ड़ेढ लाख श्रद्धालु पहुंचे*
उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड इकोनॉमिक एसोसिएशन के महासचिव प्रो़ विनोद श्रीवास्तव ने बताया, दीपोत्सव में आकस्मिक पर्यटक आते हैं। उनकी टीम पिछले एक सप्ताह से अयोध्या में रहकर अर्थव्यवस्था पर सर्वे कर रही है। अध्ययन के मुताबिक पिछले 16 अक्तूबर से 22 अक्तूबर के बीच अयोध्या में रोजाना सवा लाख से ड़ेढ लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। होटल, रेस्टोरेंट व गेस्ट हाउस 90 फीसदी बुक थे। फूल माला, भगवान श्रीराम, राम दरबार के चित्र व अन्य पूजा सामग्री की खूब बिक्री से करीब पांच करोड़ की आय हुई है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।


