नई दिल्ली, 14 सितम्बर (यूटीएन)। लवकुश रामलीला में पिछले सात वर्षों से अनेक भूमिका निभा रहे उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद और भोजपुरी सिनेमा के चर्चित चेहरा मनोज तिवारी लगातार दूसरी बार भगवान परशुराम की भूमिका निभाएंगे। वहीं अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि इस वर्ष लवकुश रामलीला शताब्दी वर्ष में प्रवेश करेगी। अगले वर्ष रामलीला मंचन को सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे। आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने रामलीला को भारत की सभ्यता का प्रतीक बताया, मोदी और महर्षि वाल्मीकि पर भी विचार साझा किए. तिवारी ने रामलीला के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक नाटक नहीं, बल्कि भारत की सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक है. रामलीला हमारे जीवन जीने की शैली है। उन्होंने कहा कि लोगों को आश्चर्य होता है कि एक सांसद होते हुए मैं यह कर रहा हूं, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं रामलीला और धार्मिक लीलाएं करने से ही सांसद बना हूं.

अपने बचपन को याद करते हुए मनोज तिवारी ने बताया कि उन्होंने बचपन में रामलीलाओं में अनेक भूमिकाएं निभाई हैं जिनमें स्त्री पात्रों का भी अभिनय किया है यहां तक कि सीता जी की भूमिका भी निभाई है. उन्होंने रामलीला को देश की सांस्कृतिक पहचान का आधार बताते हुए कहा कि जनमानस में पुस्तकों से ज्यादा रामलीलाओं ने राम का प्रभाव छोड़ा है. तिवारी ने कहा कि राम एक चरित्र नहीं, हमारी सभ्यता है हमारी सांस्कृतिक धरोहर है. मैं देश की युवा पीढ़ी व सभी नागरिकों से कहना चाहूंगा कि किसी न किसी रूप में रामलीला का हिस्सा अवश्य बनें.
तिवारी ने रामलीला आयोजकों द्वारा भेंट की गई प्रतीकात्मक गदा को राजनीति में सेवा की प्रतिज्ञा से जोड़ा और कहा कि यह समाज सेवा और राजनीति दोनों क्षेत्रों में जरूरी है. उन्होंने परशुराम के चरित्र को लेकर गलत धारणाओं पर सवाल उठाया. तिवारी ने कहा कि लोगों को बताया जाता है कि परशुराम ने 21 बार इस भूमि को क्षत्रियों से विहिन किया है लेकिन यह ग़लत है। इसे सही करने की जरूरत है।उन्होंने परशुराम की अपनी भूमिका का जिक्र करते हुए बताया कि पहला डायलॉग उन्हें क्षत्रियों को खत्म करने वाला दिया गया था, जिसे उन्होंने ठीक करने को कहा.
*पीएम मोदी के जन्मदिन पर लगाया जाएगा विशाल शिविर*
लवकुश रामलीला के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि वैसे तो रामलीला की विधिवत शुरुआत नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से होगी लेकिन लवकुश रामलीला में इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से ही कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि लवकुश रामलीला समिति द्वारा प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर एक विशाल स्वास्थ्य एवं जन सहयोग शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर मेगा हेल्थ कैंप, जरुरतमंद स्कूली बच्चों को बैग स्टेशनरी आदि, लगभग दो हजार महिलाओं को साड़ी वितरण किया जायेगा। अर्जुन कुमार के अनुसार इस अवसर पर भारत सरकार और दिल्ली सरकार के सहयोग से पंद्रह सौ दिव्यांगों को मोटराइज्ड, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर वितरित की जायेगी। साथ ही तारा नेत्रालय के सहयोग निशुल्क आंखों की जांच, मोतियाबिंद आपरेशन और चश्मों का वितरण होगा इसके अलावा एल्पस के सहयोग से कानों की मशीन निशुल्क वितरण की जाएगी। रक्तदान शिविर ओर पूरे दिन भंडारे का आयोजन होगा।
*अगले वर्ष सौ साल पूरे करेगी लवकुश रामलीला*
अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि अगले वर्ष लवकुश रामलीला का मंचन होते हुए सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले यह रामलीला सनातन धर्म रामलीला के नाम से बागदीवार पर आयोजित की जाती थी लेकिन वहां पार्किंग बन जाने के कारण सन् 1989 से लगातार लालकिला मैदान में आयोजित की जा रही है जबसे इसका नाम लवकुश रामलीला कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें भी इस रामलीला से जुड़े हुए 50 वर्ष से अधिक हो गई गए हैं।
*आपरेशन सिंदूर को समर्पित होंगे निमंत्रण पत्र*
अर्जुन कुमार ने बताया इस वर्ष लीला कमेटी ने जेन एक्स को देश के प्रति उनका कर्तव्य समझाने प्रभु श्रीराम की लीला के प्रति और अधिक आकर्षित करने एवं देश के प्रति उनके दायित्वों का निर्वाह करने की भावना को उजागर करने के मकसद से इस बार निमंत्रण पत्रों की थीम आपरेशन सिंदूर के ऊपर रखी गई है। निमंत्रण पत्रों पर आपरेशन सिंदूर के दौरान जल,थल एवं वायु सेना द्वारा दिखाए गए शौर्य, पराक्रम के चित्र प्रकाशित किए गये है।
कमेटी के महासचिव सुभाष गोयल ने बताया कि ए आई तकनीक से बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म रामायण रामलीला मंचन से पूर्व प्रतिदिन रामभक्तों को दिखाई जायेगी ।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।