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पुरानी संसद का नाम संविधान सदन हो- प्रधानमंत्री

अब भारत का युवा दुनिया की पहली पंक्ति में नजर आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "हम राजनीतिक लाभ के लिए कड़े फैसले टाल नहीं सकते। इन्हें लेना ही होगा।

नई दिल्ली, 20 सितंबर 2023 (यूटीएन)। संसद के विशेष सत्र की आज सोमवार से कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अब से पुरानी संसद को संविधान सदन के रूप में जाना जाए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लाल किले की प्रचीर से मैंने कहा था कि यही समय है और सही समय है। देश जिस दिशा में चल पड़ा है उसके हिसाब से इच्छित परिणाम मिलने वाले हैं। हम जितनी तेज गति से काम करेंगे उतनी ही तेज गति से आगे बढ़ेंगे।
सेंट्रल हॉल में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “इस संसद में भारत की बहन-बेटियों को न्याय मिला. ट्रांस्जेंडरों की न्याय मिला. इसी संसद ने आर्टिकल 370 को हटाया. सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है. जहां से 4 हजार से ज्यादा कानून पास हुए. जम्मू-कश्मीर अब विकास और शांति के रास्ते पर है. अब नई संसद भवन में नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने केंद्रीय कक्ष में आकर हमारे माननीय सांसदों को संबोधित किया है. यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकुमत ने सत्ता का हस्तांतरण किया. वो ऐतिहासिक लम्हें का गवाह भी ये केंद्रीय कक्ष रहा. इस दिन हमारे राष्ट्रीय गान और तिरंगे को अपनाया गया।
‘नए भारत का निर्माण करना है’
पीएम मोदी ने कहा अब विकसित भारत से विकासशील भारत के सफर पर निकल चुके हैं। अब छोटे-छोटे सपनों से काम नहीं चलेगा। बड़े-बड़े सपने देखते हुए विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। हम सबसे बड़ी आबादी वाला देश तो बने ही हैं लेकिन सबसे बड़ी आबादी में सबसे ज्यादा युवा ये पहली बार हुआ है।
अब भारत का युवा दुनिया की पहली पंक्ति में नजर आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “हम राजनीतिक लाभ के लिए कड़े फैसले टाल नहीं सकते। इन्हें लेना ही होगा। भारत अब रुकना नहीं चाहता, नए लक्ष्य निर्धारित करना चाहता है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत के नौजवानों का ध्यान विज्ञान की ओर बढ़ रहा है और इस मौके के हमें गंवाना नहीं है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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