2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित 2,95,579 केस (मुकदमे के लिए भेजे गए), 30,968 केस (दोषिसिद्धि संबंधी) और 15,82,313 केस (वर्ष के अंत में विचाराधीन रहे) रहे. 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित 2,91,303 केस (मुकदमे के लिए भेजे गए), 21,551 केस (दोषिसिद्धि संबंधी) और 17,89,601 केस (वर्ष के अंत में विचाराधीन रहे) रजिस्टर किए गए थे. 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित 3,32,083 केस (मुकदमे के लिए भेजे गए), 23,243 केस (दोषिसिद्धि संबंधी) और 20,15,427 केस (वर्ष के अंत में विचाराधीन रहे) रिकॉर्ड किए गए. इस तरह से इन पांच सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 97,75,595 मामले दर्ज किए गए हैं. अपने जवाब में केंद्रीय मंत्री मिश्रा ने बताया, ‘आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 में 2 महीने में बलात्कार के मामलों में जांच पूरी करने और आरोप पत्र दाखिल करने का आदेश दिया गया है और ट्रायल भी 2 महीने (धारा 173 सीआरपीसी) में पूरा किया जाना है.