Wednesday, July 9, 2025

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डंपिंग यार्ड पर कर्मचारियों ने लगाए शोषण के आरोप, किए कई बड़े खुलासे

वर्ष 2019-20 में डूडा के माध्यम से नगर निगम में लगे थे और डंपिंग यार्ड में कार्य कर रहे थे न तो कभी हमें सेफ्टी के लिए कुछ दिया गया और न ही कभी हमारा मेडिकल कराया गया

मथुरा, 09 जुलाई 2025 (यूटीएन)। नगर निगम मथुरा वृंदावन लगातार सुर्खियों में रहता है, तमाम तरह के घोटाले नगर निगम मथुरा वृंदावन में किए जाते रहे है और अभी भी हो रहे है। आपको बताते चले कि नगला कोलू पर बना नगर निगम का डंपिंग यार्ड में बड़े घोटाले को लेकर चर्चाओं में है तो वही डंपिंग यार्ड में कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए बताया कि अधिकतर कर्मचारी वर्ष 2019-20 में डूडा के माध्यम से नगर निगम में लगे थे और डंपिंग यार्ड में कार्य कर रहे थे न तो कभी हमें सेफ्टी के लिए कुछ दिया गया और न ही कभी हमारा मेडिकल कराया गया।

जबकि डंपिंग यार्ड पर तमाम तरह के कीटाणु और जहरीले गैस निकलती रहती है। मगर किसी ने हम और हमारे स्वास्थ पर ध्यान नहीं दिया। ना कभी पीपीए किट, मास्क और न ही गीलप्स उपलब्ध कराए गए जिसके कारण हमारे शरीर के अंदर तमाम तरह की बीमारियां होने की आशंका बनी हुई है। सुविधाएं न होने के बाद भी हमने पूरी निष्ठा के साथ नगर निगम में कार्य किया मगर फिर भी इन मतलबी लोगों को हमारी कोई चिंता नहीं है। हाल ही में एक नई कम्पनी को टेंडर दिया गया है जिसमें हम डूडा कर्मचारियों को कम्पनी के अंतर्गत कार्य करने के लिए बोला जा रहा है। और अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार के द्वारा कहा गया कि कम्पनी के अंतर्गत करना है तो करो नहीं तो नौकरी छोड़ कर चले जाओ।

UJJWAL TIMES NEWS PVT. LTD
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जबकि अपनी जान हथेली पर रख कर हम इस जहरीली जगह पर पिछले कई सालों से नौकरी कर रहे है।मगर इन्हें न तो हमारी परवाह है और नहीं हमारे बच्चों को। पिछले लगभग 2 महीने से हमारी सैलरी भी नहीं मिली है जिसके कारण हमारे बच्चे भूखे रहने के लिए मजबूर है। वही उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि 2019- 20 से लेकर आज तक यहां आग को लेकर कोई उपकरण मौजूद नहीं थे। जबसे ईमानदार और साफ छवि के नगर आयुक्त आए है तब से करीब 2 महीने से अब जाके एक पाइप लाइन बिछाई गई है।

जबकि कई बार खत्ते में आग लग चुकी है और उसका पूरा आरोप हम गरीब मजदूरों पर डाल दिया जाता है। जबकि किसी भी तरह के उपकरण ना होने के कारण तत्काल आग पर काबू नहीं पाया जाता। वही उन्होंने बताया कि पिछले करीब 2 सालों से सभी मशीनें खराब पड़ी हुई है, जिसके कारण कूड़े का निस्तारण पिछले करीब 2 सालों से नहीं हो पा रहा है। परिणाम स्वरूप यहां कूड़े का पहाड़ बनता जा रहा है। और आरोप कर्मचारियों के ऊपर डाल दिया जाता है। वही उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले दयाचरण एंड कम्पनी को इसका टेंडर दिया गया था जोकि मात्र 20 से 25 परसेंट ही कूड़े का निस्तारण कर पाई थी।

जिसके कारण भी यहां कूड़े का ढेर बढ़ा गया। वही उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि जब कोई जांच आती तो हल्की फुल्की जुगाड लगाकर कर मशीनें चला दी जाती है और हमें सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करा दिए जाते है और जैसे ही जांच गई, सब कुछ वैसे ही पुरानी तरह से चलता रहता है। खराब मशीनों का मेंटिनेंस सिर्फ कागजों में हो जाता है और धरातल पर आज तक कुछ नहीं हुआ। वही उन्होंने बताया कि कई तरह की जहरीले गैसे यहां से निकलती है जिनके कारण हमारे हाथ पैरों में जलन और खुजली जैसी बीमारियां बनी रहती है।

वही उन्होंने मीडिया के माध्यम से नगर आयुक्त जग प्रवेश से अपील करते हुए कहा कि हमारे द्वारा दी जा रही प्राणों की आहुति को देखते हुए हमें नगर निगम के अधीन ही डंपिंग यार्ड में रखा जाए। या फिर किसी वार्ड में सफाई कर्मचारी की जिम्मेदारी दे दी जाए। जिससे कि हमारे बच्चों का भविष्य खराब न हो। जब इस सम्बन्ध में अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार से बात की गई तो कैमरे के सामने ना आते हुए फोन के माध्यम से बताया कि किसी भी कर्मचारी को कम्पनी के अंडर नहीं दिया जाएगा। सब नगर निगम में ही कार्यरत रहेंगे।

मथुरा- संवाददाता, ( बी एल पाण्डेय )।

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डंपिंग यार्ड पर कर्मचारियों ने लगाए शोषण के आरोप, किए कई बड़े खुलासे

वर्ष 2019-20 में डूडा के माध्यम से नगर निगम में लगे थे और डंपिंग यार्ड में कार्य कर रहे थे न तो कभी हमें सेफ्टी के लिए कुछ दिया गया और न ही कभी हमारा मेडिकल कराया गया

मथुरा, 09 जुलाई 2025 (यूटीएन)। नगर निगम मथुरा वृंदावन लगातार सुर्खियों में रहता है, तमाम तरह के घोटाले नगर निगम मथुरा वृंदावन में किए जाते रहे है और अभी भी हो रहे है। आपको बताते चले कि नगला कोलू पर बना नगर निगम का डंपिंग यार्ड में बड़े घोटाले को लेकर चर्चाओं में है तो वही डंपिंग यार्ड में कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए बताया कि अधिकतर कर्मचारी वर्ष 2019-20 में डूडा के माध्यम से नगर निगम में लगे थे और डंपिंग यार्ड में कार्य कर रहे थे न तो कभी हमें सेफ्टी के लिए कुछ दिया गया और न ही कभी हमारा मेडिकल कराया गया।

जबकि डंपिंग यार्ड पर तमाम तरह के कीटाणु और जहरीले गैस निकलती रहती है। मगर किसी ने हम और हमारे स्वास्थ पर ध्यान नहीं दिया। ना कभी पीपीए किट, मास्क और न ही गीलप्स उपलब्ध कराए गए जिसके कारण हमारे शरीर के अंदर तमाम तरह की बीमारियां होने की आशंका बनी हुई है। सुविधाएं न होने के बाद भी हमने पूरी निष्ठा के साथ नगर निगम में कार्य किया मगर फिर भी इन मतलबी लोगों को हमारी कोई चिंता नहीं है। हाल ही में एक नई कम्पनी को टेंडर दिया गया है जिसमें हम डूडा कर्मचारियों को कम्पनी के अंतर्गत कार्य करने के लिए बोला जा रहा है। और अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार के द्वारा कहा गया कि कम्पनी के अंतर्गत करना है तो करो नहीं तो नौकरी छोड़ कर चले जाओ।

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जबकि अपनी जान हथेली पर रख कर हम इस जहरीली जगह पर पिछले कई सालों से नौकरी कर रहे है।मगर इन्हें न तो हमारी परवाह है और नहीं हमारे बच्चों को। पिछले लगभग 2 महीने से हमारी सैलरी भी नहीं मिली है जिसके कारण हमारे बच्चे भूखे रहने के लिए मजबूर है। वही उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि 2019- 20 से लेकर आज तक यहां आग को लेकर कोई उपकरण मौजूद नहीं थे। जबसे ईमानदार और साफ छवि के नगर आयुक्त आए है तब से करीब 2 महीने से अब जाके एक पाइप लाइन बिछाई गई है।

जबकि कई बार खत्ते में आग लग चुकी है और उसका पूरा आरोप हम गरीब मजदूरों पर डाल दिया जाता है। जबकि किसी भी तरह के उपकरण ना होने के कारण तत्काल आग पर काबू नहीं पाया जाता। वही उन्होंने बताया कि पिछले करीब 2 सालों से सभी मशीनें खराब पड़ी हुई है, जिसके कारण कूड़े का निस्तारण पिछले करीब 2 सालों से नहीं हो पा रहा है। परिणाम स्वरूप यहां कूड़े का पहाड़ बनता जा रहा है। और आरोप कर्मचारियों के ऊपर डाल दिया जाता है। वही उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले दयाचरण एंड कम्पनी को इसका टेंडर दिया गया था जोकि मात्र 20 से 25 परसेंट ही कूड़े का निस्तारण कर पाई थी।

जिसके कारण भी यहां कूड़े का ढेर बढ़ा गया। वही उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि जब कोई जांच आती तो हल्की फुल्की जुगाड लगाकर कर मशीनें चला दी जाती है और हमें सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करा दिए जाते है और जैसे ही जांच गई, सब कुछ वैसे ही पुरानी तरह से चलता रहता है। खराब मशीनों का मेंटिनेंस सिर्फ कागजों में हो जाता है और धरातल पर आज तक कुछ नहीं हुआ। वही उन्होंने बताया कि कई तरह की जहरीले गैसे यहां से निकलती है जिनके कारण हमारे हाथ पैरों में जलन और खुजली जैसी बीमारियां बनी रहती है।

वही उन्होंने मीडिया के माध्यम से नगर आयुक्त जग प्रवेश से अपील करते हुए कहा कि हमारे द्वारा दी जा रही प्राणों की आहुति को देखते हुए हमें नगर निगम के अधीन ही डंपिंग यार्ड में रखा जाए। या फिर किसी वार्ड में सफाई कर्मचारी की जिम्मेदारी दे दी जाए। जिससे कि हमारे बच्चों का भविष्य खराब न हो। जब इस सम्बन्ध में अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार से बात की गई तो कैमरे के सामने ना आते हुए फोन के माध्यम से बताया कि किसी भी कर्मचारी को कम्पनी के अंडर नहीं दिया जाएगा। सब नगर निगम में ही कार्यरत रहेंगे।

मथुरा- संवाददाता, ( बी एल पाण्डेय )।

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