Wednesday, July 9, 2025

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समाजसेवी ने शिशु को नाम महादेव के साथ ही जन्मदिन पर पौधारोपण का दिलाया संकल्प

समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने कहा, सनातन संस्कृति के साथ पर्यावरण की रक्षा का संकल्प हमें ऋषियों की पावन भूमि प्राचीन अखण्ड भारत का स्मरण कराता है।

छपरौली, 08 जुलाई 2025 (यूटीएन)। सनातन संस्कृति के अनुसार नवजात शिशु के छटे संस्कार यानि नामकरण पर नयी परंपरा की शुरुआत करते हुए तिलवाड़ा निवासी धनपाल प्रजापति के पौत्र नवजात शिशु को महादेव नाम देने के साथ ही समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने पौधा भेंटकर परिवार को महादेव के प्रत्येक जन्मदिन पर पौधा रोपण करने का संकल्प भी दिलाया।

समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने कहा, सनातन संस्कृति के साथ पर्यावरण की रक्षा का संकल्प हमें ऋषियों की पावन भूमि प्राचीन अखण्ड भारत का स्मरण कराता है। हमारे गुरुकुल, ऋषियों की तपोस्थली, साधना के केन्द्र आदि घने जंगलों में होते थे। जो वनों को संरक्षण प्रदान करते हुए, पर्यावरण की रक्षा भी करते थे ।

कहा कि, सनातन संस्कृति में अनेक पेड़-पौधों, अनेकों जीवों और पृथ्वी माँ की पूजा का प्रावधान है। सनातन संस्कृति में सम्पूर्ण पृथ्वी को परिवार कहा जाता है। नामकरण के अवसर पर मुख्य रूप से पायल, सुनीता, शिवानी, बालेश, मुकलेश, धनपाल प्रजापति, रमन, संजय, अंकित, गुलशन, रामबली, गुल्लू प्रजापति आदि उपस्थित रहे।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

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समाजसेवी ने शिशु को नाम महादेव के साथ ही जन्मदिन पर पौधारोपण का दिलाया संकल्प

समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने कहा, सनातन संस्कृति के साथ पर्यावरण की रक्षा का संकल्प हमें ऋषियों की पावन भूमि प्राचीन अखण्ड भारत का स्मरण कराता है।

छपरौली, 08 जुलाई 2025 (यूटीएन)। सनातन संस्कृति के अनुसार नवजात शिशु के छटे संस्कार यानि नामकरण पर नयी परंपरा की शुरुआत करते हुए तिलवाड़ा निवासी धनपाल प्रजापति के पौत्र नवजात शिशु को महादेव नाम देने के साथ ही समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने पौधा भेंटकर परिवार को महादेव के प्रत्येक जन्मदिन पर पौधा रोपण करने का संकल्प भी दिलाया।

समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने कहा, सनातन संस्कृति के साथ पर्यावरण की रक्षा का संकल्प हमें ऋषियों की पावन भूमि प्राचीन अखण्ड भारत का स्मरण कराता है। हमारे गुरुकुल, ऋषियों की तपोस्थली, साधना के केन्द्र आदि घने जंगलों में होते थे। जो वनों को संरक्षण प्रदान करते हुए, पर्यावरण की रक्षा भी करते थे ।

कहा कि, सनातन संस्कृति में अनेक पेड़-पौधों, अनेकों जीवों और पृथ्वी माँ की पूजा का प्रावधान है। सनातन संस्कृति में सम्पूर्ण पृथ्वी को परिवार कहा जाता है। नामकरण के अवसर पर मुख्य रूप से पायल, सुनीता, शिवानी, बालेश, मुकलेश, धनपाल प्रजापति, रमन, संजय, अंकित, गुलशन, रामबली, गुल्लू प्रजापति आदि उपस्थित रहे।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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