Wednesday, July 9, 2025

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शताब्दी वर्ष में हर मंडल, हर बस्ती में हिंदू सम्मेलन के साथ साथ घर-घर संपर्क भी करेगा संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में देश की सुरक्षा के साथ-साथ मणिपुर के हालात पर भी चर्चा की गई है, मणिपुर में हालात काफी बेहतर हुए हैं, हालांकि इसे पूरी तरह से स्थिति सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है।

नई दिल्ली, 08 जुलाई 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में देश की सुरक्षा के साथ-साथ मणिपुर के हालात पर भी चर्चा की गई है। मणिपुर में हालात काफी बेहतर हुए हैं, हालांकि इसे पूरी तरह से स्थिति सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है। संघ का मानना है कि देश हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हासिल कर रहा है। हालांकि, इस  विकास को हर दृष्टि से सर्व समावेशी बनाने के लिए संघ काम करेगा। इसके लिए हर मंडल और हर बस्ती में हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
11360 से अधिक सामाजिक सद्भाव बैठकों को आयोजित करने का निर्णय किया गया है। इस बार विजयादशमी को संघ के ड्रेस कोड में स्वयंसेवक पहुंचेंगे और लोगों से संपर्क स्थापित करेंगे।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ अनिल अग्रवाल के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि समाज को सुदृढ करने के लिए घर-घर संपर्क करने की संघ की योजना है। संघ के सभी संगठनात्मक 924 जिलों में राष्ट्र और हिंदुत्व के महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा कराई जाएगी।
संघ ने हर समाज और हर वर्ग के लोगों तक पहुंचने की योजना बनाई है। इनके माध्यम से हिन्दू समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने की योजना है। संघ ने अपनी इस बैठक में माना है कि देश हर दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसमें देश-विदेश, शिक्षा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्र शामिल है। लेकिन इसके साथ साथ संघ पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों को मजबूत बनाने के लिए काम करेगा। इसका उद्देश्य समाज को हर क्षेत्र में भागीदार बनाने और समाज को सर्व समावेशी बनाना है। पंच परिवर्तन के द्वारा देश-समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की भी योजना है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल से जून के बीच आयोजित प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुए हैं। 40 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग में 17609 लोगों ने प्रशिक्षण हासिल किया। 8812 स्थानों से आये शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 40 से 60 वर्ष की आयु के 4270 लोगों ने संघ शिक्षा वर्ग में हिस्सा लिया है। इसमें पढ़े-लिखे वर्ग और किसान-श्रमिक तक सभी शामिल हुए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रान्त प्रचारक बैठक 4-6 जुलाई को दिल्ली के झंडेवालान स्थित संगठन के कार्यालय केशवकुंज में हुई। इस बैठक में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबोले, अरुण कुमार, संगठन के 46 प्रान्तों के प्रमुख और सहप्रमुख सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
*चार बड़ेचार बड़े कार्यक्रमो से पूरे देश को मथने की तैयारी*
शताब्दी वर्ष में घर-घर संपर्क, हिंदू सम्मेलन, नागरिक गोष्ठियां और सामाजिक सद्भाव बैठकें जैसे चार बड़े अभियानों के जरिए पूरे देश को मथेगा। इन कार्यक्रमों का मकसद देश में राष्ट्रवाद की अलख जगाना, संघ के हिंदुत्व संबंधी विचार को घर-घर पहुंचाना और बहुसंख्यकों में सामाजिक सद्भाव कायम करना होगा। संघ  इस दौरान हर मंडल और बस्ती में हिंदू सम्मेलन करेगा।
राजधानी के केशवकुंज मे संपन्न हुई तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में शताब्दी वर्ष के आयोजनों का खाका तैयार किया गया। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने बताया कि बैठक में शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना, संघ के कार्य विस्तार और विभिन्न प्रांतों की परिस्थितियों पर सिलसिलेवार विस्तृत चर्चा हुई। इस क्रम में शताब्दी वर्ष के दौरान घर-घर संपर्क, हिंदू सम्मेलन, नागरिक गोष्ठियों और सामाजिक सद्भाव बैठकों का तानाबाना बुना गया। इसके जरिए संघ की कोशिश भौगोलिक और सामाजिक दृष्टि से सभी वर्गों, सभी क्षेत्रों तक संपर्क साधने की होगी।
*देश की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषा*
देश में जारी भाषा विवाद के संदर्भ में संघ के प्रचार प्रमुख आंबेकर ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का रुख काफी पहले से ही साफ है। हम देश की सभी भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा मानते हैं। सभी भाषाओं का अपना महत्व है। लोग अपने-अपने स्थानों पर अपनी भाषा बोलते हैं। हमारा यह भी मानना है कि देश में प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए, जिसकी सभी मांग कर रह हैं। यह पहले से ही स्थापित है।
*विजयदशमी कार्यक्रम भी होगा अहम*
शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयदशमी से होगी। संघ की योजना पूरे देश में जोश के साथ विजयदशमी मनाने की है। बैठक में विजयदशमी उत्सव के दौरान क्षेत्र विशेष के प्रबुद्ध लोगों को आमंत्रित करने की भी है। अंबेकर ने बताया कि मुख्य उद्देश्य समाज के सभी लोगों तक पहुंचना, भौगोलिक और सामजिक स्तर पर हर तरह के लोगों और अलग-अलग विचारों से जुड़े लोगों तक पहुंचाना है। कार्यक्रम सर्वस्पर्शी और समावेशी होगी।
*मणिपुर में हालात संभालने में जुटा संघ*
बैठक में मणिपुर की स्थिति पर लंबी चर्चा हुई। संघ लगातार संघर्षरत मैतई व कुकी समुदाय के साथ संपर्क में है। वहां हालात सामान्य होने में समय लगेगा पर बेहद सकारात्मक बातचीत हो रही है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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शताब्दी वर्ष में हर मंडल, हर बस्ती में हिंदू सम्मेलन के साथ साथ घर-घर संपर्क भी करेगा संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में देश की सुरक्षा के साथ-साथ मणिपुर के हालात पर भी चर्चा की गई है, मणिपुर में हालात काफी बेहतर हुए हैं, हालांकि इसे पूरी तरह से स्थिति सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है।

नई दिल्ली, 08 जुलाई 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में देश की सुरक्षा के साथ-साथ मणिपुर के हालात पर भी चर्चा की गई है। मणिपुर में हालात काफी बेहतर हुए हैं, हालांकि इसे पूरी तरह से स्थिति सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है। संघ का मानना है कि देश हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हासिल कर रहा है। हालांकि, इस  विकास को हर दृष्टि से सर्व समावेशी बनाने के लिए संघ काम करेगा। इसके लिए हर मंडल और हर बस्ती में हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
11360 से अधिक सामाजिक सद्भाव बैठकों को आयोजित करने का निर्णय किया गया है। इस बार विजयादशमी को संघ के ड्रेस कोड में स्वयंसेवक पहुंचेंगे और लोगों से संपर्क स्थापित करेंगे।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ अनिल अग्रवाल के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि समाज को सुदृढ करने के लिए घर-घर संपर्क करने की संघ की योजना है। संघ के सभी संगठनात्मक 924 जिलों में राष्ट्र और हिंदुत्व के महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा कराई जाएगी।
संघ ने हर समाज और हर वर्ग के लोगों तक पहुंचने की योजना बनाई है। इनके माध्यम से हिन्दू समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने की योजना है। संघ ने अपनी इस बैठक में माना है कि देश हर दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसमें देश-विदेश, शिक्षा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्र शामिल है। लेकिन इसके साथ साथ संघ पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों को मजबूत बनाने के लिए काम करेगा। इसका उद्देश्य समाज को हर क्षेत्र में भागीदार बनाने और समाज को सर्व समावेशी बनाना है। पंच परिवर्तन के द्वारा देश-समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की भी योजना है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल से जून के बीच आयोजित प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुए हैं। 40 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग में 17609 लोगों ने प्रशिक्षण हासिल किया। 8812 स्थानों से आये शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 40 से 60 वर्ष की आयु के 4270 लोगों ने संघ शिक्षा वर्ग में हिस्सा लिया है। इसमें पढ़े-लिखे वर्ग और किसान-श्रमिक तक सभी शामिल हुए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रान्त प्रचारक बैठक 4-6 जुलाई को दिल्ली के झंडेवालान स्थित संगठन के कार्यालय केशवकुंज में हुई। इस बैठक में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबोले, अरुण कुमार, संगठन के 46 प्रान्तों के प्रमुख और सहप्रमुख सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
*चार बड़ेचार बड़े कार्यक्रमो से पूरे देश को मथने की तैयारी*
शताब्दी वर्ष में घर-घर संपर्क, हिंदू सम्मेलन, नागरिक गोष्ठियां और सामाजिक सद्भाव बैठकें जैसे चार बड़े अभियानों के जरिए पूरे देश को मथेगा। इन कार्यक्रमों का मकसद देश में राष्ट्रवाद की अलख जगाना, संघ के हिंदुत्व संबंधी विचार को घर-घर पहुंचाना और बहुसंख्यकों में सामाजिक सद्भाव कायम करना होगा। संघ  इस दौरान हर मंडल और बस्ती में हिंदू सम्मेलन करेगा।
राजधानी के केशवकुंज मे संपन्न हुई तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में शताब्दी वर्ष के आयोजनों का खाका तैयार किया गया। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने बताया कि बैठक में शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना, संघ के कार्य विस्तार और विभिन्न प्रांतों की परिस्थितियों पर सिलसिलेवार विस्तृत चर्चा हुई। इस क्रम में शताब्दी वर्ष के दौरान घर-घर संपर्क, हिंदू सम्मेलन, नागरिक गोष्ठियों और सामाजिक सद्भाव बैठकों का तानाबाना बुना गया। इसके जरिए संघ की कोशिश भौगोलिक और सामाजिक दृष्टि से सभी वर्गों, सभी क्षेत्रों तक संपर्क साधने की होगी।
*देश की सभी भाषाएं राष्ट्रीय भाषा*
देश में जारी भाषा विवाद के संदर्भ में संघ के प्रचार प्रमुख आंबेकर ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का रुख काफी पहले से ही साफ है। हम देश की सभी भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा मानते हैं। सभी भाषाओं का अपना महत्व है। लोग अपने-अपने स्थानों पर अपनी भाषा बोलते हैं। हमारा यह भी मानना है कि देश में प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए, जिसकी सभी मांग कर रह हैं। यह पहले से ही स्थापित है।
*विजयदशमी कार्यक्रम भी होगा अहम*
शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयदशमी से होगी। संघ की योजना पूरे देश में जोश के साथ विजयदशमी मनाने की है। बैठक में विजयदशमी उत्सव के दौरान क्षेत्र विशेष के प्रबुद्ध लोगों को आमंत्रित करने की भी है। अंबेकर ने बताया कि मुख्य उद्देश्य समाज के सभी लोगों तक पहुंचना, भौगोलिक और सामजिक स्तर पर हर तरह के लोगों और अलग-अलग विचारों से जुड़े लोगों तक पहुंचाना है। कार्यक्रम सर्वस्पर्शी और समावेशी होगी।
*मणिपुर में हालात संभालने में जुटा संघ*
बैठक में मणिपुर की स्थिति पर लंबी चर्चा हुई। संघ लगातार संघर्षरत मैतई व कुकी समुदाय के साथ संपर्क में है। वहां हालात सामान्य होने में समय लगेगा पर बेहद सकारात्मक बातचीत हो रही है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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