Monday, June 30, 2025

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गोरखनाथ धाम पर 5 धूनी तपस्या संपन्न होने पर भंडारे का आयोजन

सांकरौद गांव स्थित गोरखनाथ धाम पर रविवार को पांच धूनी तपस्या का विधिवत् समापन हुआ, इस अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया

खेकड़ा, 22 जून 2025 (यूटीएन)। सांकरौद गांव स्थित गोरखनाथ धाम पर रविवार को पांच धूनी तपस्या का विधिवत् समापन हुआ। इस अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों ने भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया। गोरखनाथ धाम के महंत सुरेश भगतजी द्वारा जनकल्याण की भावना से यह तपस्या की गई।

ग्रामीणों ने बताया कि महंत सुरेश ने इससे पहले हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में 41 दिनों तक खड़ी और मौनी तपस्या की थी, जिसका समापन 10 जून को हुआ था। इसके तुरंत बाद उन्होंने गोरखनाथ धाम, सांकरौद में पांच धूनी तपस्या का संकल्प लिया।

लगातार साधना और तप के बाद रविवार को इस तपस्या का समापन हुआ। समापन अवसर पर आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं और ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और साधना के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की। स्थानीय लोगों ने महंत सुरेश भगतजी की तपस्या को क्षेत्र की शांति, सुख और समृद्धि का प्रतीक बताया और उनके तपोबल की सराहना की।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

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गोरखनाथ धाम पर 5 धूनी तपस्या संपन्न होने पर भंडारे का आयोजन

सांकरौद गांव स्थित गोरखनाथ धाम पर रविवार को पांच धूनी तपस्या का विधिवत् समापन हुआ, इस अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया

खेकड़ा, 22 जून 2025 (यूटीएन)। सांकरौद गांव स्थित गोरखनाथ धाम पर रविवार को पांच धूनी तपस्या का विधिवत् समापन हुआ। इस अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों ने भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया। गोरखनाथ धाम के महंत सुरेश भगतजी द्वारा जनकल्याण की भावना से यह तपस्या की गई।

ग्रामीणों ने बताया कि महंत सुरेश ने इससे पहले हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में 41 दिनों तक खड़ी और मौनी तपस्या की थी, जिसका समापन 10 जून को हुआ था। इसके तुरंत बाद उन्होंने गोरखनाथ धाम, सांकरौद में पांच धूनी तपस्या का संकल्प लिया।

लगातार साधना और तप के बाद रविवार को इस तपस्या का समापन हुआ। समापन अवसर पर आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं और ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और साधना के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की। स्थानीय लोगों ने महंत सुरेश भगतजी की तपस्या को क्षेत्र की शांति, सुख और समृद्धि का प्रतीक बताया और उनके तपोबल की सराहना की।

स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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