हरदोई,21 जून 2025 (यूटीएन)। प्रहलाद नगरी जन कल्याण समिति अध्यक्ष शिवम द्विवेदी ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आत्मबोध की वह प्रक्रिया है। जो मन को स्थिरता, धैर्य और संतुलन प्रदान करती है। योग चेतना की उन गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है। जहां से जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण, सृजनशीलता और सशक्तिकरण की प्रेरणा मिलती है।
द्विवेदी ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग ही है, जिसे आज पूरी दुनिया अपनाने लगी है। यही कारण है कि योग अब दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। और इसके माध्यम से भारतीय जीवनशैली ने वैश्विक मंच पर अपना स्थान मजबूत किया है।