Sunday, June 29, 2025

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भीषण गर्मी में नवीन मंडी के व्यापारी पेयजल समस्या से जूझ रहे, आपूर्ति के लिए बनी टंकी 30 वर्ष से खराब

साफ सफाई की सुचारु व्यवस्था मंडी में न होना आम है, लेकिन इस प्रचंड गर्मी में व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है।

मथुरा, 15 जून 2025 (यूटीएन)। कोसीकलां में भीषण गर्मी में नवीन मंडी के व्यापारी पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। मंडी की पेयजल व्यवस्था के लिए बनाई गई टंकी 30 वर्ष से खराब पड़ी है। हैंडपंप की कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी के लिए बनी टंकी सूखी पड़ी है। अगर जेब में पैसा है तो मंडी में पानी है। आढ़तियों का आरोप है कि मंडी अधिकारी केवल राजस्व वसूल करने में जुटे हैं। समस्याओं के निदान के लिए फंड की कोई व्यवस्था नहीं है।

सुविधाओं के नाम पर यह मंडी बदहाल है। साफ सफाई की सुचारु व्यवस्था मंडी में न होना आम है, लेकिन इस प्रचंड गर्मी में व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। यहां के व्यापारियों का कहना है कि हम लोग कई बार मंडी प्रशासन से पेयजल व्यवस्था सही करने और मंडी में आरओ प्लांट सही कराने के लिए कहा गया, लेकिन मंडी प्रशासन फंड न होने का बहाना बनाकर शांत कर देता है।

मंडी प्रशासन की तरफ से पेयजल के लिए टंकी बनाई गई है, जो कि बनने से लेकर आज तक कभी शुरू नहीं हो सकी। हैंडपंप की बात करना तो बेमानी है। मंडी में पानी की सीमेंट की टंकी बनाई गई है, जो कि वर्षों से भरी नहीं गई है। अधिकतर टंकी की टोंटी गायब हैं। मंडी में आने वाले ज्यादातर किसानों को खरीदकर पानी पीना पड़ता है तो वहीं व्यापारियों को 30 से 50 रुपये प्रतिदिन का पानी खरीदना पड़ रहा है।

मथुरा-ब्यूरो चीफ, (अजय वीर सिंह)।

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भीषण गर्मी में नवीन मंडी के व्यापारी पेयजल समस्या से जूझ रहे, आपूर्ति के लिए बनी टंकी 30 वर्ष से खराब

साफ सफाई की सुचारु व्यवस्था मंडी में न होना आम है, लेकिन इस प्रचंड गर्मी में व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है।

मथुरा, 15 जून 2025 (यूटीएन)। कोसीकलां में भीषण गर्मी में नवीन मंडी के व्यापारी पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। मंडी की पेयजल व्यवस्था के लिए बनाई गई टंकी 30 वर्ष से खराब पड़ी है। हैंडपंप की कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी के लिए बनी टंकी सूखी पड़ी है। अगर जेब में पैसा है तो मंडी में पानी है। आढ़तियों का आरोप है कि मंडी अधिकारी केवल राजस्व वसूल करने में जुटे हैं। समस्याओं के निदान के लिए फंड की कोई व्यवस्था नहीं है।

सुविधाओं के नाम पर यह मंडी बदहाल है। साफ सफाई की सुचारु व्यवस्था मंडी में न होना आम है, लेकिन इस प्रचंड गर्मी में व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। यहां के व्यापारियों का कहना है कि हम लोग कई बार मंडी प्रशासन से पेयजल व्यवस्था सही करने और मंडी में आरओ प्लांट सही कराने के लिए कहा गया, लेकिन मंडी प्रशासन फंड न होने का बहाना बनाकर शांत कर देता है।

मंडी प्रशासन की तरफ से पेयजल के लिए टंकी बनाई गई है, जो कि बनने से लेकर आज तक कभी शुरू नहीं हो सकी। हैंडपंप की बात करना तो बेमानी है। मंडी में पानी की सीमेंट की टंकी बनाई गई है, जो कि वर्षों से भरी नहीं गई है। अधिकतर टंकी की टोंटी गायब हैं। मंडी में आने वाले ज्यादातर किसानों को खरीदकर पानी पीना पड़ता है तो वहीं व्यापारियों को 30 से 50 रुपये प्रतिदिन का पानी खरीदना पड़ रहा है।

मथुरा-ब्यूरो चीफ, (अजय वीर सिंह)।

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