पटना,18 मई 2025 (यूटीएन)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र में प्रवेश को लेकर मचे सियासी घमासान ने शनिवार को नया मोड़ ले लिया जब जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर को कल्याण बीघा गांव में प्रवेश से पहले ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने रोक दिया। इस पर नाराजगी जताते हुए किशोर ने कहा, “क्या अब मुख्यमंत्री के गांव जाने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ेगी? ये पूरी तरह से गैर-लोकतांत्रिक है।”
प्रशांत किशोर हाल ही में नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र, नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड अंतर्गत कल्याण बीघा गांव में जन संवाद और हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करने वाले थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव की तैयारियों की घोषणा करते हुए कहा था कि वह घर-घर जाकर यह जानने का प्रयास करेंगे कि बिहार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं।
पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत किशोर शनिवार को कल्याण बीघा पहुंचने वाले थे, लेकिन गांव से कुछ दूरी पर ही उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस द्वारा रोक दिया गया। प्रशांत किशोर ने बताया कि गांव तक पहुंचने से पहले कहीं भी किसी ने नहीं रोका, पर मुख्यमंत्री के गांव में प्रवेश से पहले ही रोक लग गई।
उन्होंने गुस्से में कहा, “यदि हम जबरदस्ती करना चाहें तो हमें गिरफ्तार कर लीजिए, गोली मार दीजिए, लेकिन हम गांव जरूर जाएंगे। यह कोई अपराध नहीं कि हम गरीबों से पूछें कि उन्हें योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं।”
पुलिस की रोक के विरोध में किशोर ने यह भी कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है और प्रशासन सत्ता के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि जनता की असल स्थिति सामने आए। नीतीश कुमार नहीं चाहते कि उनकी योजनाओं और प्रशासनिक कार्यों का असली चेहरा जनता के सामने आए। इसलिए हमें गांव में जाने से रोका जा रहा है। लेकिन हमारी आवाज को कोई दबा नहीं सकता,” प्रशांत किशोर ने स्पष्ट लहजे में कहा।
बिहार – स्टेट ब्यूरो,( प्रणय राज) |