Wednesday, May 14, 2025

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बूंदाबांदी और तेज हवाओं से गेहूं, सरसों व आम की फसल को नुकसान

किसान अब खेतों में पहुंचकर अपनी फसलों को समेटने और बचाने में जुट गए हैं। किसानों का कहना है कि, पहले ही फसल उत्पादन में लागत अधिक आई है और अब मौसम की मार से नुकसान और बढ़ गया है।

खेकड़ा,11 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। क्षेत्र में गुरुवार दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई। आसमान में घने बादल छा गए और हल्की बूंदाबांदी के साथ तेज हवाएं भी चलने लगीं। इस बदले मौसम के चलते गेहूं और सरसों की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही आम के बौर भी झड़ गए, जिससे आम की फसल को भी हानि हुई है।
कस्बे के खेतों में काम कर रहे किसानों को अचानक हुई बारिश और हवाओं के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी। रटौल के बागों में आम की फसल को नुकसान पहुंचा। किसान अब खेतों में पहुंचकर अपनी फसलों को समेटने और बचाने में जुट गए हैं। किसानों का कहना है कि, पहले ही फसल उत्पादन में लागत अधिक आई है और अब मौसम की मार से नुकसान और बढ़ गया है।
विशेषकर जिन खेतों में गेहूं की कटाई अभी बाकी थी, वहां फसल गिरने और भीगने से गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। भाकियू समेत किसान संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि, नुकसान का शीघ्र सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए।
 स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

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बूंदाबांदी और तेज हवाओं से गेहूं, सरसों व आम की फसल को नुकसान

किसान अब खेतों में पहुंचकर अपनी फसलों को समेटने और बचाने में जुट गए हैं। किसानों का कहना है कि, पहले ही फसल उत्पादन में लागत अधिक आई है और अब मौसम की मार से नुकसान और बढ़ गया है।

खेकड़ा,11 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। क्षेत्र में गुरुवार दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई। आसमान में घने बादल छा गए और हल्की बूंदाबांदी के साथ तेज हवाएं भी चलने लगीं। इस बदले मौसम के चलते गेहूं और सरसों की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही आम के बौर भी झड़ गए, जिससे आम की फसल को भी हानि हुई है।
कस्बे के खेतों में काम कर रहे किसानों को अचानक हुई बारिश और हवाओं के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी। रटौल के बागों में आम की फसल को नुकसान पहुंचा। किसान अब खेतों में पहुंचकर अपनी फसलों को समेटने और बचाने में जुट गए हैं। किसानों का कहना है कि, पहले ही फसल उत्पादन में लागत अधिक आई है और अब मौसम की मार से नुकसान और बढ़ गया है।
विशेषकर जिन खेतों में गेहूं की कटाई अभी बाकी थी, वहां फसल गिरने और भीगने से गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। भाकियू समेत किसान संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि, नुकसान का शीघ्र सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए।
 स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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