बडौत, 07 अप्रैल 2025 (यूटीएन)। तहसील क्षेत्र के लूम्ब गांव में समाजसेवियों ने मिलकर उठाया गरीब कन्या की शादी का खर्च दिया गया दान दहेज का पूरा सामान। मुस्लिम रीतिरिवाजों के साथ निकाह कराते हुए आवभगत में हिंदू- मुस्लिम भाई- भाई को मिली मजबूती। लूम्ब का भाईचारा बना मिसाल।
क्षेत्र के लूम्ब गांव के ग्रामीणों ने एक बार फिर भाईचारे की मिसाल की कायम। बीते एक वर्ष पूर्व भी ग्रामीणों ने एक हिन्दू समाज की गरीब कन्या की शादी ग्रामीणो ने मिलजुलकर पूरा खर्च उठाते हुए की थी। इसी क्रम में रविवार को लूम्ब के ग्रामीणो ने एक मुस्लिम समाज कि लडकी की शादी मे भाईचारा दिखाते हुए एक गरीब लडकी की शादी में सहयोग किया। जानकारी के अनुसार लूम्ब गांव की एक मुस्लिम समाज की लडकी की शादी का दिन 6 अप्रैल का रखा गया था ।
लडकी के पिता लगभग 14 वर्ष पूर्व दूनिया से गुजर गये थे, जिसके चलते परिवार के सामने शादी के लिए आर्थिक संकट बन गया था, जिसपर लूम्ब गांव निवासी सालिम बीडीसी संजीव प्रदीप मास्टर विजेंद्र सिंह आदि को जब इस बात की जानकारी हुई, तो उन्होने लडकी के घर जाकर उनसे बातचीत की तो उन्होंने बताया कि, हमारे पास पर्याप्त रूप से इतने पैसे नहींं है, जिससे वे अपनी लडकी की शादी में जरूरत का सामान भी उसे दे सकें ।
यह सुनकर एक टीम बनाई और ग्रामीण को सहयोग करने की बात कही। कुछ लोगो के पास जाकर उनको इसकी जानकारी दी, तो गांव वालो ने भाईचारा दिखाते हुए भरपूर सहयोग किया और लडकी की शादी मे जरूरत का सामान दिलवाया ।डबल वेड, फ्रीज, वाशिंग मशीन, कूलर, अलमारी, संदूक, टंकी आदि सामान सभी के सहयोग से दिलवाया गया।
ग्राम प्रधान बहादुर सिंह, छपरौली थानाध्यक्ष देवेश कुमार शर्मा, बबलू ठेकेदार, सालिम बीडीसी, हाजी इकरामूदीन, नीटू बीडीसी, संजीव परोपकार, उपेन्द्र, मनीष , जयवीर प्रदीप मास्टर, विजेंद्र सिंह, शौकीन आदित्य, बबला डीलर, मा इज़हार , सुनील डीलर आदि का भरपूर सहयोग रहा । ग्राम प्रधान बहादुर सिंह ने कहा कि, यदि गांव मे ऐसे ही सहयोग से गरीब लडकी की शादी की जाए, तो किसी भी गरीब परिवार के लिए बच्ची की शादी करना मुश्किल नही होगा। इस दौरान गाँव में भाईचारे से संपन्न हुई शादी की चर्चा और प्रशंसा खूब हो रही है।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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