अमरोहा,28 मार्च 2025 (यूटीएन)। उत्तर प्रदेश अमरोहा जिले में मनरेगा में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जोया ब्लॉक के गांव पलौला निवासी क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन का मनरेगा मजदूर के रूप में पंजीकरण है। शबीना के पति गजनवी और एमबीबीएस व एलएलबी कर रहे उनके दो देवरों ने भी मनरेगा में मजदूरी से रकम निकाली है। चारों के खातों में मनरेगा की करीब 2.66 लाख रुपये मजदूरी भेजी गई है। मोहम्मद शमी की बहन की सास ही ग्राम प्रधान हैं। क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना की शादी जोया ब्लॉक के गांव पलौला निवासी मोहम्मद गजनवी के साथ हुई है। गजनवी की मां आयशा गांव की प्रधान हैं।
खास बात यह है कि शबीना गांव में मनरेगा मजदूर के रूप में काम करती हैं। इतना ही नहीं उनके देवर आमिर सोहेल जो वर्तमान में लखनऊ में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, उनका भी अपनी पंचायत में मनरेगा मजदूर के रूप में जॉब कार्ड बना है। इसके अलावा एलएलबी करने वाला उसका देवर शेखू भी मनरेगा के तहत मजदूरी पाते रहे हैं। अधिकारियों के निर्देश पर बीडीओ जोया लोकचंद आनंद जांच के लिए गांव पहुंचे। उन्हें ग्राम प्रधान के परिवार से कोई सदस्य मौजूद नहीं मिला। कंपोजिट विद्यालय में पहुंचकर बीडीओ ने ग्रामीणों से बातचीत कर बयान दर्ज किए। जहां ग्रामीणों व मनरेगा मजदूरों ने दोनों के मजदूरी करने की बात कही।
शबीना के परिवार और ग्राम प्रधान से बातचीत के लिए बीडीओ उनके घर भी गए, लेकिन परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं मिला। बीडीओ और पंचायत सचिव के अनुसार गांव में करीब आठ से गांव में मनरेगा के तहत कोई काम नहीं किया गया है। साथ ही दो साल से गांव में किसी रोजगार सेवक की तैनाती नहीं हैं। बीडीओ लोकचंद आनंद ने बताया कि मामला सुर्खियों में आने के बाद अब सभी जॉब कार्डों जांच के दायरे में आएंगे। गलत तरीकों से मनरेगा में काम करने वाले लोगों पर कार्रवाई भी होगी। साथ ही वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी। बीडीओ ने बताया कि सभी जॉब कार्डों की गहनता के साथ जांच की जाएगी। गांव में करीब 650 मनरेगा जॉब कार्ड धारक है।
मनरेगा में गड़बड़ी करने का मामला सामने आने का यह कोई पहली बार नहीं हैं। इससे पहले भी नसीर नंगला में रोजगार सेवक और ग्राम प्रधान के परिजनों को मनरेगा में मजदूर दिखाते हुए मजदूरी दिए जाने का मामला सामने आया था। यहां रोजगार सेवक ने अपने माता-पिता के नाम 68720 रुपये व ग्राम प्रधान द्वारा पत्नी के नाम 55720 रुपये निकाले जाने का मामला सामने आया था,जिसमें दोनों से रिकवरी भी कर ली गई थी। बाद में डीएम ने परियोजना निदेशक को तत्कालीन सचिव, रोजगार सेवक व ग्राम प्रधान पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। इसके अलावा खेडा अपरोला में भी मनरेगा में धांधली की शिकायत की गई थी।
पंचायत सचिव बिजेंद्र कुमार के अनुसार उनको पिछले साल अगस्त में इस गांव में तैनाती मिली है। तभी ग्राम प्रधान के परिजनों के जॉब कार्ड को निरस्त कर दिया गया है। बड़ा सवाल यह भी है कि अगर उसी समय इस तरह की जानकारी उच्चाधिकारियों को हो गई थी, तो रिकवरी व दूसरी कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
मनरेगा योजना के तहत गांवों में मिट्टी का कच्चा काम कराया जाता है। इसके लिए त्रिस्तरीय निगरानी की जाती है। पंचायत स्तर पर रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व पंचायत सचिव, ब्लॉक स्तर पर अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व कार्यक्रम अधिकारी जिला स्तर पर डीसी मनरेगा, मुख्य विकास अधिकारी निगरानी करते हैं। गड़बड़ी पाए जाने पर पंचायत स्तर पर ही कार्रवाई की जाती है। जबकि, अन्य जिम्मेदारों को कार्रवाई से बचा लिया जाता है। पलौला में ग्राम प्रधान के परिजनों के मनरेगा में मजदूरी करने का मामला संज्ञान में आया है। डीएम के निर्देश पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बीडीओ को जांच के लिए गांव भेजा गया था। जांच रिपोर्ट मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
मनरेगा रिकॉर्ड के अनुसार शबीना ने चार जनवरी 2021 से गांव में मनरेगा मजदूर के रूप में जॉब कार्ड बनवाया है। साथ ही गजनवी,उनके छोटे आमिर सोहेल और शेखू का भी इसी तारीख को जॉब कार्ड बनाया गया। शबीना 19 जून 2021 से जुलाई 2024 तक मनरेगा में काम कर मजदूरी पाती रही। अमरोहा जिले के जोया ब्लॉक के पलौला गांव में क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन और बहनोई मनरेगा मजदूर निकले हैं।
एमबीबीएस और वकालत करने वाले शबीना के दो देवरों के खाते में भी मनरेगा की मजदूरी आई है। मनरेगा में मजदूरी करने का मामला सुर्खियों में आने के बाद जांच शुरू हो गई है। बुधवार को क्रिकेटर शमी की बहन शबीना और बहनोई गजनवी के मनरेगा में मजदूरी करने का मामला सामने आया तो प्रशासन में भी खलबली मच गई। जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने मामले का संज्ञान लेते हुए डीसी मनरेगा और परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह को मामले की जांच सौंपी है।डीएम के निर्देश पर बुधवार को बीडीओ जोया गांव पहुंचे और मामले की जांच की। उन्होंने प्रकरण के संबंध में ग्रामीणों और मनरेगा में मजदूरी करने वाले मजदूरों से बातचीत करते हुए उनके बयान भी दर्ज किए है।