Sunday, April 27, 2025

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नेहरू युवा केन्द्र व क्षेत्रीय ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस पर संगोष्ठी, युवाओं को किया जागरूक

युवा जनसेवक नीतीश भारद्वाज ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि नशा छोड़ना कठिन हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है, कार्यक्रम में शामिल युवा स्वयंसेवकों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को टीबी मुक्त भारत, नशा मुक्त समाज और स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया।

बड़ौत, 24 मार्च 2025 (यूटीएन)। जनपद के नेहरू युवा केन्द्र एवं क्षेत्रीय ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस पर एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें युवाओं और महिलाओं को टीबी के प्रति जागरूक करना और समाज में इसके उन्मूलन में युवाओं की भूमिका को विशेष महत्वपूर्ण माना गया। इस वर्ष की थीम, “हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं: प्रतिबद्ध, निवेश, उद्धार” को केंद्र में रखते हुए प्रतिभागियों को टीबी से बचाव, उपचार और रोकथाम के उपायों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान के निदेशक अजीत सिंह, नेहरू युवा केन्द्र बागपत के उप निदेशक अरुण तिवारी व सीएचसी बागपत के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विभाष राजपूत, प्रशिक्षक सचिन चिकारा मौजूद रहे। नेहरू युवा केन्द्र के उप निदेशक अरुण तिवारी ने युवाओं को भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे उपयोगी कार्यक्रम, मेरा युवा भारत, मिशन लाइफ, स्वच्छ भारत अभियान और अन्य योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को सामाजिक विकास में सहभागी बनने और समाज सुधार में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान के निदेशक अजीत सिंह ने युवाओं को नशे से दूर रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि, युवा पीढ़ी को सामाजिक बदलाव का वाहक बनना चाहिए और समाज को नशा मुक्त बनाने में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। सीएचसी बागपत के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विभाष राजपूत ने टीबी के लक्षणों, बचाव और उपचार की जानकारी तथा नशे के दुष्प्रभाव एवं बचाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी, लगातार वजन घटना, हल्का बुखार, हड्डियों में दर्द, त्वचा का रंग बदलना और पाचन संबंधी समस्याएं टीबी के सामान्य लक्षण हैं।
उन्होंने युवाओं को मौसमी फल खाने, जंक फूड से बचने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी। साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और किशोरावस्था में संगत का चुनाव सोच-समझकर करने का आह्वान किया। संत मैरी इंटर कॉलेज रटौल के प्रवक्ता सचिन चिकारा ने युवाओं को मानसिक तनाव, नशा मुक्ति और स्वास्थ्य जागरूकता पर विशेष सत्र के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने नशे के दुष्प्रभावों और उससे बचाव के उपायों पर चर्चा की।कहा कि, युवाओं को नशे से दूर रहकर अपने करियर और समाज सेवा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
युवा जनसेवक नीतीश भारद्वाज ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि नशा छोड़ना कठिन हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। कार्यक्रम में शामिल युवा स्वयंसेवकों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को टीबी मुक्त भारत, नशा मुक्त समाज और स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया। प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे टीबी के खिलाफ जागरूकता अभियान में सक्रिय सहयोग करेंगे और समाज में स्वास्थ्य संबंधी मिथकों को दूर करने का प्रयास करेंगे।
माय भारत स्वयंसेवक अमन कुमार ने माय भारत पोर्टल पर युवाओं को पंजीकृत कराया एवं माय भारत पर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी।संगोष्ठी में युवाओं को न केवल टीबी के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान महिपाल सिंह, समाजसेवी सुरेंद्र मलनिया, स्वयंसेवक नीतीश भारद्वाज, गुलफ़्सा राजपूत, अभिषेक, डिंपल कश्यप, प्रिया, साहिल, वैभव, तरुण, अंकित, फिरदौसी, वर्षा आदि मौजूद रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

International

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नेहरू युवा केन्द्र व क्षेत्रीय ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस पर संगोष्ठी, युवाओं को किया जागरूक

युवा जनसेवक नीतीश भारद्वाज ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि नशा छोड़ना कठिन हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है, कार्यक्रम में शामिल युवा स्वयंसेवकों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को टीबी मुक्त भारत, नशा मुक्त समाज और स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया।

बड़ौत, 24 मार्च 2025 (यूटीएन)। जनपद के नेहरू युवा केन्द्र एवं क्षेत्रीय ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस पर एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें युवाओं और महिलाओं को टीबी के प्रति जागरूक करना और समाज में इसके उन्मूलन में युवाओं की भूमिका को विशेष महत्वपूर्ण माना गया। इस वर्ष की थीम, “हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं: प्रतिबद्ध, निवेश, उद्धार” को केंद्र में रखते हुए प्रतिभागियों को टीबी से बचाव, उपचार और रोकथाम के उपायों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान के निदेशक अजीत सिंह, नेहरू युवा केन्द्र बागपत के उप निदेशक अरुण तिवारी व सीएचसी बागपत के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विभाष राजपूत, प्रशिक्षक सचिन चिकारा मौजूद रहे। नेहरू युवा केन्द्र के उप निदेशक अरुण तिवारी ने युवाओं को भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे उपयोगी कार्यक्रम, मेरा युवा भारत, मिशन लाइफ, स्वच्छ भारत अभियान और अन्य योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को सामाजिक विकास में सहभागी बनने और समाज सुधार में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान के निदेशक अजीत सिंह ने युवाओं को नशे से दूर रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि, युवा पीढ़ी को सामाजिक बदलाव का वाहक बनना चाहिए और समाज को नशा मुक्त बनाने में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। सीएचसी बागपत के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विभाष राजपूत ने टीबी के लक्षणों, बचाव और उपचार की जानकारी तथा नशे के दुष्प्रभाव एवं बचाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी, लगातार वजन घटना, हल्का बुखार, हड्डियों में दर्द, त्वचा का रंग बदलना और पाचन संबंधी समस्याएं टीबी के सामान्य लक्षण हैं।
उन्होंने युवाओं को मौसमी फल खाने, जंक फूड से बचने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी। साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और किशोरावस्था में संगत का चुनाव सोच-समझकर करने का आह्वान किया। संत मैरी इंटर कॉलेज रटौल के प्रवक्ता सचिन चिकारा ने युवाओं को मानसिक तनाव, नशा मुक्ति और स्वास्थ्य जागरूकता पर विशेष सत्र के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने नशे के दुष्प्रभावों और उससे बचाव के उपायों पर चर्चा की।कहा कि, युवाओं को नशे से दूर रहकर अपने करियर और समाज सेवा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
युवा जनसेवक नीतीश भारद्वाज ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि नशा छोड़ना कठिन हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। कार्यक्रम में शामिल युवा स्वयंसेवकों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को टीबी मुक्त भारत, नशा मुक्त समाज और स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया। प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे टीबी के खिलाफ जागरूकता अभियान में सक्रिय सहयोग करेंगे और समाज में स्वास्थ्य संबंधी मिथकों को दूर करने का प्रयास करेंगे।
माय भारत स्वयंसेवक अमन कुमार ने माय भारत पोर्टल पर युवाओं को पंजीकृत कराया एवं माय भारत पर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी।संगोष्ठी में युवाओं को न केवल टीबी के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान महिपाल सिंह, समाजसेवी सुरेंद्र मलनिया, स्वयंसेवक नीतीश भारद्वाज, गुलफ़्सा राजपूत, अभिषेक, डिंपल कश्यप, प्रिया, साहिल, वैभव, तरुण, अंकित, फिरदौसी, वर्षा आदि मौजूद रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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