मथुरा, 11 मार्च 2025 (यूटीएन)। जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन 80-90 महिलाओं की ओपीडी होती है, जिसमें 30 फीसदी महिलाएं थायराइड से पीड़ित पहुंच रही हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहिनी व्यास के अनुसार किसी भी उम्र में थायराइड हो सकता है। कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में इस बीमारी के होने की आशंका ज्यादा रहती है। यह अनुवांशिक भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के बिना परामर्श के दवा का सेवन करना थायराइड होने का कारण है। इनमें हृदय रोग और डिप्रेशन की दवा प्रमुख है।
कमजोरी होना, शरीर में सूजन, ज्यादा पसीना आना थायराइड के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे में शुरुआत में सबसे पहले थायराइड का स्तर पता लगाने के लिए सीरम टीएसएच की जांच कराई जाती है। तनाव या थायराइड के चलते समय से पहले प्रसव होने की संभावना भी बढ़ जाती है। थायराइड में वजन बढ़ने के साथ महिलाएं थायराइड की बीमारी की चपेट में ज्यादा आती हैं। थायराइड ग्रंथि के बढ़ने की वजह से यह समस्या होती है।
यह ग्रंथि तितली के आकार की होती है, जो कि शरीर की कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। थायराइड होने के कारण महिलाओं को एक ओर जहां गर्भधारण करने में दिक्कत हो रही है तो दूसरी ओर इसका असर गर्भस्थ शिशु के विकास पर भी पड़ता है।
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