Tuesday, October 7, 2025

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विशेषज्ञ देखभाल में रह रही नेत्रहीन हथिनी आर्या ने अभयारण्य में पूरे किये अपनी आज़ादी के 5 साल

आर्या और ज़ारा की दोस्ती हर गुजरते साल के साथ और भी गहरी हो गई है, उनकी रोज़ की सैर और एक दुसरे का साथ उनके भावनात्मक सुधार को उजागर करता है।

उतार प्रदेश,17 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। सौम्य व्यवहार वाली एशियाई हथिनी आर्या के लिए प्रत्येक वर्ष यह महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वह इस महीने वाइल्डलाइफ एसओएस एलिफेंट हॉस्पिटल कैंपस में अपनी स्वतंत्रता की पाँचवीं वर्षगांठ मना रही है। दशकों की कठिनाइयों के बाद 2020 में बचाई गई आर्या पूर्ण रूप से नेत्रहीन, कुपोषित और पैरों में दर्दनाक चोटों से पीड़ित थी। तब से, वह हाथी अस्पताल परिसर में गहन उपचार प्राप्त कर रही है।
समर्पित देखभाल और संतुलित आहार के साथ, आर्या को जिंदगी जीने का दूसरा मौका मिला है, उसका वजन स्थिर है, और वह अपनी सबसे करीबी साथी ज़ारा के साथ, जिसने भी हाल ही में पाँच साल पूरे किए हैं अपने पसंदीदा हरे चारे, तरबूज़ और कच्चे केले का आनंद ले रही है। आर्या को मानसून की सैर, ठंडे स्नान और अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बनाए गए सुरक्षित आश्रय का आनंद मिलता है। आर्या और ज़ारा की दोस्ती हर गुजरते साल के साथ और भी गहरी हो गई है। उनकी रोज़ की सैर और एक दुसरे का साथ उनके भावनात्मक सुधार को उजागर करता है।
इस उपलब्धि को ध्यान में रखते हुए, टीम ने कच्चे और पके केले, तरबूज, पपीता, सेब, मक्का और ताजे हरे चारे से युक्त फल भोज तैयार किया, जबकि आर्या की 5वीं रेस्क्यू वर्षगांठ को खुशी और आनंद के साथ मनाने के लिए एक विशेष दलिया का केक भी बनाया गया।
*वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा*
ऐसे हर प्रताड़ित जानवर जिसने दर्द और यातनाएं झेली हो उसको जिंदगी जीने का दूसरा मौका मिलना चाहिए। ज़ारा के साथ मिलकर आर्या का हर दिन यह बदलाव, सहानुभूति और विशेषज्ञ देखभाल के प्रभाव को दर्शाता है।”
*वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा*
आर्या और ज़ारा का सफ़र दोस्ती और सुरक्षा से मिलने वाले आराम को दर्शाता है। उनकी कहानी हम सभी को उम्मीद देती है और हमें इन शानदार जीवों की रक्षा करने की हमारी ज़िम्मेदारी की याद दिलाती है। आर्य जैसे हाथियों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना ही हमारा मिशन है। अभयारण्य में उनका फलना-फूलना अथक देखभाल और इस अटूट विश्वास का परिणाम है कि हर जीवन मायने रखता है, डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज ने कहा। 

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विशेषज्ञ देखभाल में रह रही नेत्रहीन हथिनी आर्या ने अभयारण्य में पूरे किये अपनी आज़ादी के 5 साल

आर्या और ज़ारा की दोस्ती हर गुजरते साल के साथ और भी गहरी हो गई है, उनकी रोज़ की सैर और एक दुसरे का साथ उनके भावनात्मक सुधार को उजागर करता है।

उतार प्रदेश,17 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। सौम्य व्यवहार वाली एशियाई हथिनी आर्या के लिए प्रत्येक वर्ष यह महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वह इस महीने वाइल्डलाइफ एसओएस एलिफेंट हॉस्पिटल कैंपस में अपनी स्वतंत्रता की पाँचवीं वर्षगांठ मना रही है। दशकों की कठिनाइयों के बाद 2020 में बचाई गई आर्या पूर्ण रूप से नेत्रहीन, कुपोषित और पैरों में दर्दनाक चोटों से पीड़ित थी। तब से, वह हाथी अस्पताल परिसर में गहन उपचार प्राप्त कर रही है।
समर्पित देखभाल और संतुलित आहार के साथ, आर्या को जिंदगी जीने का दूसरा मौका मिला है, उसका वजन स्थिर है, और वह अपनी सबसे करीबी साथी ज़ारा के साथ, जिसने भी हाल ही में पाँच साल पूरे किए हैं अपने पसंदीदा हरे चारे, तरबूज़ और कच्चे केले का आनंद ले रही है। आर्या को मानसून की सैर, ठंडे स्नान और अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बनाए गए सुरक्षित आश्रय का आनंद मिलता है। आर्या और ज़ारा की दोस्ती हर गुजरते साल के साथ और भी गहरी हो गई है। उनकी रोज़ की सैर और एक दुसरे का साथ उनके भावनात्मक सुधार को उजागर करता है।
इस उपलब्धि को ध्यान में रखते हुए, टीम ने कच्चे और पके केले, तरबूज, पपीता, सेब, मक्का और ताजे हरे चारे से युक्त फल भोज तैयार किया, जबकि आर्या की 5वीं रेस्क्यू वर्षगांठ को खुशी और आनंद के साथ मनाने के लिए एक विशेष दलिया का केक भी बनाया गया।
*वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा*
ऐसे हर प्रताड़ित जानवर जिसने दर्द और यातनाएं झेली हो उसको जिंदगी जीने का दूसरा मौका मिलना चाहिए। ज़ारा के साथ मिलकर आर्या का हर दिन यह बदलाव, सहानुभूति और विशेषज्ञ देखभाल के प्रभाव को दर्शाता है।”
*वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा*
आर्या और ज़ारा का सफ़र दोस्ती और सुरक्षा से मिलने वाले आराम को दर्शाता है। उनकी कहानी हम सभी को उम्मीद देती है और हमें इन शानदार जीवों की रक्षा करने की हमारी ज़िम्मेदारी की याद दिलाती है। आर्य जैसे हाथियों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना ही हमारा मिशन है। अभयारण्य में उनका फलना-फूलना अथक देखभाल और इस अटूट विश्वास का परिणाम है कि हर जीवन मायने रखता है, डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज ने कहा। 

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