Tuesday, October 7, 2025

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मुंबई में भारी बारिश से हाहाकार, राजस्थान से मानसून की जल्दी वापसी

मौसम विभाग ने बड़ा संकेत दिया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो गई है, जो सामान्य समय से पहले हो रही है।

मुंबई,16 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। देश के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर मुंबई में बारिश आफत बन गई है, जहाँ जलभराव, यातायात बाधित और सार्वजनिक सेवाओं पर असर देखने को मिल रहा है।

इस बीच मौसम विभाग ने बड़ा संकेत दिया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो गई है, जो सामान्य समय से पहले हो रही है। आमतौर पर मानसून की वापसी सितंबर के अंत या अक्टूबर में होती है, लेकिन इस बार मौसम ने अलग ट्रेंड दिखाया है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले मौसमी पैटर्न, समुद्री तापमान, पश्चिमी विक्षोभ और वायुमंडलीय दबाव में बदलाव ने इस असामान्य स्थिति को जन्म दिया है। वहीं, कई हिस्सों में भारी बारिश तो कुछ क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और समुद्री गतिविधियों में बदलाव के चलते इस बार मानसून का व्यवहार अलग दिख रहा है। प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने और मौसम पूर्वानुमानों का पालन करने की सलाह दी गई है। 

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मुंबई में भारी बारिश से हाहाकार, राजस्थान से मानसून की जल्दी वापसी

मौसम विभाग ने बड़ा संकेत दिया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो गई है, जो सामान्य समय से पहले हो रही है।

मुंबई,16 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। देश के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर मुंबई में बारिश आफत बन गई है, जहाँ जलभराव, यातायात बाधित और सार्वजनिक सेवाओं पर असर देखने को मिल रहा है।

इस बीच मौसम विभाग ने बड़ा संकेत दिया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो गई है, जो सामान्य समय से पहले हो रही है। आमतौर पर मानसून की वापसी सितंबर के अंत या अक्टूबर में होती है, लेकिन इस बार मौसम ने अलग ट्रेंड दिखाया है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले मौसमी पैटर्न, समुद्री तापमान, पश्चिमी विक्षोभ और वायुमंडलीय दबाव में बदलाव ने इस असामान्य स्थिति को जन्म दिया है। वहीं, कई हिस्सों में भारी बारिश तो कुछ क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और समुद्री गतिविधियों में बदलाव के चलते इस बार मानसून का व्यवहार अलग दिख रहा है। प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने और मौसम पूर्वानुमानों का पालन करने की सलाह दी गई है। 

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