बागपत,16 अगस्त 2025 (यूटीएन)। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में जहाँ खेकड़ा की बेटी नीरा आर्य के जीवन पर आधारित फिल्म आर्यपुत्री का प्रसारण आर्य संदेश टीवी के माध्यम से लाइव हुआ, वहीं 16 अगस्त की सुबह नीदरलैंड, मॉरीशस एवं फिजी में बसे भारतीय मूल के लोगों ने टीवी चैनलों के माध्यम से इस फिल्म को देखा। इससे पहले एम्सटर्डम, नीदरलैंड में आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नीदरलैंड में भारतीय राजदूत श्रीकुमार तुहिन ने कहा कि ,नीरा आर्य ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, उन्हें विश्व के हरेक कोने में जहाँ भी भारतीय होंगे, स्मरण अवश्य करते रहेंगे। नीदरलैंड के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम का मंच संचालन विश्वास दूबे ने किया व कार्यक्रम के संयोजक नीदरलैंड के चर्चित शिक्षाशास्त्री रामा तक्षक रहे।
कार्यक्रम में वक्ताओं के रूप में नीदरलैंड में रह रहे अनिवासी भारतीय आलोक शर्मा, अश्विनी केगांवकर, महेश वल्लभ पांडेय, डॉ राघव पाठक, तेजपाल सिंह धामा और बलवीर सिंह करुण ने भी अपने विचार रखे।दूसरी ओर खेकड़ा में भी नीरा आर्य को स्मरण किया गया। यहाँ वक्ताओं ने कहा कि, हम स्वतंत्रता की खुली हवा में जो सांसें ले रहे हैं, वह भारत देश के महान बलिदानियों के कारण ही संभव हुई हैं।
नीरा आर्य स्मारक तथा पुस्तकालय मोहम्मद गुलजार अहमद ने कहा कि,नीरा आर्य का बलिदान देश के युवाओं के लिए अनुकरणीय मिसाल है। नीरा आर्य स्मारक एवं पुस्तकालय में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नीरा आर्य की प्रतिमा को पुष्पांजलि के बाद ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर नीरा आर्य को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए मो अकिल अहमद ने कहा कि,महान वीरांगना नीरा आर्य, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रामप्रसाद बिस्मिल, अश्फाक उल्ला खान जैसे महान क्रांतिकारियों के कारण ही हमारे देश को स्वतंत्रता मिली।
नीरा आर्य स्मारक के प्रबंधक हरबीर धामा ने कहा कि, वीरांगना नीरा आर्य हमारे गांव ही नहीं वरन भारत वर्ष की ऐसी बिटिया थी, जिन्होंने देश सेवा एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जान की रक्षा के लिए अपने ही पति का बलिदान कर दिया था। हरबीर धामा ने इस अवसर पर घोषणा की कि, नीरा आर्य की स्मृति में प्रतिवर्ष दिए जाने वाले राष्ट्रीय सम्मान ‘नीरा आर्य पुरस्कार’ की राशि 21 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपए कर दी गई है। इस अवसर पर मोहम्मद बोना अहमद, मो अकिल अहमद, मो गुलजार अहमद, राजीव धामा, गब्दे धामा, हरबीर धामा,विनोद धामा आदि मौजूद रहे।
स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |