Wednesday, July 30, 2025

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उज्ज्वल निकम-मीनाक्षी जैन सहित राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को किया मनोनीत

कई हाई प्रोफाइल मुकदमों को संभालने के लिए उन्हें जाना जाता है, इनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में अजमल कसाब का मुकदमा और 1993 के बॉम्बे विस्फोट मामले शामिल हैं।

नई दिल्ली, 12 जुलाई 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रख्यात वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रख्यात इतिहासकार तथा शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. गृह मंत्रालय की ओर से यह अधिसूचना कल शनिवार को जारी की गई थी.
ये नामांकन पूर्व में नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण खाली पड़ी सीटों को मद्देनजर किए गए हैं। बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(क) के खंड (3) द्वारा उन्हें दी गई शक्तियों के अंतर्गत इन लोगों को राज्यसभा के लिए चुना है।  भारत के राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए 12 व्यक्तियों को मनोनीत कर सकते हैं। ये लोग कला, साहित्य और लोक सेवा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा के लिए जाने जाते हैं।
*अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत  रहे हैं श्रृंगला*
संसद के ऊपरी सदन जाने वाले हर्षवर्धन श्रृंगला वरिष्ठ राजनयिक रहे हैं और वह 1984 के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं. अपने 35 साल के लंबे करियर में हर्षवर्धन ने राजधानी नई दिल्ली समेत विदेश में कई अहम पदों पर काम किया है. हर्षवर्धन श्रृंगला पूर्व विदेश सचिव रहे हैं। उन्होंने पूर्व में संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत का पद भी संभाला है। उन्होंने 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक के रूप में भी कार्य किया है।
*निकम ने मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में रखा सरकार का पक्ष*
उज्जवल देवराव निकम कानूनी क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं। कई हाई प्रोफाइल मुकदमों को संभालने के लिए उन्हें जाना जाता है, इनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में अजमल कसाब का मुकदमा और 1993 के बॉम्बे विस्फोट मामले शामिल हैं। उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के आम चुनावों में मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था।
सरकारी वकील के रूप में निकम ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब की मौत की सजा के लिए सफलतापूर्वक पैरवी की थी. इस केस के लड़ने के बाद उन्हें 2009 में को जेड+ सुरक्षा प्रदान की गई. साल 2016 में निकम को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. यह देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. इतना ही नहीं, उनकी जीवनी पर “आदेश – पावर ऑफ लॉ” फिल्म भी बनी.
उज्ज्वल निकम का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव में बैरिस्टर पिता देवराव माधवराव निकम और विमलादेवी के घर हुआ था. उन्होंने विज्ञान में बैचलर की डिग्री हासिल की और फिर जलगांव के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की. निकम ने 26/11 आतंकी हमले के अलावा, टी-सीरीज की स्थापना करने वाले गुलशन कुमार की हत्या, बीजेपी नेता प्रमोद महाजन (जिनकी उनके ही भाई ने गोली मारकर हत्या कर दी थी) की हत्या और मुंबई गैंगरेप जैसे चर्चित केस भी लड़ा है. साथ ही वह 1993 के मुंबई बम धमाके मामले में भी सरकारी वकील रहे थे.
*1994 में माकपा वालों ने काट दिए थे सदानंदन मास्टर के पैर*
राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाले सी सदानंदन मास्टर भी प्रख्यात शिक्षाविद हैं. वो केरल से जुड़े हुए हैं. सदानंदन मास्टर केरल के एक वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद्, जिन्हें समाज और शिक्षा के क्षेत्र में उनके दीर्घकालिक योगदान के लिए जाना जाता है.
सी. सदानंदन मास्टर केरल के भाजपा सदस्य हैं। वे पूर्व में शिक्षक रहे हैं। उन्हें भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था। वहीं, सदानंदन को 25 जनवरी, 1994 में राजनीतिक हिंसा के शिकार बनाया गया था। तब उनके पैतृक गांव पेरिंचरी के पास माकपा कार्यकर्ताओं ने उनके दोनों पैर काट दिए थे।
*राम-अयोध्या पर किताब लिख चुकी हैं मीनाक्षी जैन*
राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाली डॉ. मीनाक्षी जैन मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत की एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की पूर्व फेलो और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की शासी परिषद की पूर्व सदस्य हैं.
वह वर्तमान में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद की सीनियर फेलो हैं. साल 2020 में, डॉ. मीनाक्षी जैन को उनके योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया था. उनकी गहन शोध वाली पुस्तक लगातार चर्चा में है।  उनके दस्तावेज़ में देवताओं की उड़ान और मंदिरों का पुनर्जन्म (2019), राम के लिए लड़ाई: अयोध्या में मंदिर का मामला (2017), सती: इवेंजेलिकल, बैपटिस्ट मिशनरी और बदलते औपनिवेशिक प्रवचन (2016), राम और अयोध्या (2013), समानांतर रास्ते: हिंदू मुस्लिम संबंधों पर निबंध (1707-1857) (2010) शामिल हैं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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उज्ज्वल निकम-मीनाक्षी जैन सहित राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को किया मनोनीत

कई हाई प्रोफाइल मुकदमों को संभालने के लिए उन्हें जाना जाता है, इनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में अजमल कसाब का मुकदमा और 1993 के बॉम्बे विस्फोट मामले शामिल हैं।

नई दिल्ली, 12 जुलाई 2025 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रख्यात वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रख्यात इतिहासकार तथा शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. गृह मंत्रालय की ओर से यह अधिसूचना कल शनिवार को जारी की गई थी.
ये नामांकन पूर्व में नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण खाली पड़ी सीटों को मद्देनजर किए गए हैं। बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(क) के खंड (3) द्वारा उन्हें दी गई शक्तियों के अंतर्गत इन लोगों को राज्यसभा के लिए चुना है।  भारत के राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए 12 व्यक्तियों को मनोनीत कर सकते हैं। ये लोग कला, साहित्य और लोक सेवा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा के लिए जाने जाते हैं।
*अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत  रहे हैं श्रृंगला*
संसद के ऊपरी सदन जाने वाले हर्षवर्धन श्रृंगला वरिष्ठ राजनयिक रहे हैं और वह 1984 के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं. अपने 35 साल के लंबे करियर में हर्षवर्धन ने राजधानी नई दिल्ली समेत विदेश में कई अहम पदों पर काम किया है. हर्षवर्धन श्रृंगला पूर्व विदेश सचिव रहे हैं। उन्होंने पूर्व में संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत का पद भी संभाला है। उन्होंने 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक के रूप में भी कार्य किया है।
*निकम ने मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में रखा सरकार का पक्ष*
उज्जवल देवराव निकम कानूनी क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं। कई हाई प्रोफाइल मुकदमों को संभालने के लिए उन्हें जाना जाता है, इनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में अजमल कसाब का मुकदमा और 1993 के बॉम्बे विस्फोट मामले शामिल हैं। उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के आम चुनावों में मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था।
सरकारी वकील के रूप में निकम ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब की मौत की सजा के लिए सफलतापूर्वक पैरवी की थी. इस केस के लड़ने के बाद उन्हें 2009 में को जेड+ सुरक्षा प्रदान की गई. साल 2016 में निकम को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. यह देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. इतना ही नहीं, उनकी जीवनी पर “आदेश – पावर ऑफ लॉ” फिल्म भी बनी.
उज्ज्वल निकम का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव में बैरिस्टर पिता देवराव माधवराव निकम और विमलादेवी के घर हुआ था. उन्होंने विज्ञान में बैचलर की डिग्री हासिल की और फिर जलगांव के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की. निकम ने 26/11 आतंकी हमले के अलावा, टी-सीरीज की स्थापना करने वाले गुलशन कुमार की हत्या, बीजेपी नेता प्रमोद महाजन (जिनकी उनके ही भाई ने गोली मारकर हत्या कर दी थी) की हत्या और मुंबई गैंगरेप जैसे चर्चित केस भी लड़ा है. साथ ही वह 1993 के मुंबई बम धमाके मामले में भी सरकारी वकील रहे थे.
*1994 में माकपा वालों ने काट दिए थे सदानंदन मास्टर के पैर*
राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाले सी सदानंदन मास्टर भी प्रख्यात शिक्षाविद हैं. वो केरल से जुड़े हुए हैं. सदानंदन मास्टर केरल के एक वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद्, जिन्हें समाज और शिक्षा के क्षेत्र में उनके दीर्घकालिक योगदान के लिए जाना जाता है.
सी. सदानंदन मास्टर केरल के भाजपा सदस्य हैं। वे पूर्व में शिक्षक रहे हैं। उन्हें भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था। वहीं, सदानंदन को 25 जनवरी, 1994 में राजनीतिक हिंसा के शिकार बनाया गया था। तब उनके पैतृक गांव पेरिंचरी के पास माकपा कार्यकर्ताओं ने उनके दोनों पैर काट दिए थे।
*राम-अयोध्या पर किताब लिख चुकी हैं मीनाक्षी जैन*
राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाली डॉ. मीनाक्षी जैन मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत की एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की पूर्व फेलो और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की शासी परिषद की पूर्व सदस्य हैं.
वह वर्तमान में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद की सीनियर फेलो हैं. साल 2020 में, डॉ. मीनाक्षी जैन को उनके योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया था. उनकी गहन शोध वाली पुस्तक लगातार चर्चा में है।  उनके दस्तावेज़ में देवताओं की उड़ान और मंदिरों का पुनर्जन्म (2019), राम के लिए लड़ाई: अयोध्या में मंदिर का मामला (2017), सती: इवेंजेलिकल, बैपटिस्ट मिशनरी और बदलते औपनिवेशिक प्रवचन (2016), राम और अयोध्या (2013), समानांतर रास्ते: हिंदू मुस्लिम संबंधों पर निबंध (1707-1857) (2010) शामिल हैं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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