Wednesday, July 30, 2025

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रिपोर्ट के बाद उठा सबसे बड़ा सवाल, बोइंग का ईंधन स्विच कैसे बंद हुआ

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (एआई 171) 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई।

नई दिल्ली, 12 जुलाई 2025 (यूटीएन)। अहमदाबाद विमान हादसे पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (एआई 171) 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई।
टेकऑफ के बाद दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद होते ही केवल 29 सेकेंड बाद विमान मेघाणीनगर में क्रैश हो गया। अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि एयर इंडिया के बोइंग विमान का ईंधन स्विच कैसे बंद हुआ? कई विनानन विशेषज्ञों का कहना है कि यांत्रिक और विद्युत संबंधी समस्याओं के कारण भी विमान में ईंधन स्विच की स्थिति में बदलाव हो सकता है। हालांकि इसका सटीक कारण आगे की जांच में ही पता चलेगा।
*विशेषज्ञों का मानना है कि ईंधन स्विच केवल मानवीय हस्तक्षेप से ही बदली जा सकती है*
भारतीय पायलट महासंघ (एफपीआई) के अध्यक्ष और एयर इंडिया के पूर्व पायलट कैप्टन सी. एस. रंधावा ने कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति केवल मानवीय हस्तक्षेप से ही बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि ये स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं और इनमें एक लॉक लगा होता है।
उन्होंने कहा कि अगर इन्हें रन स्थिति में लाना है, तो पहले इसे बाहर निकालना होगा और फिर उस स्थिति में लाना होगा। उन्होंने कहा कि ये स्विच आमतौर पर तब इस्तेमाल किए जाते हैं जब दोनों इंजनों में आग लग गई हो। प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट नहीं है कि स्विच की स्थिति क्यों बदली गई? हो सकता है कि यांत्रिक और विद्युत संबंधी गड़बड़ी के कारण स्विच अपने आप बंद हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि विमान में जब ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद करना होता है, तो उड़ान भर रहा पायलट कहता है कि ईंधन नियंत्रण स्विच बाएँ, पुष्टि करें। जिस पर को पायलट या फर्स्ट ऑफिसर इसकी पुष्टि करता है। पुष्टि के बाद कैप्टन मॉनिटरिंग स्विच को बंद कर देगा, लेकिन इस दुर्घटना में फर्स्ट ऑफिसर विमान को उड़ा रहा था और मेन पायलट मॉनिटरिंग कर रहा था।
ऐसे में यह भी जांच का विषय है कि क्या नियंत्रण स्विच को लेकर यह वार्ता कैप्टन और फर्स्ट ऑफिसर के बीच हुआ था। इस रिपोर्ट से बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि ईंधन स्विच थ्रॉटल के नीचे होते हैं। दोनों इंजन में आग लगने की स्थिति में, स्वचालित थ्रॉटल स्विच बंद कर दिए जाते हैं। बाद में ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद करके चालू कर दिया जाता है। उन्होंने कहा हालांकि मूलतः वे पुनः सक्रिय हो जाते हैं।
*ईंधन स्विच की स्थिति में क्यों हुआ बदलाव?*
वहीं, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति में बदलाव हुआ था और सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने कहा कि जांच इस दिशा में आगे बढ़ेगी कि स्विच की स्थिति क्यों बदली, क्या यह कोई यांत्रिक खराबी थी। या यह जानबूझकर हुआ या अनजाने में हुआ या कुछ और समस्या थी। उन्होंने कहा कि सवाल यह भी है कि क्या कोई सॉफ़्टवेयर गड़बड़ी थी या नहीं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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रिपोर्ट के बाद उठा सबसे बड़ा सवाल, बोइंग का ईंधन स्विच कैसे बंद हुआ

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (एआई 171) 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई।

नई दिल्ली, 12 जुलाई 2025 (यूटीएन)। अहमदाबाद विमान हादसे पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (एआई 171) 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई।
टेकऑफ के बाद दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद होते ही केवल 29 सेकेंड बाद विमान मेघाणीनगर में क्रैश हो गया। अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि एयर इंडिया के बोइंग विमान का ईंधन स्विच कैसे बंद हुआ? कई विनानन विशेषज्ञों का कहना है कि यांत्रिक और विद्युत संबंधी समस्याओं के कारण भी विमान में ईंधन स्विच की स्थिति में बदलाव हो सकता है। हालांकि इसका सटीक कारण आगे की जांच में ही पता चलेगा।
*विशेषज्ञों का मानना है कि ईंधन स्विच केवल मानवीय हस्तक्षेप से ही बदली जा सकती है*
भारतीय पायलट महासंघ (एफपीआई) के अध्यक्ष और एयर इंडिया के पूर्व पायलट कैप्टन सी. एस. रंधावा ने कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति केवल मानवीय हस्तक्षेप से ही बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि ये स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं और इनमें एक लॉक लगा होता है।
उन्होंने कहा कि अगर इन्हें रन स्थिति में लाना है, तो पहले इसे बाहर निकालना होगा और फिर उस स्थिति में लाना होगा। उन्होंने कहा कि ये स्विच आमतौर पर तब इस्तेमाल किए जाते हैं जब दोनों इंजनों में आग लग गई हो। प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट नहीं है कि स्विच की स्थिति क्यों बदली गई? हो सकता है कि यांत्रिक और विद्युत संबंधी गड़बड़ी के कारण स्विच अपने आप बंद हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि विमान में जब ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद करना होता है, तो उड़ान भर रहा पायलट कहता है कि ईंधन नियंत्रण स्विच बाएँ, पुष्टि करें। जिस पर को पायलट या फर्स्ट ऑफिसर इसकी पुष्टि करता है। पुष्टि के बाद कैप्टन मॉनिटरिंग स्विच को बंद कर देगा, लेकिन इस दुर्घटना में फर्स्ट ऑफिसर विमान को उड़ा रहा था और मेन पायलट मॉनिटरिंग कर रहा था।
ऐसे में यह भी जांच का विषय है कि क्या नियंत्रण स्विच को लेकर यह वार्ता कैप्टन और फर्स्ट ऑफिसर के बीच हुआ था। इस रिपोर्ट से बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि ईंधन स्विच थ्रॉटल के नीचे होते हैं। दोनों इंजन में आग लगने की स्थिति में, स्वचालित थ्रॉटल स्विच बंद कर दिए जाते हैं। बाद में ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद करके चालू कर दिया जाता है। उन्होंने कहा हालांकि मूलतः वे पुनः सक्रिय हो जाते हैं।
*ईंधन स्विच की स्थिति में क्यों हुआ बदलाव?*
वहीं, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति में बदलाव हुआ था और सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने कहा कि जांच इस दिशा में आगे बढ़ेगी कि स्विच की स्थिति क्यों बदली, क्या यह कोई यांत्रिक खराबी थी। या यह जानबूझकर हुआ या अनजाने में हुआ या कुछ और समस्या थी। उन्होंने कहा कि सवाल यह भी है कि क्या कोई सॉफ़्टवेयर गड़बड़ी थी या नहीं।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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