नई दिल्ली, 18 जून 2025 (यूटीएन)। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला की अध्यक्षता मे आयोजित केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की तीसरी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के तहत निर्माण के लिए 2.35 लाख घरों को मंजूरी दी गई है। बैठक में हाउसिंग फॉर ऑल (एचएफए) के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक (जेएसएंडएमडी) कुलदीप नारायण, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव, विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पीएमएवाई-यू मिशन निदेशक और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे नौ राज्यों में कुल 2,34,864 घरों को मंजूरी दी गई है। पीएमएवाई-यू 2.0 को चार वर्टिकल के माध्यम से लागू किया जा रहा है – लाभार्थी के नेतृत्व में निर्माण (बीएलसी), भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी), किफायती किराया आवास (एआरएच) और ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)। सीएसएमसी बैठक में स्वीकृत घर योजना के बीएलसी और एएचपी वर्टिकल के अंतर्गत हैं। अब तक पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या 7,09,979 है। बैठक के दौरान, सचिव, एमओएचयूए ने बड़े राज्यों को किफायती आवास नीति तैयार करने और प्रस्तावों को पीएमएवाई-यू 2.0 के एएचपी वर्टिकल के तहत लाने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश महाराष्ट्र राज्य की किफायती आवास नीति का अध्ययन कर सकते हैं और इसे अपनी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित कर सकते हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी सलाह दी गई कि वे बाद के चरण में खाली पड़े घरों से बचने के लिए अनुमोदन के प्रारंभिक चरण में एएचपी वर्टिकल के तहत लाभार्थियों की पहचान करें और उन्हें संलग्न करें। पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत आज स्वीकृत घरों में, महिलाओं के सशक्तिकरण को सुनिश्चित करते हुए, अकेली महिलाओं और विधवाओं सहित अकेले महिलाओं के लिए 1.25 लाख से अधिक घर स्वीकृत किए गए हैं। इस बीच, ट्रांसजेंडरों को 44 घर आवंटित किए गए हैं। यह योजना विभिन्न वंचित समूहों के बीच समावेशिता और सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देती है।
जिसमें एससी लाभार्थियों के लिए 42,400 घर, एसटी लाभार्थियों के लिए 17,574 घर और ओबीसी के लिए 1,13,414 घर आवंटित किए गए हैं। आज की बैठक में, संयुक्त सचिव एवं प्रबंध निदेशक, एचएफए ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पीएमएवाई-यू 2.0 के एकीकृत वेब पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के लाभार्थियों का सत्यापन और संलग्न करने की सलाह दी। उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से विशेष फोकस समूह के लाभार्थियों को प्राथमिकता देने को भी कहा। पीएएवाई-यू 2.0 के तहत, 1 करोड़ परिवारों को शहरी क्षेत्रों में पक्का घर बनाने या खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को उनके जीवन की बेहतरी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सुरक्षित घर देकर उनके उत्थान पर केंद्रित है।
ऐसे व्यक्ति/परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है, वे पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत घर खरीदने या बनाने के पात्र हैं। प्रति आवास इकाई 2.50 लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। जून 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी को नया रूप दिया गया और पीएमएवाई-यू 2.0 के रूप में लॉन्च किया गया। पीएमएवाई-यू के तहत, 93.19 लाख से अधिक घर पहले ही बनाए जा चुके हैं और लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं। पीएम एवाई-यू 2.0 के लॉन्च होने से, शहरी भारत के अतिरिक्त 1 करोड़ ईडब्ल्यूएस/एलआईजी/एमआईजी परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराए जाएँगे। पात्र व्यक्ति के माध्यम से सीधे योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं या सहायता के लिए अपने यूएलबी से संपर्क कर सकते हैं।
एएचपी और बीएलसी वर्टिकल के लिए, ₹3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे, आईएसएस वर्टिकल के लिए, ₹9 लाख तक की आय वाले परिवार पात्र होंगे। सभी पात्र लाभार्थियों (परिवार के सदस्यों सहित) के पास आधार/आधार वर्चुअल आईडी एकीकृत होनी चाहिए। बैठक का समापन करते हुए, सचिव, आवासन शहरी विकास मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा क्रॉस-लर्निंग और अनुकूलन के लिए राष्ट्रीय मंच पर अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना चाहिए। उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को बड़े शहरों में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट दृष्टिकोण अपनाने और नमो भारत स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों के आसपास पीएम एवाई-यू 2.0 के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने की भी सलाह दी।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।