नई दिल्ली, 01 जून 2025 (यूटीएन)। चिकित्सा समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया के एक उल्लेखनीय कारनामे में, एक जीवित हृदय को विशेष रूप से बनाए गए ग्रीन कॉरिडोर की बदौलत सिर्फ़ 19 मिनट में यशोदा अस्पताल, गाजियाबाद से फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला रोड, नई दिल्ली पहुँचाया गया। 17 किलोमीटर की दूरी तय करके, हृदय को 11:40 बजे से 11:59 बजे के बीच ले जाया गया, जिससे गंभीर रूप से बीमार मरीज़ के लिए जीवन रक्षक प्रत्यारोपण संभव हो सका। प्राप्तकर्ता, एक 49 वर्षीय व्यक्ति, इस्केमिक कार्डियोमायोपैथी से पीड़ित था।
एक ऐसी स्थिति जिसमें हृदय की पंपिंग क्षमता क्षतिग्रस्त हृदय की मांसपेशियों के कारण गंभीर रूप से कम हो जाती है, जो अक्सर कोरोनरी धमनी रोग से प्रतिबंधित रक्त प्रवाह के कारण होती है। अगस्त 2024 से ही उन्हें हृदय प्रत्यारोपण के लिए राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन में पंजीकृत किया गया था, तथा उन्हें उपयुक्त दाता की प्रतीक्षा थी। दाता का हृदय 35 वर्षीय महिला से आया था, जिसे मस्तिष्क की रक्त वाहिका फटने के बाद ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। एक अत्यंत निस्वार्थ कार्य में, उसके परिवार ने उसके अंगों को दान करने की सहमति दी, जिससे दूसरों को जीवन का दूसरा मौका मिला।
हृदय को नोटो द्वारा आवंटित किया गया तथा फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में प्रत्यारोपण के लिए मिलान किया गया।फोर्टिस एस्कॉर्ट्स के सुविधा निदेशक डॉ. विक्रम अग्रवाल ने कहा, “ग्रीन कॉरिडोर को सक्षम करने में उनके असाधारण समन्वय के लिए हम दिल्ली और गाजियाबाद यातायात पुलिस के बेहद आभारी हैं। हृदय के समय पर परिवहन के लिए उनका त्वरित सहयोग महत्वपूर्ण था। अंगदान के उनके नेक कार्य के लिए हम दाता के परिवार के प्रति भी हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। यह मामला फोर्टिस एस्कॉर्ट्स की हृदय संबंधी विशेषज्ञता तथा उन्नत, दयालु देखभाल के माध्यम से जीवन बचाने के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब है।”
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।