नई दिल्ली, 23 मई 2025 (यूटीएन)। इस बार दिल्ली की रामलीलाओं में हाल ही में भारतीय सेनाओं द्वारा पहलगाम हमले के विरोध में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ किये गए आपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना को शौर्य की गाथा को दिखाया जाएगा। इसकी घोषणा रामलीला महासंघ की बैठक में यहां अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने की। इस अवसर पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी रामलीला आयोजकों से अपील की कि चाहे पूरी थीम न रखें लेकिन अपनी रामलीला में एक झांकी आपरेशन सिंदूर पर आधारित अवश्य बनाएं।
राजधानी की समस्त रामलीला कमेटियों की संस्था श्री रामलीला महासंघ की एक विशेष बैठक कांस्टीयूशन क्लब नई दिल्ली में महासंघ के अध्यक्ष अर्जुन कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इस बार रामलीला में जो थीम होगी वह आपरेशन सिंदूर पर ही आधारित होगी। इसके अलावा रामलीला से पहले आपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना के शौर्य की एक विडियो भी दिखाई जाएगी। जिससे आम लोगों को भी आपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना के पराक्रम के बारे में जानकारी मिल सके।
रामलीला आयोजन के दौरान होने वाली समस्याओं का एक मंच पर निवारण करने के उद्देश्य से आयोजित इस बैठक में चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल, दिल्ली सरकार, एमसीडी, डीडीए, दिल्ली पुलिस, बिजली विभाग, जल बोर्ड सहित 18 संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे. बैठक की अध्यक्षता महासंघ के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने की. वहीं संचालन सुभाष गोयल ने किया. दिल्ली की विभिन्न रामलिलाओं के 200 के लगभग प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में कथावाचक अजय भाई भी उपस्थित रहे. इस अवसर पर सांसद प्रवीण खण्डेलवाल एवं वहां उपस्थित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को कमेटियों के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने रामलीला के दौरान एवं उससे पहले होने वाली प्रशासनिक समस्याओं के बारे में जानकारी दी।
श्री रामलीला महासंघ के अध्यक्ष अर्जुन कुमार सहित सभी रामलीलाओं के पदाधिकारियों ने मांग की कि जिस प्रकार दिल्ली सरकार कावड़ सेवा एवं दिल्ली हज को सभी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान करती है। उसी प्रकार प्रभु श्रीराम का संदेश घर-घर पहुंचाने में वर्षों से लगी रामलीला कमेटियों को भी बिजली, पानी, ग्रांउण्ड, सफाई आदि भी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जाये। उन्होंने बताया कि मुगलों और अंग्रेजों के शासन काल में भी रामलीलाओं को सभी सुविधाएं निःशुल्क मिलती थी।
इस अवसर पर सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की प्रभु राम भारतवासियों के आराध्यदेव हैं और उनका जीवन हर व्यक्ति को मर्यादा, पुरुषार्थ और लक्ष्य के प्रति समर्पण का संदेश देता है.
रामलीला हमारे धर्म, संस्कृति और विरासत का प्रतीक है और यह आवश्यक है की रामलीला उत्सव को प्रत्येक स्तर पर प्रोत्साहित किया जाए और ऐसे पावन आयोजन में बाधा डालने वाली कोई भी प्रशासनिक जटिलता को समय रहते दूर किया जाए. इस दृष्टि से रामलीला समितियों और सभी संबंधित विभाग परस्पर समन्वय के साथ काम करते हुए समय पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएं. उन्होंने दिल्ली की रामलीला कमेटियों को आश्वासन दिया कि मैं व्यक्तिगत रूप से दिल्ली की रामलीला आयोजन से जुड़ी सभी सिविक एजेंसियों से सभी समस्याओं को लीला आयोजन से पूर्व ही समाधान हो जायेगा।
दिल्ली में रामलीला मंचन गत वर्षो की भांति ही इस वर्ष बहुत ही भव्य एवं शांतिपूर्ण वातावरण सम्पन्न होगा। खंडेलवाल ने सभी विभागों को सुझाव दिया कि रामलीला की मंजूरी से लेकर अनेक प्रशासनिक कार्यों के लिए रामलीला आयोजकों को अनेक अधिकािरयों के चक्कर काटने पड़ते हैं जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए बेहतर यही होगा कि सभी विभाग अपने यहां रामलीला के काम के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर दे। जिससे रामलीला से संबंधित समस्याओं का निवारण एक ही जगह हो सके।
सांसद ने रामलीलाओं को दी जाने वाली बिजली का चार्ज कमर्शियल दर से वसूले जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने वहां मौजूद बिजली कंपनियों के अधिकारियों से कहा कि वैसे तो रामलीलाओं को बिजली निशुल्क दी जानी चाहिए यदि यह संभव नहीं है तो रियायती दर पर घरेलू बिजली चार्ज लिया जाना चाहिए। खंडेलवाल ने रामलीला महासंघ को यह सुझाव भी दिया कि इन सभी समस्याओं के निराकरण एवं सभी विभागों से समन्वय हेतु एक ग्यारह सदस्यों की समिति का गठन भी किया जाए।
*बैठक में रामलीला समितियों के पदाधिकारियों की ओर से ये मुद्दे उठाए गए-*
*मैदानों का समय से आवंटन:*
डीडीए और एमसीडी को रामलीला आयोजनों के लिए मैदान कम से कम 45 दिन पूर्व उपलब्ध कराना चाहिए. ये मैदान बिना शुल्क के दिए जाएं, क्योंकि यह एक धार्मिक उत्सव है.
*सफाई और सुरक्षा व्यवस्था:*
मैदानों की नियमित सफाई, कीटनाशक छिड़काव और आयोजन से पूर्व मैदान का ठीक ढंग से समतलीकरण सुनिश्चित किया जाए.
*झूला ऑपरेटरों की मनमानी पर रोक:*
कई बार देखा गया है कि कुछ झूला ऑपरेटर अफसरों की मिलीभगत से मैदान पहले ही बुक कर लेते हैं और बाद में रामलीला आयोजकों से मनमाना पैसा वसूलते हैं. इस पर रोक लगाई जाए.
*बिजली और पानी की व्यवस्था:* रामलीला के लिए बिजली निःशुल्क या घरेलू दरों पर उपलब्ध कराई जाए, न कि वाणिज्यिक दरों पर. दिल्ली जल बोर्ड को आमजन के लिए निःशुल्क पेयजल की सुविधा देनी चाहिए.
*लाइसेंस और अनापत्ति प्रमाणपत्र:*
दिल्ली पुलिस को रामलीला के लाइसेंस के लिए पूर्व सूचना जारी करनी चाहिए, ताकि समय पर प्रक्रिया पूरी हो सके. विभिन्न विभागों से आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए एक ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ स्थापित किया जाए, जिससे समितियों को भागदौड़ न करनी पड़े.
*यातायात और प्रचार*
रामलीला स्थलों पर यातायात सुचारु रखने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान बनाया जाए. एमसीडी को रामलीला के प्रचार के लिए बोर्ड्स और बिलबोर्ड्स की अनुमति प्रदान करनी चाहिए. इसके अतिरिक्त भी बैठक में कुछ अन्य समस्याओं का भी जिक्र किया गया.
*रामायण शोध संस्थान की स्थापना को हरी झंडी:*
वहीं कथावाचक अजय भाई ने सुझाव दिया कि दिल्ली में एक रामायण शोध संस्थान स्थापित किया जाए, जिसमें प्रभु राम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लगातार शोध होता रहे. साथ ही साथ यह आग्रह भी किया कि इस बार रामलीलाओं में राम जन्म के साथ सीता जन्म का भी मंचन हो. दोनों प्रस्तावों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया.
*11 सदायीय समिति का भी गठन*
रामलीलाओं के आयोजन को लेकर विभिन्न सरकारी विभागों के साथ समन्वय करने के लिए अर्जुन कुमार के नेतृत्व में एक 11 सदायीय समिति का भी गठन किया गया.
*दिल्ली में 500 से अधिक रामलीला होती हैं आयोजित:*
एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में छोटी बड़ी लगभग 500 से अधिक रामलीलाएं होती हैं, जिनमें सभी बड़ी रामलीलाएं चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में आयोजित की जाती हैं. इस साल रामलीला उत्सव 22 सितंबर, से 3अक्तूबर तक चलेगा और दिल्ली सहित देशभर में 2 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा.
श्री रामलीला महासंघ के महामंत्री सुभाष गोयल ने बताया कि इस वर्ष रामलीला महोत्सव 22 सितम्बर 2025 से 3 अक्तूबर 2025 तक मनाया जायेगा एवं दशहरा पर्व 2 अक्तूबर 2025 को पूरे विश्व में धूम धाम से मनाया जायेगा। सुभाष गोयल यह भी बताया कि इस अवसर पर सांसद प्रवीण खण्डेलवाल का शक्ति की प्रतीक हनुमान जी गदा भेंट कर सम्मान किया गया।
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विशेष संवाददाता (प्रदीप जैन)।