Tuesday, December 23, 2025

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दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर एमसीडी को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुनवाई के दौरान कोर्ट को उन समस्याओं के बारे में बताया गया, जो दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की बड़ी वजह हैं, जिनमें दिल्ली-गुरुग्राम का एमसीडी टोल प्लाजा भी शामिल है.

नई दिल्ली, 17 दिसंबर 2025 (यूटीएन)। दिल्ली एनसीआर में बढ़ती प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुझाव दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगले साल एक अक्टूबर से 31 जनवरी तक एमसीडी टोल न रखने का प्रयास करे क्योंकि टोल के दौरान लगने वाला जाम प्रदूषण की बड़ी वजह है. कोर्ट ने एमसीडी से कहा है कि वह टोल बूथ शिफ्ट करे और एक हफ्ते में इस पर विचार करके फैसला करे. कोर्ट ने नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया से भी कहा है कि विकल्प के तौर पर वह टोल वसूल कर एमसीडी को हिस्सा देने पर विचार करे. कोर्ट ने इस दौरान एमसीडी को फटकार लगाई और कहा कि कल को पैसों के लिए आप कनॉट प्लेस में भी पैसा वसूलना शुरू कर देंगे.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को उन समस्याओं के बारे में बताया गया, जो दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की बड़ी वजह हैं, जिनमें दिल्ली-गुरुग्राम का एमसीडी टोल प्लाजा भी शामिल है. कोर्ट को बताया गया कि इस टोल की वजह से घंटों लंबा जाम लगता है. घंटों सड़कों पर खड़ी कार, मोटरसाइकिल और अन्य वाहन प्रदूषण पैदा करते हैं. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने इस पर कहा कि तो अधिकारी एमसीडी से क्यों नहीं कहते हैं कि जनवरी तक कोई टोल न लगाए. सीजेआई ने एमसीडी को फटकार लगाते हुए कहा, ‘कल को पैसों के लिए आप कनॉट प्लेस के अंदर भी टोल लगाना शुरू कर  दोगे?’ सीजेआई सूर्यकांत ने कहा, ‘हमें इस तरह हो रही आपकी इनकम नहीं चाहिए.
लेकिन आपके इन टोल से मुकदमे बाजी के मामले उत्पन्न जरूर होते हैं. हम अगले साल 1 अक्टूबर से 31 जनवरी तक टोल प्लाजा को बंद रखने के लिए एक ठोस प्लान चाहते हैं.’ वकील ने कोर्ट को बताया कि गुरुग्राम भी एमसीडी टोल की वजह से प्रदूषण की गंभीर समस्या का सामना कर रहा है. सीजेआई ने कहा कि ये आरोप नहीं हैं, बल्कि सच्चाई है, जिससे हर रोज लोग जूझ रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि टोल की वजह से लोग शादियों में नहीं जाते, यहां लगने वाले जाम से लोग इतना डरते हैं.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर एमसीडी को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुनवाई के दौरान कोर्ट को उन समस्याओं के बारे में बताया गया, जो दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की बड़ी वजह हैं, जिनमें दिल्ली-गुरुग्राम का एमसीडी टोल प्लाजा भी शामिल है.

नई दिल्ली, 17 दिसंबर 2025 (यूटीएन)। दिल्ली एनसीआर में बढ़ती प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुझाव दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगले साल एक अक्टूबर से 31 जनवरी तक एमसीडी टोल न रखने का प्रयास करे क्योंकि टोल के दौरान लगने वाला जाम प्रदूषण की बड़ी वजह है. कोर्ट ने एमसीडी से कहा है कि वह टोल बूथ शिफ्ट करे और एक हफ्ते में इस पर विचार करके फैसला करे. कोर्ट ने नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया से भी कहा है कि विकल्प के तौर पर वह टोल वसूल कर एमसीडी को हिस्सा देने पर विचार करे. कोर्ट ने इस दौरान एमसीडी को फटकार लगाई और कहा कि कल को पैसों के लिए आप कनॉट प्लेस में भी पैसा वसूलना शुरू कर देंगे.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को उन समस्याओं के बारे में बताया गया, जो दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की बड़ी वजह हैं, जिनमें दिल्ली-गुरुग्राम का एमसीडी टोल प्लाजा भी शामिल है. कोर्ट को बताया गया कि इस टोल की वजह से घंटों लंबा जाम लगता है. घंटों सड़कों पर खड़ी कार, मोटरसाइकिल और अन्य वाहन प्रदूषण पैदा करते हैं. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने इस पर कहा कि तो अधिकारी एमसीडी से क्यों नहीं कहते हैं कि जनवरी तक कोई टोल न लगाए. सीजेआई ने एमसीडी को फटकार लगाते हुए कहा, ‘कल को पैसों के लिए आप कनॉट प्लेस के अंदर भी टोल लगाना शुरू कर  दोगे?’ सीजेआई सूर्यकांत ने कहा, ‘हमें इस तरह हो रही आपकी इनकम नहीं चाहिए.
लेकिन आपके इन टोल से मुकदमे बाजी के मामले उत्पन्न जरूर होते हैं. हम अगले साल 1 अक्टूबर से 31 जनवरी तक टोल प्लाजा को बंद रखने के लिए एक ठोस प्लान चाहते हैं.’ वकील ने कोर्ट को बताया कि गुरुग्राम भी एमसीडी टोल की वजह से प्रदूषण की गंभीर समस्या का सामना कर रहा है. सीजेआई ने कहा कि ये आरोप नहीं हैं, बल्कि सच्चाई है, जिससे हर रोज लोग जूझ रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि टोल की वजह से लोग शादियों में नहीं जाते, यहां लगने वाले जाम से लोग इतना डरते हैं.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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