नई दिल्ली, 03 दिसंबर 2025 (यूटीएन)। सीआईआई इंडिया एज 2025 में बोलते हुए केंद्रीय माननीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पर्यटन भारत की विरासत और संस्कृति का प्रतीक है, साथ ही यह आजीविका का सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में बदलाव भी लाता है। मंत्री ने कहा, “पर्यटन केवल यात्रा के बारे में नहीं है; यह लोगों, समृद्धि और गौरव के बारे में है। विरासत और संस्कृति को बढ़ावा देने से लेकर नए बुनियादी ढाँचे और रोज़गार के सृजन तक, पर्यटन भारत की सॉफ्ट पावर और आर्थिक क्षमता को मज़बूत करता है। उन्होंने आगे कहा, “पर्यटन कोई गौण क्षेत्र नहीं है, बल्कि भारत के आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन का एक प्रमुख चालक है। माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, पर्यटन मंत्रालय भारत को एक वैश्विक पर्यटन महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है, जो विकसित भारत के विज़न में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

भारत में पर्यटन का विकास विकेंद्रीकरण और अनुभवात्मक यात्रा की ओर रुझान से प्रेरित है। राजमार्गों के व्यापक बुनियादी ढाँचे के विकास, रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण और विश्व स्तरीय सुविधाओं के निर्माण ने सतत पर्यटन विकास की नींव रखी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पर्यटन में निवेश किए गए प्रत्येक रुपये से 3.5 रुपये का मूल्यवर्धन होता है, जिसके गुणक प्रभाव के साथ यह क्षेत्र समावेशी विकास के सबसे शक्तिशाली इंजनों में से एक है।” सरकार का लक्ष्य 2047 तक सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन के योगदान को 10% तक बढ़ाना है, जो इसे 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का क्षेत्र बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह मानते हुए कि कृषि के बाद, पर्यटन भारत का अगला प्रमुख रोजगार सृजनकर्ता बन सकता है, मंत्रालय राज्यों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, विकास में तेजी लाने के लिए हाल ही में 50 चयनित स्थलों को बुनियादी ढाँचे का दर्जा दिया गया है।
शेखावत ने यह भी बताया कि सरकार ने ई-वीज़ा प्रक्रिया को तेज़ और अधिक पारदर्शी बना दिया है, और अब अधिकांश आवेदनों का निपटान 72 घंटों में हो जाता है। हम इसे और भी सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक वैश्विक यात्री भारत को एक सुविधाजनक और स्वागत योग्य गंतव्य के रूप में देखें। बढ़ती प्रयोज्य आय और मजबूत घरेलू पर्यटन के साथ, भारत एक पर्यटन क्रांति के लिए तैयार है। मंत्री महोदय ने निष्कर्ष निकाला, “सरकार और उद्योग को इस क्षमता को स्थायी समृद्धि में बदलने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।” सरकार साहसिक सुधार करने और इस क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए उद्योग के साथ खड़ी होने के लिए तैयार है।
पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक सुमन बिल्ला ने ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड होटलों की क्षमता का विस्तार करने, विपणन और प्रचार को मज़बूत करने और लक्षित अभियानों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर “भारत को सही रोशनी में लाने” की आवश्यकता पर बल दिया। सीआईआई राष्ट्रीय पर्यटन एवं आतिथ्य समिति के अध्यक्ष पुनीत चटवाल ने, जैसा कि शीर्ष उद्योग जगत मांग कर रहा है, अतुल्य भारत अभियान के पुनरुद्धार और आधुनिकीकरण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक समर्पित पर्यटन विपणन रणनीति से अभूतपूर्व लाभ प्राप्त हो सकता है। चटवाल ने किफायती वित्तपोषण के लिए पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को राष्ट्रव्यापी बुनियादी ढाँचे का दर्जा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा दर्जा कुछ चुनिंदा गंतव्यों तक ही सीमित है। भविष्य में, भारत को 2047 तक कम से कम 350 हवाई अड्डों की आवश्यकता होगी, जिसमें अगले पाँच वर्षों में 50 नए हवाई अड्डे शामिल होंगे। उन्होंने त्वरित विकास के लिए 50 गंतव्यों की पहचान करने का आह्वान किया। मिशन मोड में, राज्य गंतव्य प्रबंधन, स्वच्छता, सुरक्षा और आगंतुक अनुभव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने भविष्य के लिए तैयार पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र की रूपरेखा के रूप में छह ‘पी’ – नीति, प्रचार, लोग, प्रक्रिया, स्थान और योजना – के महत्व को दोहराया।
सीआईआई राष्ट्रीय पर्यटन एवं आतिथ्य समिति के सह-अध्यक्ष दीप कालरा ने पर्यटन सेवाओं के लिए निर्यात दर्जा दिए जाने पर प्राथमिकता से विचार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत को अपने आवक पर्यटन की गति को फिर से बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे और उन्होंने बेहतर दर्शक लक्ष्यीकरण में डेटा और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने “भारत की सर्वश्रेष्ठता को निरंतर बढ़ावा देने” की आवश्यकता दोहराई। एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स की अध्यक्ष एवं कार्यकारी निदेशक, सुश्री प्रिया पॉल ने प्रतिस्पर्धी ढाँचे के अंतर्गत 50 गंतव्यों के विकास की योजना का पुरज़ोर समर्थन किया और आग्रह किया कि इस पहल को प्रोत्साहनों, अंतर-राज्यीय प्रतिस्पर्धा और बेहतर व्यावसायिक सुगमता के साथ त्वरित गति से शुरू किया जाए ताकि क्रियान्वयन में तेज़ी आए। उन्होंने कौशल विकास और क्षमता निर्माण के महत्व पर ज़ोर दिया और अतुल्य भारत के लिए एक नए दृष्टिकोण का आह्वान किया—ऐसा दृष्टिकोण जो भारत की सॉफ्ट पावर का लाभ उठाए और यात्रियों की बदलती अपेक्षाओं को पूरा करे। भारतीय घरेलू टूर ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष वेद खन्ना ने कहा कि इस क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा असंगठित है, जिससे उपलब्ध सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता और उनका उपयोग सीमित हो जाता है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।


