नई दिल्ली, 26 अक्टूबर 2025 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम ने इस दौरान देशवासियों को त्योहारों की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छठ का जिक्र करते हुए कहा कि छठ का महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच की गहरी एकता का प्रतिबिंब है। छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है। ये दृश्य भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है।
*अंबिकापुर-बंगलूरू में बदलाव की पहलों का किया जिक्र*
पीएम मोदी ने इस दौरान छत्तीसगढ़ और कर्नाटक का जिक्र किया। पीएम ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर की प्लास्टिक कचरा साफ करने की पहल गारबेज कैफे के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “ये ऐसे कैफे हैं, जहां प्लास्टिक का कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए तो उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। ये कैफे अंबिकापुर नगरपालिका चलाता है। इसी तरह पीएम ने बंगलूरू की एक खास पहल का जिक्र करते हुए कहा, “बंगलूरू को झीलों का शहर कहा जाता है और इंजीनियर कपिल शर्मा जी ने यहां झीलों को नया जीवन देने का अभियान शुरू किया है। कपिल की टीम ने बंगलूरू और आसपास के इलाकों में 40 कुओं और झीलों को फिर से जिंदा कर दिया है। खास बात तो यह है कि उन्होंने अपने मिशन में कॉरपोरेट्स और स्थानीय लोगों को भी जोड़ा है।
*मैनग्रोव के जरिए पर्यावरण संरक्षण का दिया मंत्र*
पीएम मोदी ने जंगली जीवन की महत्ता बताते हुए आगे कहा, “गुजरात के वन विभाग ने मैनग्रोव के महत्व को समझते हुए खास मुहिम चलाई हुई है। पांच साल पहले वन विभाग की टीमों ने अहमदाबाद के नजदीक धोलेरा में मैनग्रोव लगाने का काम शुरू किया था, और आज धोलेरा तट पर साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में मैनग्रोव फैल चुके हैं। इनका असर आज पूरे क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। वहां के ईको सिस्टम में डॉल्फिनों की संख्या बढ़ गई है। केकड़े और दूसरे जलीय जीव भी पहले से ज्यादा हो गए हैं। यही नहीं, अब यहां प्रवासी पक्षी भी काफी संख्या में आ रहे हैं। इससे वहां के पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव तो पड़ा ही है, धोलेरा के मछली पालकों को भी फायदा हो रहा है।
*सरदार पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी में शामिल होने की अपील की*
सरदार पटेल आधुनिक काल में राष्ट्र की सबसे महान विभूतियों में से एक रहे हैं। उनके विराट व्यक्तित्व में अनेक गुण एक साथ समाहित थे। गांधी जी से प्रेरित होकर सरदार पटेल ने खुद को स्वतंत्रता आंदोलन में पूरी तरह समर्पित कर दिया। ‘खेड़ा सत्याग्रह’ से लेकर ‘बोरसद सत्याग्रह’ तक अनेक आंदोलनों में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। अहमदाबाद नगरपालिका के प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल भी ऐतिहासिक रहा था। उन्होंने स्वच्छता और सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के रूप में उनके योगदान के लिए हम सभी सदैव उनके ऋणी रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, “सरदार पटेल ने भारत के नौकरशाही के ढांचे की एक मजबूत नींव भी रखी। देश की एकता और अखंडता के लिए उन्होंने अद्वितीय प्रयास किए। मेरा आप सबसे आग्रह है, 31 अक्तूबर को सरदार साहब की जयंती पर देशभर में होने वाली रन फॉर यूनिटी में आप भी जरूर शामिल हों।
*कोरापुट कॉफी का भी जिक्र किया*
पीएम ने इसके बाद कोरापुट कॉफी को लेकर बात की। उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया है कि कोरापुट कॉफी का स्वाद गजब होता है, और इतना ही नहीं, स्वाद तो स्वाद, कॉफी की खेती भी लोगों को फायदा पहुंचा रही है। कोरापुट में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपने जुनून की वजह से कॉफी की खेती कर रहे हैं। मोदी ने आगे कहा, “दुनिया-भर में भारत की कॉफी बहुत लोकप्रिय हो रही है। चाहे कर्नाटका में चिकमंगलुरु, कुर्ग और हासन हो। तमिलनाडु में पुलनी, शेवरॉय, नीलगिरी और अन्नामलाई के इलाके हों, कर्नाटक-तमिलनाडु सीमा पर बिलिगिरि क्षेत्र हो या फिर केरला में वायनाड, त्रावणकोर और मालाबार के इलाके। भारत की कॉफी की डायवर्सिटी देखते ही बनती है। हमारा पूर्वोत्तर भी कॉफी की उपज में आगे बढ़ रहा है।
*सोशल मीडिया ने संस्कृत को नई प्राण वायु दी*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं की रचनात्मकता और संस्कृति के प्रति उनके जुड़ाव की विशेष सराहना की. इस दौरान उन्होंने खास तौर पर उन युवा कंटेंट क्रिएटर्स का ज़िक्र किया, जो संस्कृत, अध्यात्म, दर्शन और संगीत को सोशल मीडिया के जरिए नई पहचान दे रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कमला और जाह्नवी, ये दो बहनें शानदार काम कर रही हैं. वे अध्यात्म, दर्शन और संगीत पर कंटेंट बनाती हैं. इनके वीडियो न सिर्फ ज्ञानवर्धक हैं बल्कि युवाओं में भारतीय संस्कृति के प्रति रुचि भी जगा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संस्कृत को नई ऊर्जा मिल रही है. प्रधानमंत्री ने एक और युवा कंटेंट क्रिएटर का जिक्र करते हुए कहा, “इंस्टाग्राम पर ‘संस्कृत छात्रोहम्’ नाम से एक चैनल है, जिसे एक युवा साथी चला रहे हैं. वे संस्कृत से जुड़ी जानकारियां तो साझा करते ही हैं, साथ ही संस्कृत में हास्य और मनोरंजन के वीडियो भी बनाते हैं, जिन्हें लोग बहुत पसंद करते हैं.
*रचनात्मकता से संस्कृत को आधुनिक माध्यमों से जोड़ा*
प्रधानमंत्री ने बताया कि आज देशभर में कई युवा अपनी रचनात्मकता से संस्कृत को आधुनिक माध्यमों से जोड़ रहे हैं. उन्होंने समष्टि नाम की एक लड़की का जिक्र करते हुए कहा, “आप में से कई लोगों ने ‘समष्टि’ के वीडियो भी देखे होंगे. समष्टि अपने गानों को संस्कृत में बहुत ही अनोखे और आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करती है. इसके अलावा, पीएम मोदी ने एक अन्य युवा कंटेंट क्रिएटर का जिक्र करते हुए कहा, “एक और युवा हैं भावेश भीमनाथनी, जो संस्कृत श्लोकों, आध्यात्मिक दर्शन और सिद्धांतों पर चर्चा करते हैं. उनका काम संस्कृत को नई पीढ़ी के बीच लोकप्रिय बना रहा है.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के दौर में और आजादी के बाद भी संस्कृत भाषा की उपेक्षा होती रही, जिससे युवाओं में इसकी ओर आकर्षण घट गया. लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. अब समय बदल रहा है और संस्कृत का भी समय बदल रहा है. सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने इस भाषा को नई प्राणवायु दी है. आज के युवा संस्कृत को लेकर बहुत रोचक और प्रेरणादायक काम कर रहे हैं.
*स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी से त्योहारों की रौनक पहले से ज्यादा*
इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जीएसटी बचत उत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी में भारी उछाल है। त्योहारों की रौनक पहले से ज्यादा रौनक देखी गई है।
*रिया नाम के कुत्ते की तारीफ की*
पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले साल लखनऊ में ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट में रिया नाम के कुत्ते ने सबका ध्यान खींचा। यह बीएसएफ द्वारा प्रशिक्षित मुधोल हाउंड है। रिया ने कई विदेशी नस्लों को पीछे छोड़ते हुए वहां प्रथम पुरस्कार जीता। हमारे स्वदेशी कुत्तों ने भी अद्भुत साहस का परिचय दिया है। पिछले साल छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में गश्त के दौरान सीआरपीएफ के एक स्वदेशी कुत्ते ने 8 किलोग्राम विस्फोटक का पता लगाया था। मैं बीएसएफ और सीआरपीएफ को इस दिशा में उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।’
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।


