Tuesday, October 7, 2025

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धार्मिक लीला कमेटी: राभगवान राम को वनवास, अयोध्या नगरी शोक में डूबी

मंचन के दौरान की प्रस्तुतियों  शिव पार्वती प्रसंग, विश्वमोहिनी स्वंयवर, नारद मोह, रावण कुंभकर्ण तपस्या, रावण - वेदवती संवाद  ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और रामलीला को भव्य बना दिया। 

नई दिल्ली, 27 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। धार्मिक लीला कमेटी की ओर से लालकिला मैदान स्थित माधवदास पार्क में आयोजित रामलीला में भगवान राम के राजतिलक की घोषणा और राजतिलक की भव्य तैयारी के बीच महारानी कैकेई को दासी मंथरा को बहकाने और महाराजा दशरथ से दो वर मांगने की लीला हुई। महाराजा दशरथ को प्रभावित करने के लिए कैकई के कोप भवन में चली जाने, महाराजा दशरथ के उनको मनाने, कैकेई ने भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास देने और भरत का अयोध्या का राजा बनाने के वचन मांगने, पिता के आदेश के बाद भगवान राम के लक्ष्मण एवं जानकी के साथ वनवास जाने की लीला का मंचन हुआ। इस अवसर पर आशीष सूद मंत्री,दिल्ली सरकार,मनोज तिवारी सदस्य,लोकसभा , हर्ष मल्होत्रा , केंद्रीय राज्य मंत्री,शिल्पा रायज़ादा (अभिनेत्री )मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। मंचन के दौरान की प्रस्तुतियों  शिव पार्वती प्रसंग, विश्वमोहिनी स्वंयवर, नारद मोह, रावण कुंभकर्ण तपस्या, रावण – वेदवती संवाद  ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और रामलीला को भव्य बना दिया। 
समिति महासचिव धीरजधर गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष रामलीला के मंचन में पारंपरिक प्रसंगों के साथ-साथ तकनीकी प्रयोगों का भी विशेष ध्यान रखा गया है, ताकि दर्शकों को अधिक आकर्षक और जीवंत अनुभव मिल सके।
*श्री धार्मिक लीला समिति और जीटीटीसीआई द्वारा विश्व पर्यटन दिवस मनाया*
भारतीय वैश्विक व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (जीटीटीसीआई) ने श्री धार्मिक लीला समिति के सहयोग से ऐतिहासिक लाल किला मैदान, दिल्ली में विश्व पर्यटन दिवस का आयोजन किया। इस वर्ष का वैश्विक विषय, “पर्यटन और सतत परिवर्तन”, सतत विकास और अंतर-सांस्कृतिक समझ के प्रेरक के रूप में पर्यटन की परिवर्तनकारी शक्ति पर कार्यक्रम के फोकस को रेखांकित करता है। लाल किला प्रांगण में विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह ने न केवल भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का जश्न मनाया, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ संबंधों को भी मज़बूत किया और विविधता में एकता की भावना को और मज़बूत किया। शाम का समापन रामलीला के मनोरम मंचन के साथ हुआ, जिसके बाद पारंपरिक रात्रिभोज का आयोजन हुआ, जिससे सभी उपस्थित लोगों में सांस्कृतिक गौरव और वैश्विक सद्भाव की गहरी भावना जागृत हुई। इस अवसर पर, जीटीटीसीआई ने प्रमुख व्यक्तियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। 
धार्मिक लीला समिति के अध्यक्ष सुरेश गोयल को उनके अनुकरणीय नेतृत्व और समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। जीटीटीसीआई के अध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने अतिथि गणमान्य व्यक्तियों को उनके समर्थन और भागीदारी के लिए आभार व्यक्त करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किए। 
*राजदूतों ने श्री धार्मिक लीला समिति में 102 वर्ष पुरानी रामलीला परंपरा की सराहना की*
आज रामलीला देखने के लिए बुरुंडी के राजदूत एलोयस बिजिंदावी; मंगोलिया के राजदूत गणबोल्ड डंबजाव; कोमोरोस संघ के महावाणिज्य दूत के.एल. गंजू; वियतनाम से 25 व्यापारिक प्रतिनिधि भी आए थे। श्रीलंका, जापान और नाइजीरिया के प्रवासियों की भागीदारी ने इस शाम को और समृद्ध बना दिया, जो विविध अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधित्व को दर्शाता है। इन गणमान्य व्यक्तियों में से प्रत्येक ने भारत की सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन में श्री धार्मिक लीला समिति के उल्लेखनीय प्रयासों के लिए अपनी गहरी सराहना व्यक्त की।
धार्मिक लीला समिति के महासचिव धीरज धर गुप्ता ने राजदूतों, राजनयिकों, व्यापारिक प्रतिनिधियों और विशिष्ट अतिथियों को पारंपरिक पटका पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मंगोलिया के राजदूत  गनबोल्ड दंबजाव ने रामलीला परंपरा के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की और एक शताब्दी से भी अधिक समय से इसकी निरंतरता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लाल किले की भव्य पृष्ठभूमि में भगवान राम की इस कालातीत कथा को देखना न केवल भारत की जीवंत विरासत को प्रदर्शित करता है, बल्कि भक्ति, दृढ़ता और सांस्कृतिक एकता के सार्वभौमिक मूल्यों को भी दर्शाता है। विश्व पर्यटन दिवस की वैश्विक थीम और भगवान राम की 102 साल पुरानी रामलीला के संगम ने अंतर-सांस्कृतिक संवाद, चिंतन और प्रशंसा के लिए एक अनूठा मंच तैयार किया।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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धार्मिक लीला कमेटी: राभगवान राम को वनवास, अयोध्या नगरी शोक में डूबी

मंचन के दौरान की प्रस्तुतियों  शिव पार्वती प्रसंग, विश्वमोहिनी स्वंयवर, नारद मोह, रावण कुंभकर्ण तपस्या, रावण - वेदवती संवाद  ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और रामलीला को भव्य बना दिया। 

नई दिल्ली, 27 सितम्बर 2025 (यूटीएन)। धार्मिक लीला कमेटी की ओर से लालकिला मैदान स्थित माधवदास पार्क में आयोजित रामलीला में भगवान राम के राजतिलक की घोषणा और राजतिलक की भव्य तैयारी के बीच महारानी कैकेई को दासी मंथरा को बहकाने और महाराजा दशरथ से दो वर मांगने की लीला हुई। महाराजा दशरथ को प्रभावित करने के लिए कैकई के कोप भवन में चली जाने, महाराजा दशरथ के उनको मनाने, कैकेई ने भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास देने और भरत का अयोध्या का राजा बनाने के वचन मांगने, पिता के आदेश के बाद भगवान राम के लक्ष्मण एवं जानकी के साथ वनवास जाने की लीला का मंचन हुआ। इस अवसर पर आशीष सूद मंत्री,दिल्ली सरकार,मनोज तिवारी सदस्य,लोकसभा , हर्ष मल्होत्रा , केंद्रीय राज्य मंत्री,शिल्पा रायज़ादा (अभिनेत्री )मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। मंचन के दौरान की प्रस्तुतियों  शिव पार्वती प्रसंग, विश्वमोहिनी स्वंयवर, नारद मोह, रावण कुंभकर्ण तपस्या, रावण – वेदवती संवाद  ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और रामलीला को भव्य बना दिया। 
समिति महासचिव धीरजधर गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष रामलीला के मंचन में पारंपरिक प्रसंगों के साथ-साथ तकनीकी प्रयोगों का भी विशेष ध्यान रखा गया है, ताकि दर्शकों को अधिक आकर्षक और जीवंत अनुभव मिल सके।
*श्री धार्मिक लीला समिति और जीटीटीसीआई द्वारा विश्व पर्यटन दिवस मनाया*
भारतीय वैश्विक व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (जीटीटीसीआई) ने श्री धार्मिक लीला समिति के सहयोग से ऐतिहासिक लाल किला मैदान, दिल्ली में विश्व पर्यटन दिवस का आयोजन किया। इस वर्ष का वैश्विक विषय, “पर्यटन और सतत परिवर्तन”, सतत विकास और अंतर-सांस्कृतिक समझ के प्रेरक के रूप में पर्यटन की परिवर्तनकारी शक्ति पर कार्यक्रम के फोकस को रेखांकित करता है। लाल किला प्रांगण में विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह ने न केवल भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का जश्न मनाया, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ संबंधों को भी मज़बूत किया और विविधता में एकता की भावना को और मज़बूत किया। शाम का समापन रामलीला के मनोरम मंचन के साथ हुआ, जिसके बाद पारंपरिक रात्रिभोज का आयोजन हुआ, जिससे सभी उपस्थित लोगों में सांस्कृतिक गौरव और वैश्विक सद्भाव की गहरी भावना जागृत हुई। इस अवसर पर, जीटीटीसीआई ने प्रमुख व्यक्तियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। 
धार्मिक लीला समिति के अध्यक्ष सुरेश गोयल को उनके अनुकरणीय नेतृत्व और समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। जीटीटीसीआई के अध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने अतिथि गणमान्य व्यक्तियों को उनके समर्थन और भागीदारी के लिए आभार व्यक्त करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किए। 
*राजदूतों ने श्री धार्मिक लीला समिति में 102 वर्ष पुरानी रामलीला परंपरा की सराहना की*
आज रामलीला देखने के लिए बुरुंडी के राजदूत एलोयस बिजिंदावी; मंगोलिया के राजदूत गणबोल्ड डंबजाव; कोमोरोस संघ के महावाणिज्य दूत के.एल. गंजू; वियतनाम से 25 व्यापारिक प्रतिनिधि भी आए थे। श्रीलंका, जापान और नाइजीरिया के प्रवासियों की भागीदारी ने इस शाम को और समृद्ध बना दिया, जो विविध अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधित्व को दर्शाता है। इन गणमान्य व्यक्तियों में से प्रत्येक ने भारत की सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन में श्री धार्मिक लीला समिति के उल्लेखनीय प्रयासों के लिए अपनी गहरी सराहना व्यक्त की।
धार्मिक लीला समिति के महासचिव धीरज धर गुप्ता ने राजदूतों, राजनयिकों, व्यापारिक प्रतिनिधियों और विशिष्ट अतिथियों को पारंपरिक पटका पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मंगोलिया के राजदूत  गनबोल्ड दंबजाव ने रामलीला परंपरा के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की और एक शताब्दी से भी अधिक समय से इसकी निरंतरता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लाल किले की भव्य पृष्ठभूमि में भगवान राम की इस कालातीत कथा को देखना न केवल भारत की जीवंत विरासत को प्रदर्शित करता है, बल्कि भक्ति, दृढ़ता और सांस्कृतिक एकता के सार्वभौमिक मूल्यों को भी दर्शाता है। विश्व पर्यटन दिवस की वैश्विक थीम और भगवान राम की 102 साल पुरानी रामलीला के संगम ने अंतर-सांस्कृतिक संवाद, चिंतन और प्रशंसा के लिए एक अनूठा मंच तैयार किया।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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