नई दिल्ली, 22 सितम्बर (यूटीएन)। देश की प्राचिनतम एवं सुप्रसिद्ध लवकुश रामलीला मंदोदरी का किरदार निभाने वाली पूनम पांडे अपने सनातन धर्म से जुड़ने की कोशिश कर रही है इसीलिए वह नवरात्रि में माता का व्रत भी रख रही हैं इसको लेकर उन्होंने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया है। पूनम पांडे मंदोदरी के किरदार को लेकर वो बहुत उत्साहित हैं. पूनम ने ऐलान किया है कि जब तक वो श्रद्धा पूर्वक इस किरदार का हिस्सा बनेंगी. वो नवरात्र के पूरे 9 दिनों का व्रत रखेंगी. वीडियो में पूनम बोलीं- दिल्ली के लाल किला में वर्ल्ड फेमस लव-कुश रामलीला में मुझे मंदोदरी का किरदार निभाने का मौका मिला है. ये बहुत ही जरूरी किरदार है.
ये रावण की पत्नी थीं, मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं कि मुझे ये अहम रोल निभाने का मौका मिला. इसलिए मैंने तय किया है कि मैं पूरे नवरात्र का व्रत रखूंगी, ताकि मैं अपने पूरे तन और मन से साफ रहूं. और इस खूबसूरती से किरदार को निभा सकूं. जय श्री राम, मिलते हैं रामलीला में. पूनम पांडे इस बात को लेकर काफी आहत हैं कि लोग उनकी भावनाओं को समझ नहीं रहे हैं वह गंदगी और दलदल से निकलना चाह रही है लेकिन लोग हाथ खींच रहे हैं कोई सहारा देने को तैयार नहीं है बल्कि सभी डंडे और पत्थर लेकर तैयार है उसे मारने के लिए और गंदगी में वापस भेजने के लिए।

*पूनम के नाम पर आपत्ति को लेकर बंटा संत समाज*
पूनम पांडे को दिल्ली की एक रामलीला में रावण की पत्नी मंदोदरी की भूमिका देने के प्रस्ताव पर संत समाज बंटा हुआ है। संत समाज के कुछ लोग इसे धार्मिक आस्थाओं का अपमान बताकर विरोध कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे आत्मिक बदलाव और धर्म को कला के साथ संतुलित करने का अवसर मान रहे हैं। एक वर्ग का मानना है कि मंदोदरी का किरदार धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा है और पूनम पांडे जैसी अभिनेत्री को यह भूमिका देना आस्थाओं पर चोट है। वहीं दूसरा वर्ग इसे एक अलग दृष्टिकोण से देखता है। कुछ संतों का मानना है कि यह कला और धर्म के बीच संतुलन बनाने का अवसर हो सकता है, या यह आत्मिक बदलाव का एक मौका है। पुनम के मंदोदरी के किरदार के लिए चुने जाने पर सबसे पहले विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली के प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता ने आपत्ति जताई थी.
उन्होंने एक पत्र भेजकर इस पर फिर से विचार करने की आग्रह किया था. पत्र में सुरेन्द्र कुमार गुप्ता ने इस बात पर जोर किया कि रामलीला केवल एक नाट्य-प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारतीय समाज और संस्कारों का एक जीवंत हिस्सा है. संगठन ने यूनेस्को द्वारा रामलीला को दिए गए सांस्कृतिक महत्व का भी उल्लेख किया, जो इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पारंपरिक प्रदर्शन के रूप में पहचानता है. बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख और वहीं लव कुश रामलीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण शंकर कपूर ने आयोजकों को अपनी तरफ से चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने जोर देकर कहा है कि पूनम पांडे को मंदोदरी का किरदार नहीं निभाना चाहिए और किसी दूसरे कलाकार को मौका मिलना चाहिए। उधर महामंडलेश्वर शैलेंद्रानंद महाराज ने अलग नजरिया अपनाया है।
उनका मानना है कि चित्र और चरित्र में अंतर होता है। ऐसे में अगर पूनम पांडे मंदोदरी का किरदार निभाती भी हैं और वह रामायण का सही तरीके से अध्ययन करती हैं, तो उनके जीवन में आध्यात्मिक बदलाव आ सकता है। अगर कोई भी कलाकार इस तरह से पौराणिक पात्र निभाता है, तो इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए। वहीं वहीं बीजेपी विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने पूनम पांडे का समर्थन किया है. रविंद्र नेगी ने कहा कि अगर पूनम पांडे मंदोदरी की भूमिका निभाती हैं तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. रविंद्र सिंह नेगी ने कहा कि अभिनेता और अभिनेत्रियां अपना किरदार निभाते हैं. उनका असली काम अभिनय करना है. अगर कोई कलाकार किसी विशेष किरदार को निभा रहा है तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई दिक्कत है.
*बवाल के बीच अध्यक्ष अर्जुन का बड़ा बयान*
इस बवाल के बीच लव-कुश रामलीला समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार का बड़ा बयान आया है. उन्होंने पूनम पांडे के रोल को लेकर बयान दिया है। उन्होंने मंदोदरी को लेकर उपजे बवाल पर कहा कि रमायण में वह सबसे ज्यादा सुंदर थी. उसने रावण को बुरे काम करने के लिए रोका था. एक ऐसा कलाकार जो इस मर्यादा में रहकर इस तरह की भाषा बोलेगा और इस तरह का रोल करेगा. तो, निश्चित रूप से उसके दिल और दिमाग भी बदलेगा और उसको देखने के बाद सैकड़ों लड़कियां खुद को बदलेंगी. ये कहा जा रहा है कि वो बोल्ड सीन करती हैं तो क्या हम उन्हें अच्छे रास्ते पर नहीं डाल सकते? रामलीला सांकेतिक होती है.
*पूनम पांडे ने इस रोल के लिए कोई भुगतान नहीं लिया*
साथ ही अर्जुन कुमार ने कहा, ‘पूनम पांडे को इस रोल के लिए कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है. यहां तक की आने-जाने का टिकट भी वह खुद ही वहन करेंगी.
*बोल्ड सीन से क्या लेना-देना*
लवकुश कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि समाज के अंदर अच्छे और बुरे सब लोग हैं. रामलीला भी वही है कि हम सांकेतिक तौर पर हर साल बुराई का अंत करते हैं. इस तरह से कहा जा रहा है कि वह बोल्ड सीन देते हैं तो क्या हम उन्हें अच्छे रास्ते पर नहीं डाल सकते. पूनम पांडे ने कुंभ के अंदर भी स्नान किया है. गंगाजल छिड़क कर हम पवित्र कर देते हैं वह यहां आना चाहते हैं तो इसमें क्या बुरी बात है. लेकिन समिति पर इस विरोध का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा बावजूद इसके पूनम को ही मंदोदरी के किरदार के लिए फाइनल किया गया. बता दें, पुरानी दिल्ली में होने वाली लव कुश रामलीला 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक चलेगी.
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।