Wednesday, October 8, 2025

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मेरे खिलाफ पैसे देकर चलाया जा रहा राजनीतिक अभियान’:नितिन गडकरी

ऑटोमोबाइल निर्माता और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं ने पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण पर अपने निष्कर्ष साझा किए हैं।

नई दिल्ली, 11 सितम्बर (यूटीएन)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ई20 मिश्रित ईंधन के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा अभियान मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए है। इसे पैसे देकर चलाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के वार्षिक सम्मेलन में सवालों के जवाब दे रहे थे। यहां उनसे पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण से जुड़ी चिंताओं के बारे में पूछा गया था।
गडकरी ने जवाब दिया कि ऑटोमोबाइल निर्माता और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं ने पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण पर अपने निष्कर्ष साझा किए हैं। मंत्री ने कहा, ‘जिस तरह आपका उद्योग काम करता है, उसी तरह राजनीति भी काम करती है। सोशल मीडिया अभियान सशुल्क था। यह मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए था। इसमें कोई तथ्य नहीं है। सब कुछ स्पष्ट है।
इथेनॉल मिश्रण आयात का विकल्प, लागत-प्रभावी, प्रदूषण-मुक्त और स्वदेशी है।’गडकरी ने कहा कि भारत जीवाश्म ईंधन के आयात पर भारी रकम खर्च करता है। उन्होंने पूछा कि क्या जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने और बचाई गई राशि को भारतीय अर्थव्यवस्था में लगाने का प्रयास करना आर्थिक रूप से एक अच्छा कदम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमने मक्का से इथेनॉल बनाया। इस कदम से किसानों को 45,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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मेरे खिलाफ पैसे देकर चलाया जा रहा राजनीतिक अभियान’:नितिन गडकरी

ऑटोमोबाइल निर्माता और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं ने पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण पर अपने निष्कर्ष साझा किए हैं।

नई दिल्ली, 11 सितम्बर (यूटीएन)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ई20 मिश्रित ईंधन के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा अभियान मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए है। इसे पैसे देकर चलाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के वार्षिक सम्मेलन में सवालों के जवाब दे रहे थे। यहां उनसे पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण से जुड़ी चिंताओं के बारे में पूछा गया था।
गडकरी ने जवाब दिया कि ऑटोमोबाइल निर्माता और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं ने पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण पर अपने निष्कर्ष साझा किए हैं। मंत्री ने कहा, ‘जिस तरह आपका उद्योग काम करता है, उसी तरह राजनीति भी काम करती है। सोशल मीडिया अभियान सशुल्क था। यह मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए था। इसमें कोई तथ्य नहीं है। सब कुछ स्पष्ट है।
इथेनॉल मिश्रण आयात का विकल्प, लागत-प्रभावी, प्रदूषण-मुक्त और स्वदेशी है।’गडकरी ने कहा कि भारत जीवाश्म ईंधन के आयात पर भारी रकम खर्च करता है। उन्होंने पूछा कि क्या जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने और बचाई गई राशि को भारतीय अर्थव्यवस्था में लगाने का प्रयास करना आर्थिक रूप से एक अच्छा कदम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमने मक्का से इथेनॉल बनाया। इस कदम से किसानों को 45,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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