नई दिल्ली, 03 सितम्बर (यूटीएन)। दिल्ली स्थित यशोभूमि (इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर) में चल रहे सेमीकॉन इंडिया 2025 के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को शिरकत की। इस दौरान उन्होंने सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों से बातचीत की और टेक्नोलॉजी से बने प्रोजेक्ट्स और उत्पादों को करीब से देखा। मंगलवार को पीएम मोदी ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा था कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है और सेमीकंडक्टर के भविष्य को भारत के साथ मिलकर बनाना चाहती है। उन्होंने इस मौके पर चिप्स को 21वीं सदी का “डिजिटल डायमंड” बताया था।
*1.5 लाख करोड़ के निवेश से सेक्टर को मिलेगी मजबूती*
प्रधानमंत्री ने बताया कि वैश्विक सेमीकंडक्टर मार्केट पहले ही 600 अरब डॉलर का हो चुका है और आने वाले वर्षों में यह 1 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगा। उनका विश्वास है कि भारत जिस गति से इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, उसमें इस 1 ट्रिलियन डॉलर मार्केट का बड़ा हिस्सा भारत के पास होगा। पीएम ने याद दिलाया कि 2021 में सेमिकॉन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। 2023 तक भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट मंजूर हुआ, 2024 में कई और प्लांट्स को मंजूरी मिली और 2025 में 5 नए प्रोजेक्ट्स को भी हरी झंडी दी गई। वर्तमान में देश में 10 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, जिनमें 18 अरब डॉलर यानी 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत पर बढ़ते वैश्विक विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने इस क्षेत्र में गति की अहमियत बताते हुए कहा, “फाइल से फैक्ट्री तक का समय जितना कम होगा और कागजी कार्रवाई जितनी घटेगी, चिप उत्पादन उतनी तेजी से शुरू होगा।
निवेशकों के लिए आसान हुए नियम
उन्होंने बताया कि सरकार इसी दृष्टिकोण पर काम कर रही है। इसके लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जिससे निवेशकों को केंद्र और राज्यों की सभी मंजूरियां एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल जाती हैं। इससे उद्योगपतियों को कागजी झंझट से मुक्ति मिली है।
*देशभर में विकसित हो रहे सेमिकंडक्टर पार्क*
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि देशभर में सेमीकंडक्टर पार्क्स विकसित किए जा रहे हैं। प्लग-एंड-प्ले मॉडल पर तैयार हो रहे इन पार्क्स में जमीन, बिजली, पोर्ट और एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, साथ ही स्किल्ड वर्कफोर्स तक आसान पहुंच जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि जब मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर को पीएलआई इंसेंटिव और डिजाइन-लिंक्ड ग्रांट जैसी नीतियों से जोड़ा जाता है, तो औद्योगिक विकास स्वाभाविक रूप से होता है। यही वजह है कि भारत में लगातार विदेशी निवेश आ रहा है और देश सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर बढ़ रहा है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।