Monday, September 1, 2025

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6 अगस्त से भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फुटवियर मेला शुरू

यह मेला भारतीय जूता उद्योग की विशिष्टता को दर्शाता है, जो एमएसएमई-प्रधान होने के साथ पारंपरिक शिल्प और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम है, यह उद्योग न केवल वैश्विक बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

नई दिल्ली, 04 अगस्त 2025 (यूटीएन)। भारत में चमड़ा, गैर-चमड़ा और संबद्ध उद्योगों की निर्यात क्षमता को प्रदर्शित करते हुए, इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन द्वारा भारतीय अंतरराष्ट्रीय फुटवियर मेला के नौवें संस्करण का आयोजन 6 से 8 अगस्त, 2025 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली के हॉल 5 भू-तल और हॉल 6 में कर रहा है। इस मेले का आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन फुटवियर इंडस्ट्री के सहयोग से किया जा रहा है। यह मेला इंडियन फुटवियर कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन  और फुटवियर डिज़ाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा समर्थित है।
इस मेले में भारत और विदेशों की 200 से अधिक प्रमुख कंपनियाँ भाग ले रही हैं तथा विदेशी भागीदार जापान और ताइवान है। प्रदर्शनी प्रोफ़ाइल में हॉल 5 भू-तल में रसायन, कंपोनेंट्स, सामग्री जैसे संबद्ध क्षेत्र शामिल हैं, जबकि हॉल 6 में फुटवियर और मशीनरी का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें सिंथेटिक सामग्री जैसे पीवीसी/पीयू, ईवीए, फैब्रिक सोल्स, चिपकने वाले रसायन, चमड़े से बने उत्पाद और एसेसरीज़ भी प्रदर्शित की जाएंगी। भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फुटवियर उत्पादक देश है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 2.60 अरब जोड़ी है।
जो वैश्विक फुटवियर उत्पादन (16 अरब जोड़ी) का लगभग 13% है। यह मेला भारतीय जूता उद्योग की विशिष्टता को दर्शाता है, जो एमएसएमई-प्रधान होने के साथ पारंपरिक शिल्प और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम है। यह उद्योग न केवल वैश्विक बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है और निरंतर टिकाऊपन एवं स्मार्ट टेक्नोलॉजी जैसे ट्रेंड्स के साथ विकसित हो रहा है। यह मेला उपभोक्ताओं के बढ़ते सतर्कता और जागरूकता को भी दर्शाता है, जो पुनःचक्रित प्लास्टिक, ऑर्गेनिक कॉटन और वीगन लेदर जैसे टिकाऊ विकल्पों को अपना रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और 3डी प्रिंटिंग जैसी उभरती तकनीकों को अपनाते हुए, यह उद्योग अब ई-कॉमर्स सेक्टर के साथ मिलकर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
भारत में फुटवियर के प्रमुख उत्पादन केंद्र हैं—तमिलनाडु में चेन्नई, रानीपेट, अंबुर, महाराष्ट्र में मुंबई, उत्तर प्रदेश में कानपुर और आगरा, पंजाब में जालंधर, दिल्ली, हरियाणा में करनाल, लुधियाना, सोनीपत, फरीदाबाद, महाराष्ट्र में पुणे, पश्चिम बंगाल में कोलकाता और केरल में कालीकट, एर्नाकुलम आदि। इस उद्योग की वृद्धि और प्रोत्साहन केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी उद्देश्य से निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने फुटवियर क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति दी है। यह मेला केवल पंजीकृत व्यापारी आगंतुकों के लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा  जो 6 से 8 अगस्त तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाऐगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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6 अगस्त से भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फुटवियर मेला शुरू

यह मेला भारतीय जूता उद्योग की विशिष्टता को दर्शाता है, जो एमएसएमई-प्रधान होने के साथ पारंपरिक शिल्प और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम है, यह उद्योग न केवल वैश्विक बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

नई दिल्ली, 04 अगस्त 2025 (यूटीएन)। भारत में चमड़ा, गैर-चमड़ा और संबद्ध उद्योगों की निर्यात क्षमता को प्रदर्शित करते हुए, इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन द्वारा भारतीय अंतरराष्ट्रीय फुटवियर मेला के नौवें संस्करण का आयोजन 6 से 8 अगस्त, 2025 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली के हॉल 5 भू-तल और हॉल 6 में कर रहा है। इस मेले का आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन फुटवियर इंडस्ट्री के सहयोग से किया जा रहा है। यह मेला इंडियन फुटवियर कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन  और फुटवियर डिज़ाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा समर्थित है।
इस मेले में भारत और विदेशों की 200 से अधिक प्रमुख कंपनियाँ भाग ले रही हैं तथा विदेशी भागीदार जापान और ताइवान है। प्रदर्शनी प्रोफ़ाइल में हॉल 5 भू-तल में रसायन, कंपोनेंट्स, सामग्री जैसे संबद्ध क्षेत्र शामिल हैं, जबकि हॉल 6 में फुटवियर और मशीनरी का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें सिंथेटिक सामग्री जैसे पीवीसी/पीयू, ईवीए, फैब्रिक सोल्स, चिपकने वाले रसायन, चमड़े से बने उत्पाद और एसेसरीज़ भी प्रदर्शित की जाएंगी। भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फुटवियर उत्पादक देश है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 2.60 अरब जोड़ी है।
जो वैश्विक फुटवियर उत्पादन (16 अरब जोड़ी) का लगभग 13% है। यह मेला भारतीय जूता उद्योग की विशिष्टता को दर्शाता है, जो एमएसएमई-प्रधान होने के साथ पारंपरिक शिल्प और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम है। यह उद्योग न केवल वैश्विक बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है और निरंतर टिकाऊपन एवं स्मार्ट टेक्नोलॉजी जैसे ट्रेंड्स के साथ विकसित हो रहा है। यह मेला उपभोक्ताओं के बढ़ते सतर्कता और जागरूकता को भी दर्शाता है, जो पुनःचक्रित प्लास्टिक, ऑर्गेनिक कॉटन और वीगन लेदर जैसे टिकाऊ विकल्पों को अपना रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और 3डी प्रिंटिंग जैसी उभरती तकनीकों को अपनाते हुए, यह उद्योग अब ई-कॉमर्स सेक्टर के साथ मिलकर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
भारत में फुटवियर के प्रमुख उत्पादन केंद्र हैं—तमिलनाडु में चेन्नई, रानीपेट, अंबुर, महाराष्ट्र में मुंबई, उत्तर प्रदेश में कानपुर और आगरा, पंजाब में जालंधर, दिल्ली, हरियाणा में करनाल, लुधियाना, सोनीपत, फरीदाबाद, महाराष्ट्र में पुणे, पश्चिम बंगाल में कोलकाता और केरल में कालीकट, एर्नाकुलम आदि। इस उद्योग की वृद्धि और प्रोत्साहन केंद्र एवं राज्य सरकारों की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी उद्देश्य से निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने फुटवियर क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति दी है। यह मेला केवल पंजीकृत व्यापारी आगंतुकों के लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा  जो 6 से 8 अगस्त तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाऐगा।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

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