Monday, September 1, 2025

National

spot_img

आदि कर्मयोगी – उत्तरदायी शासन के लिए एक संपूर्ण राष्ट्रीय आंदोलन

नई दिल्ली, 23 जुलाई 2025 (यूटीएन)। 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने भोपाल में आदि कर्मयोगी – राष्ट्रीय उत्तरदायी शासन मिशन की सात दिवसीय दूसरी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) का शुभारंभ किया। इस अहम पहल का उद्देश्य 20 लाख जमीनी कार्यकर्ताओं और ग्राम-स्तरीय परिवर्तनकारी नेताओं का एक सक्रिय कैडर तैयार करना है जो समावेशी विकास को गति देंगे और जनजातीय क्षेत्रों में कोने-कोने तक सेवा वितरण को सुदृढ़ करेंगे। भोपाल में शुरू किया गया आरपीएल इस महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मिशन की निरंतरता का प्रतीक है।
यह एक रणनीतिक क्षमता निर्माण केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के राज्य मास्टर प्रशिक्षकों (एसएमटी) को प्रशिक्षण देता है। आदि कर्मयोगी एक कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है; यह भारत के आदिवासी लोकाचार में निहित और स्थानीय समर्थकों/चैम्पियनों के नेतृत्व में, नीचे से ऊपर तक शासन की पुनर्कल्पना करने के लिए एक कार्य-आह्वान है। पीएम-जनमन और डीएजेजीयूए जैसी प्रमुख पहलों के साथ, यह मिशन एकजुटता, समुदाय और क्षमता के स्तंभों पर निर्मित शासन नवाचार के अगले अध्याय का सूत्रपात करता है।
यह आत्मा और संरचना दोनों के साथ शासन का प्रतिनिधित्व करता है, जहां आदिवासी युवाओं की आकांक्षाएं उत्तरदायी संस्थाओं से मिलती हैं और जहां नीतियां लोगों तक गरिमा, समयबद्धता और उद्देश्य के साथ पहुंचती हैं। भारत रूरल लिवलीहुड फाउंडेशन (बीआरएलएफ) के अध्यक्ष गिरीश प्रभुने ने प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत किया और इस अभियान की सराहना करते हुए इसे आदिवासी विकास परिदृश्य में एक “समयानुकूल और परिवर्तनकारी हस्तक्षेप” बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है, जो समावेशी विकास की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
उन्होंने आदिवासी बहुल गांवों में सांस्कृतिक रूप से निहित और स्थानीय रूप से प्रचलित कौशलों को पहचानने और उनका उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया-जो स्थायी आजीविका और सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकास के प्रयास संदर्भ-संवेदनशील, कौशल-केंद्रित और समुदाय-केंद्रित होने चाहिए ताकि आदिवासी आबादी के साथ वास्तविक रूप से जुड़ सकें और दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित कर सकें।
मध्य प्रदेश के जनजातीय कल्याण विभाग के माननीय मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने विभिन्न योजनाओं के बीच तालमेल के महत्व और जनजातीय बहुल गांवों में सांस्कृतिक रूप से निहित एवं स्थानीय रूप से प्रचलित कौशलों को पोषित करने के महत्व पर बल दिया।
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि राज्य, एसएमटी और डीएमटी को सशक्त बनाने के लिए जनजातीय कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश, विस्तार प्रशिक्षण केंद्रों और पंचायत-स्तरीय सुविधाओं जैसे प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे के माध्यम से पूर्ण संस्थागत समर्थन प्रदान करेगा। यह मिशन एक संवर्ग-आधारित क्षमता-निर्माण मॉडल प्रस्तुत करता है
tujजिसका उद्देश्य जनजातीय कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाना और सामुदायिक स्तर पर शासन को बेहतर बनाना है। तालमेल को बढ़ावा देकर, संस्थागत क्षमताओं को सुदृढ़ करके और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देकर, आदि कर्मयोगी से जनजातीय विकास कार्यक्रमों के प्रभाव में तेजी लाने और अधिक समावेशी एवं उत्तरदायी सेवा वितरण सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव विभु नायर प्रक्रिया प्रयोगशाला में वर्चुअल रूप से शामिल हुए और इस अभियान को उत्तरदायी जनजातीय शासन के एक नए प्रतिमान के निर्माण के लिए एक “ऐतिहासिक अवसर” बताया। उन्होंने अंतर-विभागीय अभिसरण के द्वारा समर्थित स्थानीयकृत, संदर्भ-केंद्रित समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एसएमटी को “परिवर्तन के अग्रदूत” बनने का आग्रह करते हुए, जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और कोने-कोने तक शासन की कमी को पाटने के उत्प्रेरक के रूप में उनकी कल्पना की।
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
उत्तर प्रदेश के जनजातीय कल्याण विभाग में अपर मुख्य सचिव एल. वेकटेश्वरलू ने पीएम-जनमन और दजगुआ जैसी प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन में अधिकारियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की मजबूत भूमिका पर प्रकाश डाला। इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति को स्वीकार करते हुए, उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी मिशन एक मजबूत, कैडर-आधारित क्षमता निर्माण मॉडल के माध्यम से महत्वपूर्ण अंतिम छोर तक वितरण के अंतर को पाटने में मदद करेगा।
छत्तीसगढ़ के जनजातीय कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने पीएम-जनमन और दजगुआ जैसी प्रमुख जनजातीय कल्याण योजनाओं के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन में अधिकारियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इन पहलों के तहत हुई पर्याप्त प्रगति को स्वीकार करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाल ही में शुरू किया गया आदि कर्मयोगी मिशन महत्वपूर्ण अंतिम छोर तक वितरण के अंतर को पाटने में सहायक होगा। मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने पीएम-जनमन और दजगुआ जैसी जनजातीय कल्याण योजनाओं को जमीनी स्तर पर सार्थक परिणामों में बदलने में प्रतिबद्ध अधिकारियों और जमीनी कार्यकर्ताओं की केंद्रीय भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों के साथ उनका गहरा जुड़ाव और निरंतर क्षेत्रीय प्रयास इन कार्यक्रमों की सफलता की कुंजी रहे हैं। बामरा ने आदि कर्मयोगी मिशन को एक ऐतिहासिक अभिसरण पहल के रूप में रेखांकित किया, जिसे विभिन्न विभागों में जनजातीय विकास प्रयासों को एकीकृत और सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन किया गया है। कैडर-आधारित क्षमता-निर्माण के दृष्टिकोण अपनाकर, यह मिशन अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाता है, संस्थागत वितरण को बढ़ाता है और यह सुनिश्चित करता है कि जनजातीय आबादी समन्वित, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और प्रभावशाली शासन से लाभान्वित हो-और अंतिम छोर तक की दूरी को प्रभावी ढंग से पाट सके।
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
जनजातीय कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव और नेस्ट्स (एनईएसटीएस) के आयुक्त अजीत श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश को जनजातीय विकास गतिविधियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान बताया और भोपाल में आदि कर्मयोगी की दूसरी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला के शुभारंभ को प्रधानमंत्री के मिशन कर्मयोगी विजन के अनुरूप एक अभिसरण-संचालित नवीन शासन मॉडल बताया।
उन्होंने शिक्षार्थी और नेतृत्वकर्ता के रूप में एसएमटी की दोहरी भूमिका पर जोर दिया और भारत के जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक समृद्धि को शासन उत्कृष्टता के एक अनिवार्य तत्व के रूप में सराहा। जनजातीय कार्य मंत्रालय में उप सचिव जफर मलिक ने सभी प्रतिभागियों के प्रति अपने धन्यवाद ज्ञापन में, आरपीएल को “जमीनी स्तर के ज्ञान का एक ऐसा संगम” बताया जो व्यवस्थागत परिवर्तन लाने के लिए तैयार है।
जनजातीय मिशनों के विकासक्रम-पीएम-जनमन (संपूर्ण सरकार) से लेकर दजगुआ (संपूर्ण समाज) और अब आदि कर्मयोगी (संपूर्ण राष्ट्र) तक-का वर्णन करते हुए, उन्होंने विभिन्न विभागों के बीच एकीकरण का आह्वान किया ताकि अलगाव की स्थिति को समाप्त किया जा सके और समन्वित परिणाम हासिल हो सकें।
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
*आदि कर्मयोगी: प्रत्येक हितधारक के लिए एक मिशन*
आदि कर्मयोगी मिशन, निचले स्तर से ऊपर की ओर दृष्टिकोण के साथ-साथ वास्तविक समय पर शिकायत निवारण और सहयोगात्मक कार्यान्वयन के माध्यम से उत्तरदायी शासन को बढ़ावा देता है।
यह जनजातीय मामलों, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, जल शक्ति, स्कूली शिक्षा और वन सहित प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय पर आधारित है। क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) एक व्यापक मॉडल पर आधारित क्षमता निर्माण केंद्र है।
यहां प्रशिक्षित एसएमटी राज्य प्रक्रिया प्रयोगशालाओं (एसपीएल) का नेतृत्व करेंगे, जो बदले में जिला मास्टर प्रशिक्षकों (डीएमटी) को प्रशिक्षित करेंगे। यह कार्यक्रम सहभागी शिक्षण को सुदृढ़ करने और स्थानीय संदर्भों को अपनाया जाना सुनिश्चित करने के लिए नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) को भी एकीकृत करता है। आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जुलाई से अगस्त 2025 के बीच सात क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशालाओं की स्थापना की योजना है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

International

spot_img

आदि कर्मयोगी – उत्तरदायी शासन के लिए एक संपूर्ण राष्ट्रीय आंदोलन

नई दिल्ली, 23 जुलाई 2025 (यूटीएन)। 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने भोपाल में आदि कर्मयोगी – राष्ट्रीय उत्तरदायी शासन मिशन की सात दिवसीय दूसरी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) का शुभारंभ किया। इस अहम पहल का उद्देश्य 20 लाख जमीनी कार्यकर्ताओं और ग्राम-स्तरीय परिवर्तनकारी नेताओं का एक सक्रिय कैडर तैयार करना है जो समावेशी विकास को गति देंगे और जनजातीय क्षेत्रों में कोने-कोने तक सेवा वितरण को सुदृढ़ करेंगे। भोपाल में शुरू किया गया आरपीएल इस महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मिशन की निरंतरता का प्रतीक है।
यह एक रणनीतिक क्षमता निर्माण केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के राज्य मास्टर प्रशिक्षकों (एसएमटी) को प्रशिक्षण देता है। आदि कर्मयोगी एक कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है; यह भारत के आदिवासी लोकाचार में निहित और स्थानीय समर्थकों/चैम्पियनों के नेतृत्व में, नीचे से ऊपर तक शासन की पुनर्कल्पना करने के लिए एक कार्य-आह्वान है। पीएम-जनमन और डीएजेजीयूए जैसी प्रमुख पहलों के साथ, यह मिशन एकजुटता, समुदाय और क्षमता के स्तंभों पर निर्मित शासन नवाचार के अगले अध्याय का सूत्रपात करता है।
यह आत्मा और संरचना दोनों के साथ शासन का प्रतिनिधित्व करता है, जहां आदिवासी युवाओं की आकांक्षाएं उत्तरदायी संस्थाओं से मिलती हैं और जहां नीतियां लोगों तक गरिमा, समयबद्धता और उद्देश्य के साथ पहुंचती हैं। भारत रूरल लिवलीहुड फाउंडेशन (बीआरएलएफ) के अध्यक्ष गिरीश प्रभुने ने प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत किया और इस अभियान की सराहना करते हुए इसे आदिवासी विकास परिदृश्य में एक “समयानुकूल और परिवर्तनकारी हस्तक्षेप” बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है, जो समावेशी विकास की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
उन्होंने आदिवासी बहुल गांवों में सांस्कृतिक रूप से निहित और स्थानीय रूप से प्रचलित कौशलों को पहचानने और उनका उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया-जो स्थायी आजीविका और सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकास के प्रयास संदर्भ-संवेदनशील, कौशल-केंद्रित और समुदाय-केंद्रित होने चाहिए ताकि आदिवासी आबादी के साथ वास्तविक रूप से जुड़ सकें और दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित कर सकें।
मध्य प्रदेश के जनजातीय कल्याण विभाग के माननीय मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने विभिन्न योजनाओं के बीच तालमेल के महत्व और जनजातीय बहुल गांवों में सांस्कृतिक रूप से निहित एवं स्थानीय रूप से प्रचलित कौशलों को पोषित करने के महत्व पर बल दिया।
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि राज्य, एसएमटी और डीएमटी को सशक्त बनाने के लिए जनजातीय कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश, विस्तार प्रशिक्षण केंद्रों और पंचायत-स्तरीय सुविधाओं जैसे प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे के माध्यम से पूर्ण संस्थागत समर्थन प्रदान करेगा। यह मिशन एक संवर्ग-आधारित क्षमता-निर्माण मॉडल प्रस्तुत करता है
tujजिसका उद्देश्य जनजातीय कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाना और सामुदायिक स्तर पर शासन को बेहतर बनाना है। तालमेल को बढ़ावा देकर, संस्थागत क्षमताओं को सुदृढ़ करके और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देकर, आदि कर्मयोगी से जनजातीय विकास कार्यक्रमों के प्रभाव में तेजी लाने और अधिक समावेशी एवं उत्तरदायी सेवा वितरण सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव विभु नायर प्रक्रिया प्रयोगशाला में वर्चुअल रूप से शामिल हुए और इस अभियान को उत्तरदायी जनजातीय शासन के एक नए प्रतिमान के निर्माण के लिए एक “ऐतिहासिक अवसर” बताया। उन्होंने अंतर-विभागीय अभिसरण के द्वारा समर्थित स्थानीयकृत, संदर्भ-केंद्रित समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एसएमटी को “परिवर्तन के अग्रदूत” बनने का आग्रह करते हुए, जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और कोने-कोने तक शासन की कमी को पाटने के उत्प्रेरक के रूप में उनकी कल्पना की।
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
उत्तर प्रदेश के जनजातीय कल्याण विभाग में अपर मुख्य सचिव एल. वेकटेश्वरलू ने पीएम-जनमन और दजगुआ जैसी प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन में अधिकारियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की मजबूत भूमिका पर प्रकाश डाला। इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति को स्वीकार करते हुए, उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी मिशन एक मजबूत, कैडर-आधारित क्षमता निर्माण मॉडल के माध्यम से महत्वपूर्ण अंतिम छोर तक वितरण के अंतर को पाटने में मदद करेगा।
छत्तीसगढ़ के जनजातीय कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने पीएम-जनमन और दजगुआ जैसी प्रमुख जनजातीय कल्याण योजनाओं के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन में अधिकारियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इन पहलों के तहत हुई पर्याप्त प्रगति को स्वीकार करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाल ही में शुरू किया गया आदि कर्मयोगी मिशन महत्वपूर्ण अंतिम छोर तक वितरण के अंतर को पाटने में सहायक होगा। मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने पीएम-जनमन और दजगुआ जैसी जनजातीय कल्याण योजनाओं को जमीनी स्तर पर सार्थक परिणामों में बदलने में प्रतिबद्ध अधिकारियों और जमीनी कार्यकर्ताओं की केंद्रीय भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों के साथ उनका गहरा जुड़ाव और निरंतर क्षेत्रीय प्रयास इन कार्यक्रमों की सफलता की कुंजी रहे हैं। बामरा ने आदि कर्मयोगी मिशन को एक ऐतिहासिक अभिसरण पहल के रूप में रेखांकित किया, जिसे विभिन्न विभागों में जनजातीय विकास प्रयासों को एकीकृत और सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन किया गया है। कैडर-आधारित क्षमता-निर्माण के दृष्टिकोण अपनाकर, यह मिशन अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाता है, संस्थागत वितरण को बढ़ाता है और यह सुनिश्चित करता है कि जनजातीय आबादी समन्वित, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और प्रभावशाली शासन से लाभान्वित हो-और अंतिम छोर तक की दूरी को प्रभावी ढंग से पाट सके।
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
जनजातीय कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव और नेस्ट्स (एनईएसटीएस) के आयुक्त अजीत श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश को जनजातीय विकास गतिविधियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान बताया और भोपाल में आदि कर्मयोगी की दूसरी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला के शुभारंभ को प्रधानमंत्री के मिशन कर्मयोगी विजन के अनुरूप एक अभिसरण-संचालित नवीन शासन मॉडल बताया।
उन्होंने शिक्षार्थी और नेतृत्वकर्ता के रूप में एसएमटी की दोहरी भूमिका पर जोर दिया और भारत के जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक समृद्धि को शासन उत्कृष्टता के एक अनिवार्य तत्व के रूप में सराहा। जनजातीय कार्य मंत्रालय में उप सचिव जफर मलिक ने सभी प्रतिभागियों के प्रति अपने धन्यवाद ज्ञापन में, आरपीएल को “जमीनी स्तर के ज्ञान का एक ऐसा संगम” बताया जो व्यवस्थागत परिवर्तन लाने के लिए तैयार है।
जनजातीय मिशनों के विकासक्रम-पीएम-जनमन (संपूर्ण सरकार) से लेकर दजगुआ (संपूर्ण समाज) और अब आदि कर्मयोगी (संपूर्ण राष्ट्र) तक-का वर्णन करते हुए, उन्होंने विभिन्न विभागों के बीच एकीकरण का आह्वान किया ताकि अलगाव की स्थिति को समाप्त किया जा सके और समन्वित परिणाम हासिल हो सकें।
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
Ujjwal Times News Pvt. Ltd.
*आदि कर्मयोगी: प्रत्येक हितधारक के लिए एक मिशन*
आदि कर्मयोगी मिशन, निचले स्तर से ऊपर की ओर दृष्टिकोण के साथ-साथ वास्तविक समय पर शिकायत निवारण और सहयोगात्मक कार्यान्वयन के माध्यम से उत्तरदायी शासन को बढ़ावा देता है।
यह जनजातीय मामलों, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, जल शक्ति, स्कूली शिक्षा और वन सहित प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय पर आधारित है। क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (आरपीएल) एक व्यापक मॉडल पर आधारित क्षमता निर्माण केंद्र है।
यहां प्रशिक्षित एसएमटी राज्य प्रक्रिया प्रयोगशालाओं (एसपीएल) का नेतृत्व करेंगे, जो बदले में जिला मास्टर प्रशिक्षकों (डीएमटी) को प्रशिक्षित करेंगे। यह कार्यक्रम सहभागी शिक्षण को सुदृढ़ करने और स्थानीय संदर्भों को अपनाया जाना सुनिश्चित करने के लिए नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) को भी एकीकृत करता है। आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जुलाई से अगस्त 2025 के बीच सात क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशालाओं की स्थापना की योजना है।
विशेष- संवाददाता, (प्रदीप जैन)।

National

spot_img

International

spot_img
RELATED ARTICLES