नई दिल्ली, 10 जून 2023 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात हाई कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है. आप संयोजक ने 31 मार्च को सुनाए गए आदेश पर ये समीक्षा याचिका दायर की है. कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें डिग्री शेयर करने के लिए कहा गया था. साथ ही अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल की रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के बाद मामले को स्वीकार कर लिया है. जस्टिस बीरेन वैष्णव की खंडपीड ने शुक्रवार को उत्तरदाताओं, गुजरात विश्वविद्यालय, मुख्य सूचना आयुक्त, तत्कालीन सीआईसी प्रोफेसर एम. श्रीधर आचार्युलु और भारत संघ के लिए एक नियम जारी किया और मामले को 30 जून को सुनवाई के लिए निर्धारित किया है.
*रिव्यू पिटीशन में क्या ?*
अपनी रिव्यू याचिका में केजरीवाल ने कहा है कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से गुजरात विश्वविद्यालय के लिए पेश किए गए सबमिशन के आधार पर कोर्ट ने 31 मार्च के आदेश में नोट किया कि पीएम मोदी की शैक्षिक डिग्री गुजरात विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. जबकि ये सही नहीं है क्योंकि वेबसाइट पर केवल एक ऑफिस रजिस्टर (ओआर) मौजूद है जो मूल डिग्री से अलग है.
वहीं, इससे पहले एसजी मेहता ने गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था कि उक्त डिग्री गुजरात विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे केजरीवाल सत्यापित कर सकते हैं. इसी को आधार बनाते हुए अरविंद केजरीवाल ने फैसले की समीक्षा की मांग की है. केजरीवाल ने यह भी कहा है कि उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट को पूरा स्कैन करने के लिए इस विषय पर विशेष ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की मदद ली और उससे यह पता चला कि ‘डिग्री’ को ऑनलाइन अपलोड नहीं किया गया है. जबकि विश्वविद्यालय ने हाई कोर्ट के समक्ष इस तरह का दावा किया था. इसके अलावा, इस समीक्षा याचिका में 25 हजार रुपये के जुर्माने को भी चुनौती दी गई है.
दरअसल, अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी आचार्युलु ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को केजरीवाल को मोदी की डिग्रियों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. सीआईसी का यह आदेश केजरीवाल की ओर से आचार्युलु को लिखे पत्र के एक दिन बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बारे में सरकारी रिकॉर्ड सार्वजनिक किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. गौरतलब है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए गुजरात विश्वविद्यालय को केंद्रीय सूचना आयोग की ओर से जारी एक निर्देश को उच्च न्यायालय ने हाल में रद्द कर दिया था.
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |