नई दिल्ली, 01 अप्रैल 2023 (यूटीएन)। संसद की कार्मिक, जन शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी स्थायी समिति ने सरकार को सलाह दी है कि लोक सेवकों की संपत्तियों के ब्योरे की प्रामाणिकता से जांच होनी चाहिए। समिति ने संसद में पेश की अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2011 से 2022 की अवधि में भारतीय प्रशासनिक सेवा (
आईएएस) के 1,393 अधिकारियों ने संपत्ति का ब्योरा पेश नहीं किया है। इसके साथ ही समिति ने रिपोर्ट में कहा, लोक प्रशासन में भ्रष्टाचार के व्यापक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए
लोक सेवकों का अचल संपत्ति रिटर्न का वार्षिक ब्यौरा नहीं दायर करना चिंताजनक है। इस मुद्दे की जांच के लिए केंद्र सरकार को एक समिति गठित करने की सिफारिश की जाती है।
केंद्र सरकार के कार्मिक व जन शिकायत विभाग से कहा कि लोक सेवकों की तरफ से दिए गए संपत्ति के ब्योरे की प्रामाणिक जांच के लिए एक तंत्र विकसित करना चाहिए।रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संधि (
यूएनसीएसी) का हस्ताक्षरकर्ता है, जिसमें भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए प्रभावी व्यवस्था स्थापित एवं प्रोत्साहित करने को कहा गया है। लिहाजा, तमाम उन पहलुओं पर गौर करने की जरूरत है, जिनसे भ्रष्टाचार और हितों के टकराव जैसी स्थिति बनती है। इसके साथ ही अखिल भारतीय सेवा व भारतीय विदेश सेवा (
आईएफएस) में दंपती को एक स्थान पर नियुक्ति देने के मुद्दे पर विचार की जरूरत बताते हुए कहा कि इस संबंध में व्यापक और स्पष्ट दिशानिर्देश तैयार करने की जरूरत है।
विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |